नाम – आनंद त्रिवेदी
पद – पूर्व पार्षद, कमला नेहरु वार्ड, कानपुर
नवप्रवर्तक कोड -
जीवन परिचय –
आनंद त्रिवेदी जी कानपुर से एक समाज सेवक एवं राजनीतिक नवप्रवर्तक के रूप में
कार्यरत हैं. हाई स्कूल तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात वर्ष 1965 से ही
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर आनंद जी समाज कल्याण के निहितार्थ कार्य कर रहे
हैं. एक बाल स्वयंसेवक के नाते संघ से जुड़कर उन्होंने चरित्र निर्माण के साथ
सामाजिक जीवन यापन करने की दिशा में अनवरत कार्य किया है. मूल रूप से व्यवसायी
आनंद जी कमला नेहरु वार्ड से पार्षद रह चुके हैं, इसके साथ ही वह भारतीय जनता
पार्टी के बैनर तले जनहित कार्यक्रमों से जुड़कर समाज की प्रगति के लिए क्रियाशील
हैं.
राजनीतिक पदार्पण –
संघ कार्यकर्ता होने एवं स्वर्गीय अटल जी के सिद्धांतों से प्रभावित होने के कारण आनंद जी ने भाजपा के साथ जुड़कर राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया. वर्ष 1980 में वे भाजपा से वार्ड की कार्यकारिणी में सदस्य के रूप में चुने गये. वर्ष 1982 में वे सर्वसम्मति से नेहरु नगर वार्ड से अध्यक्ष नियुक्त हुए तथा विधानसभा के गठन के समय मंडल एवं विधानसभा कार्यकारिणी चुनावों के अंतर्गत मंत्री पद पर रहकर आनंद जी ने तत्कालीन अध्यक्ष प्रेमलता जी के साथ मिलकर “गन्दा नाला पाटो”, बिजली समस्या एवं अन्य मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाई.
इसके उपरांत वर्ष 1986 में विधानसभा का चुनाव लड़कर उन्होंने विजय हासिल की तथा
निरंतर तीन बार अध्यक्ष पद पर अपनी सेवाएं दी. वर्ष 1989 में अध्यक्ष रहते हुए ही
सभासद निकाय की चुनावों में आनंद जी ने स्वयं एवं अन्य सहयोगियों को भागीदार बनाया
तथा विजय भी हासिल की. भाजपा के आदर्शों और सिद्धांतों पर वे सदैव चलते रहे हैं
परन्तु कुछ कूटनीतिक कार्यकर्ताओं के कारण उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिल पाने के
कारण उन्होंने निर्दलीय चुनाव भी लड़ा. कमला नेहरु वार्ड से पार्षद के रूप में आनंद
जी ने क्षेत्र विकास के लिए निरंतर कार्य किया.
सामाजिक सरोकार –
मुख्य रूप से अटल जी की वाकपटुता से प्रभावित होकर ही आनंद जी ने समाज उत्थान
के पथ पर चलने का निर्णय लिया. इसके अतिरिक्त उन्होंने युवावस्था में क्षेत्रीय
पार्षद श्याम मनोहर द्विवेदी जी को क्षेत्र के लिए कार्य करते हुए देखा, उन्हें
प्रेरणास्त्रोत मानकर आनंद जी ने वार्ड की बेहतरी के लिए स्वयं पार्षदी के क्षेत्र
में जाना तय किया और जनता की सेवा करने की दिशा में अपना योगदान निश्चित किया.
प्रमुख क्षेत्रीय कार्य –
अपने पार्षदी कार्यकाल के दौरान आनंद जी ने वार्ड में खडंजा हटवाकर सीसी का
कार्य कराया. गलियों में हैंडपंप की व्यवस्था भी की. सड़कों के किनारों पर पौधारोपण
करवाया, जिससे क्षेत्र में स्वच्छता बनी रह सके. जनता और निकाय के संयुक्त
प्रयासों द्वारा आनंद जी ने वार्ड में स्वच्छता के लिए बहुत से कार्य किये.
वर्तमान में पार्षद पद पर नहीं होने के बावजूद भी वे निरंतर भाजपा के स्वच्छता
अभियान से जुड़कर कार्य कर रहे हैं. पार्कों में कूड़ा हटवाने के साथ साथ वे
वृक्षारोपण सम्बन्धी कार्य भी कर रहे हैं.
भविष्यगत योजनाएं –
भविष्य में यदि आनंद जी विधयक पद पर चुने जाते हैं, तो वे पूरी ईमानदारी से
वार्ड के विकास कार्यों (सड़क व्यवस्था, पेयजल, सीवर आदि) को तकनीकी योजनाप्रणाली
के साथ संपन्न करवाना चाहते हैं. जिसके लिए वे क्षेत्रीय जनता को जागरूक और सचेत
करना चाहते है.
राष्ट्रीय मुद्दों के प्रति विचारधारा –
आनंद जी के अनुसार वर्तमान भारत में सबसे बड़ी समस्या कुपोषण की है, जो बढती
जनसंख्या के चलते गरीबी से फैलती है. अशिक्षा भी एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण
जनता लोकतंत्र के सदुपयोग से अनभिज्ञ होकर अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति
जागरूक नहीं रह पाती और यह स्थिति लोकतंत्र की हत्या के समान है.
इसके अतिरिक्त आज महानगरों में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ना चिंताजनक
है. जिसके लिए धरातलीय स्तर पर कार्य किये जाने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य
सुविधाओं के अभाव क मुद्दा भी देश को वैभवशाली बनने से रोकता है, हालांकि सरकारी योजनायें
अपेक्षाकृत बहुत अच्छी हैं, परन्तु जनता में उचित जानकारी के अभाव के चलते उनका
क्रियान्वन नहीं हो पाता.
आनंद जी का मानना है भ्रष्टाचार एक ऐसा मुद्दा है, जो देश के विकास कजो बाधित
करता है. उनके अनुसार यदि प्रशासन उचित तौर पर कार्य करे और प्रमुख पदों पर
विराजमान लोग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही प्रकार से करें तो देश को उन्नति
क पथ पर आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.
वैश्विक परिद्रश्य में भारत –
आनंद जी का मानना है कि आज केंद्रीय सरकार की विदेशी नीति काफी कारगार है,
जिसके चलते देश वैश्विक स्तर पर अपनी नई पहचान अंकित कर रहा है. पर्यावरण संरक्षण और
योग को अंतर्राष्ट्रीय तौर पर विख्यात कर भारतीय सरकार देश को नवशक्ति बनाने की
दिशा में निरंतर अग्रसर है.