नाम : अनिल वर्मा
पद : प्रदेश अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी, उत्त रप्रदेश। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड व प्रदेश महामंत्री उद्योग व्यापार महासंघ
नवप्रवर्तक कोड : 71183006
परिचय :
लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.ए. व एल.एल.बी. करने वाले अनिल वर्मा जी एक राजनीतिक नवप्रवर्तक एवं समाज सुधारक हैं. इनके दादा जी स्वतंत्रता सेनानी थे तथा पिता सचिवालय संघ के अध्यक्ष रहे हैं, इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनैतिक रही है. वर्त्तमान में अनिल जी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं और वह पार्टी में उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन हैं. अनिल जी ने अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत मुलायम सिंह से प्रभावित होकर 1993 से मुलायम यूथ ब्रिगेड कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में की. इसके बाद सन 1999 में उन्होंने प्रदेश सचिव तथा प्रदेश प्रवक्ता के पद पर कार्य किया. सन 2000 में वह कुर्मी उत्थान समिति के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हुए, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किये. इसके बाद वर्ष 2002 में उन्होंने प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर भी कार्य किया. सन 2014 में वह उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार महासंघ के प्रदेश महामंत्री चुने गये. इसके अलावा सन 2016 में उन्होंने मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी कार्य किया.
उद्देश्य
अनिल वर्मा समाज सुधार के विभिन्न कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर भाग लेते रहे हैं, मुलायम यूथ ब्रिगेड के भिन्न पदों पर कार्य करते हुए उन्होंने कई लोगों की सहायता की. उन्होंने नौजवानों, किसानों तथा गरीबों के हितों की रक्षा के लिए अनेक प्रयास किये. व्यापारी वर्ग और कुर्मी वर्ग के उत्थान के लिये इनका योगदान अमूल्य है. दूसरों के कष्टों को दूर करने की मनोभावना रखना तथा उनकी सहायता करना ही इनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य रहा है.
संघर्षशील जीवन
गरीबों और जरूरतमंदों को उनका हक़ दिलाने के लिए
अनिल जी ने सरकार से बड़ा संघर्ष किया, इस संघर्ष के मार्ग में
उन्होंने कई बार जेल यात्रा भी की. अपने मार्ग से विचलित हुए बिना सत्य के लिये लड़ाई लड़ते हुए
उन्होंने कई आन्दोलन किये, जिनकी सराहना तत्कालीन समाचार पत्रों के द्वारा भी की
गई.
उन्होंने पश्चिम विधानसभा में विरोध के चलते
अधिकारियों को कमरों में बंद भी किया, सड़कों पर जनहित के लिए लाठियां तक खायीं और
कई कठिनाइयों के होते हुए भी जनहित के मार्ग से विमुख नहीं हुए.
सामाजिक कार्य
व्यापार अध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए उन्होने पूरे उत्तर प्रदेश में व्यापारियों के हित के लिए आवाज़ उठाई. इसके आलावा लखनऊ
में सबसे अप्रचलित मुद्दा, जिसमें बनारसी साड़ियों का काम करने वाले मुसलमानों के
हितों की रक्षा की बात थी, इस पर भी साहस धारण करते हुए उन्होंने संघर्षपूर्वक
जटिल प्रयास किया, इन मुसलमानों को जर्दोजी के नाम से भी जाना जाता है और
जर्दोजियों के लिये संघर्ष इनका उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा कार्य है जो मुख्यतः
पुराने लखनऊ में प्रचलित है.
इनके कार्यों की कड़ी केवल यहीं समाप्त नही होती, धर्मवाद, जातिवाद, शिक्षा इत्यादि पर भी इन्होंने काफी कार्य किया. इन सब के अलावा किसानों के हितों की बात इनके आन्दोलनों का प्रमुख उद्देश्य रही
है.
मुख्य कार्य क्षेत्र
संपूर्ण उत्तर प्रदेश में कुर्मियों के हितों के लिये उन्होने आंदोलनों के द्वारा संघर्ष का ही मार्ग अपनाया. उत्तर प्रदेश में इनके प्रमुख कार्य क्षेत्र सीतापुर, लखीमपुर और पीलीभीत, बरेली हैं. अधिकतम सफलता इन्हें सीतापुर तथा लखीमपुर क्षेत्र में ही मिली . लखनऊ में जर्दोजी संघर्ष प्रमुख कार्यक्षेत्र का उदाहरण है. इन सभी कार्यों के अलावा उन्होंने ज़मीनी स्तर के लोगों की भी सहायता की है. वहीं उन्होंने ई-रिक्शा चालकों तथा गरीबों की समस्याओं का निवारण करने के लिए भी कई प्रयास किये हैं.