Rajeev Upadhyayyayavar
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राजीव
उपाध्याय यायावर सहारनपुर में एक ऐसा नाम जो एक साथ कई कार्यों में लगा हुआ है. जहां यह इतिहास की विशेष जानकारी रखते हैं तो वहीं दूसरी तरफ यह लेखक भी है,
पत्रकार
भी, फोटोग्राफर भी और साथ ही साथ समाजसेवी भी. सहारनपुर के गांव सौराना
के निवासी राजीव फिलहाल शोभित यूनिवर्सिटी, गंगोह में बतौर
सहारनपुर विरासत अनुसंधान केंद्र में कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभा रहे हैं.
अपने
पिता आचार्य स्व. अतर सिंह शास्त्री के नक्शे कदम पर चलते हुए राजीव उपाध्याय ने
हिंदी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर हिंदी साहित्य में ही स्नातकोत्तर किया.
अपनी मातृभाषा से इतना प्रेम कि जब भी कभी इन्हें वक्त मिलता है यह बच्चों को
हिंदी की बारीकियों को समझाने और पढ़ाने लगते हैं.
पत्रकारिता
के क्षेत्र में इनका 10 वर्ष का लंबा अनुभव रहा है. दो वर्ष अमर उजाला
समाचार पत्र में, तो वहीं एक वर्ष दैनिक जनवाणी समाचार पत्र और
साथ ही साथ दो वर्ष हिंदुस्तान समाचार के साथ भी इन्होंने कार्य किया है.
पत्रिकारिता करते-करते इन्हें अपने जनपद सहारनपुर के इतिहास संबंधी जानकारी जुटाकर
यहां की गौरवशाली धरोहर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने ...