नाम : अखिलेश नाथ दीक्षित
पद : जिला महामंत्री भाजपा बांदा
नवप्रवर्तक कोड़ : 71190268
परिचय -
एक राष्ट्रवादी नेता, कुशल राजनीतिक नवप्रवर्तक एवं जनसेवक अखिलेश दीक्षित बांदा जिले से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने 1993 में फिज़िक्स व मैथेमेटिक्स विषयों के साथ बीएससी उत्तीर्ण की है। वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी से जिला महामंत्री के पद पर कार्यरत होकर जन जन में भाजपा के विचारों व सिद्धांतों को स्थापित करने में अग्रणी हैं।
राजनीतिक जीवन -
भाजपा के बैनर तले अपनी बहुआयामी प्रतिभा के माध्यम से अखिलेश दीक्षित पार्टी के विस्तार और विकास के लिए बांदा जिले में प्रयास कर रहे हैं। एक राष्ट्रवादी नेता के तौर पर राजनीति की शुरुआत करते हुए वह 2001-06 तक भाजपा युवा मोर्चा के विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में क्रियाशील रहे। 2006-09 तक उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा के अंतर्गत जिला उपाध्यक्ष पद पर अपनी सेवाएं दी। 2009-13 तक अखिलेश दीक्षित भाजपा पंचायत प्रकोष्ठ में जिला संयोजक पद पर कार्यरत रहे।
इसके उपरांत उनकी योग्यता व कार्य कुशलता को देखते हुए उन्हें शीर्ष नेतृत्व के द्वारा 2013 में जिला उपाध्यक्ष का पदभार सौंपा गया, इस पद पर निरंतर सात वर्षों तक अपनी कार्यकुशलता सिद्ध करने के बाद 23 जनवरी, 2022 से वह बांदा जिले से जिला महामंत्री भाजपा के पदभार को संभाले हुए हैं और संगठन को मजबूती देने के क्रम में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त 2015 के पंचायत चुनावों में जिला पंचायत के पलगरा वार्ड का प्रभारी रहते हुए अखिलेश दीक्षित ने भाजपा प्रत्याशी अरविन्द त्रिपाठी को 2178 वोटों से विजयी बनाया। इसके साथ ही अखिलेश दीक्षित ने 2017 के विधानसभा चुनावों में तिंदवारी विधानसभा प्रभारी की जिम्मेदारी को कर्तव्यनिष्ठता के साथ निभाते करते हुए भाजपा प्रत्याशी बृजेश प्रजापति (जो फिलवक्त सपा में है) को 39890 वोटों से जिताया।
समाज की अगुवाई -
अखिलेश दीक्षित का मानना है कि सामाजिक कार्य करने की भावना से व्यक्ति को संतोष मिलता है। उनके मन में भी समाज के प्रति उत्तरदायित्वों की भावना बहुत अधिक है। उनका मुख्य ध्येय राजनीति के माध्यम से जनता की सेवा करना रहा है, जिसके लिए वह लोगों के समर्थन, सहयोग और विश्वास के साथ आगे बढ़कर जनसेवा कर रहे हैं।
बुंदेलखंड में लंबे समय तक सपा-बसपा इत्यादि दलों का शासन रहा है और अखिलेश दीक्षित का मानना है कि इसी के चलते यहां जातिवाद काफी अधिक है। उनके अनुसार लंबे समय तक इन दलों ने लोगों के मन में एक दूसरे के लिए मतभेद पैदा कर राजनीतिक लाभ कमाया है, जिसका नतीजा आज हिंदू समाज के बिखराव के रूप में सामने आता है।
वर्तमान में अपने संगठन के माध्यम से अखिलेश दीक्षित समाज में जातिगत सद्भावना और सामाजिक समरसता को बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। वहीं उनका मानना है कि भारतीय जनता पार्टी भी विभिन्न उपागमों के माध्यम से लोगों के बीच में समरसता और एकत्व को बनाये रखने का प्रयास कर रही है।
स्थानीय समस्याएं -
बांदा जिले से जुड़े मुख्य मुद्दों के बारे में चर्चा करते हुए अखिलेश दीक्षित कहते हैं कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा गौ संरक्षण का है। यहां गौशालाओं का निर्माण तो हुआ है लेकिन जिस प्रकार सुविधाओं का योजनाबद्ध आबंटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौशालाओं के लिए किया है, वह सुविधाएं यहां दिखाई नहीं देती है। जिसके मूल में कारण अधिकारियों का भ्रष्ट आचरण है, जो इन सुविधाओं को गौशालाओं तक आने ही नहीं देते हैं।
साथ ही सिंचाई के साधनों का भी बांदा जिले में अभाव है। हालांकि अखिलेश दीक्षित मूल रूप से तिंदवारी विधानसभा के गांव जसपुरा ब्लॉक से संबंधित है लेकिन वह बचपन से बांदा में ही रहे हैं। यहां उन्होंने अनुभव किया है कि किसानों के लिए यहां सिंचाई के साधन कम है। उनका मानना है कि यदि यहां नदियों में बांध बन जाए, तो यह समस्या खत्म हो सकती है।
जैसे एक बांध चिल्ला नदी में बना दिया जाए, जो यमुना और केन नदी को मिलाती है और एक बांध खपकिया नदी पर बन जाए, तो किसानों को बेहद लाभ होगा। उनका कहना है कि चूंकि वर्तमान जल मंत्री तिंदवारी से ही हैं और उनके राजनीतिक सहयोगी भी रहे हैं तो वह इस क्षेत्र में अवश्य ही सुधार कार्य कराएंगे।
इसके अतिरिक्त सनातन धर्म को संगठित करने हेतु जन जागरूकता अभियान भी वह अपने संगठन से जरिए चला रहे हैं। अखिलेश दीक्षित का कहना है कि पहले पेयजल की समस्या बांदा में एक प्रमुख समस्या थी लेकिन जब से भाजपा सरकार ने अमृत जल परियोजना के अंतर्गत बड़ा पैकेज जारी किया है तभी से इस दिशा में बेहतर काम हो रहा है।
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार -
अखिलेश दीक्षित लगातार बढ़ती जनसंख्या को आज देश की सबसे बड़ी समस्या के रूप में चिन्हित करते हैं। उनका मानना है कि देश को इस दिशा में काम करना चाहिए। एक विकासशील देश में जनसंख्या दर में सतत वृद्धि से आर्थिक संसाधनों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिसके चलते बेरोजगारी बढ़ती है और रोजगार के अभाव में भुखमरी फैलती हैं। अखिलेश दीक्षित चाहते हैं कि वर्तमान सरकार "जनसंख्या नियंत्रण कानून" को पारित करे और सख्ती से उसका अनुपालन भी किया जाए।
वैश्विक पटल पर भारत -
वैश्वीकरण के दौर में हर देश को प्रगति के लिए तत्परता के साथ संलग्न रहना चाहिए। अखिलेश दीक्षित के अनुसार आज प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक स्तर पर देश की छवि को श्रेष्ठ बनाए हुए हैं और बहुत से देश उनके नेतृत्व को अब सम्मान देने लगे हैं। उनके विचार हैं कि रूस-यूक्रेन के युद्ध के बीच में माननीय मोदी जी को भूमिका निभानी चाहिए, इसे रोकना चाहिए क्योंकि रूस से भारत के काफी बेहतर संबंध रहे हैं और इस समस्या को सुलझाने से भारत की साख अन्य देशों के बीच में बढ़ेगी।