नाम : अमित चौधरी
पद : कांग्रेस पार्षद, महात्मा गांधी वार्ड, वार्ड-66, (लखनऊ)
नवप्रवर्तक कोड :
परिचय-
अमित चौधरी एक समाज सेवक और राजनीतिज्ञ के रूप में कार्यरत हैं. वह वर्तमान में लखनऊ के महात्मा गांधी वार्ड से पार्षद चुने गये हैं, उन्होंने समाजशास्त्र से बी.ए.किया है तथा उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक रही है. अमित जी के पिता कांग्रेस पार्टी में सम्मिलित थे.
इसके अलावा वह स्वयं भी समाज व समाज सेवा के कार्यों से जुड़े रहे हैं, जिस कारण वह लोगों की समस्याओं को काफी करीब से समझते हैं. इसी कारण वह 2017 के नगर निगम चुनाव में पार्षद प्रत्याशी के रूप खड़े हुए तथा क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता के चलते वह इस चुनाव में अच्छे- खासे अंतर से जीत हासिल करने में भी सफल रहे.
राजनीति में आने का कारण –
अमित जी को अपने जीवन के आरंभ में आर्थिक तंगी के चलते काफी संघर्ष करना पड़ा. छोटे- छोटे कामों से शुरूआत करने के बाद वह ठेकेदारी करने लगे, लेकिन इस बीच भी लोगों से उनका जनसंपर्क बना रहा. इसके बाद क्षेत्र की दयनीय स्थिति देखने और वहां के लोगों से बात करने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बनाया.
उनका
मानना
है
कि
कुछ
पार्षद
सिर्फ
अपने
वार्ड
के उसी हिस्से में अधिकतर काम
करवाते
हैं
, जहां वह स्वयं रहते
हैं.
इसलिए
अपने
पूरे
वार्ड
में समतापूर्ण कार्य करवाने
व
जनसेवा
करने
के
उद्देश्य
से
उन्होंने
राजनीति
में
कदम
रखा.
क्षेत्रीय मुद्दे-
अमित जी का कहना है कि एक पार्षद के रूप में उनके वार्ड के प्रमुख मुद्दे सीवर, सड़क, पार्क, नालियां व स्ट्रीट लाइट आदि हैं, जिन पर वह कार्य करवाना चाहते हैं. किन्तु चुनाव के नतीजे आये 8 महीने बीत गये हैं, परन्तु अभी तक नगर निगम की ओर से उनके वार्ड समेत लखनऊ के अन्य कईं वार्डों के लिए भी कोई बजट नहीं आया है.
अपर अधिकारियों की इस लापरवाही के चलते वे कोई भी विकास कार्य नहीं करवा पा रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने अन्य पार्षदों के साथ मिलकर बहुत से प्रयास किये हैं. मीडिया तक अपनी बात पहुंचकर, मंत्री महोदय को ज्ञापन सौंपकर वे इस दिशा में प्रयास करते आ रहे हैं.
राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार –
इस समय देश में बेरोजगारी एक ऐसा मुद्दा है, जिससे युवा सबसे ज्यादा पीड़ित हैं. अमित जी के अनुसार यदि युवा बेरोजगार रहेंगे तो देश आगे नहीं बढ़ सकता, इसलिए सरकार युवाओं को उचित रोजगार मुहैया करवाये. वहीं आज देश में मंहगाई अपने चरम पर है, पेट्रोल- डीजल के दाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कम होने के बावजूद भारत में लगातार बढ़ रहे हैं.
इसके अलावा एक देश एक टैक्स के उद्देश्य के साथ लागू किये गये जीएसटी का भी देश में सही तरह से क्रियान्वयन नहीं हुआ. हर राज्य में टैक्स की दरें अलग-अलग है, जो कि जीएसटी बिल को पूरी तरह से निरर्थक साबित करता है.
वैश्विक परिदृश्य पर विचार –
अमित जी का मानना है कि इस समय पर्यावरण के प्रति हमारा जो लापरवाह रवैया है, वो आने वाली पीढ़ी के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. हम अपनी भावी पीढ़ी को जल की कमी, ग्लोबल वार्मिंग आदि समस्याएं प्रदान कर रहे हैं. इसके लिए सम्पूर्ण विश्व को अभी से जागरूक होने की जरूरत हैं.
इसके अलावा उनका कहना है कि आज सरकार को भी इस दिशा में कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, वहीं सरकार भले ही किसी अन्य वस्तु पर सब्सिडी न दे, किन्तु उसे पर्यावरण की रक्षा के लिए वाटर हारवेसटिंग प्लांट पर सब्सिडी जरूर देनी चाहिए. यदि भारत पर्यावरण की दिशा में कुछ सार्थक कदम उठाएगा तो निश्चित रूप से विश्व में न केवल देश की सराहना की जाएगी अपितु देश उन्नति भी करेगा.