रोहतक
भारतीय जिला रोहतक हरियाणा राज्य में स्थित है. रोहतक नाम हरियाणा के शहर
रोहताश के त्रुटिपूर्ण उच्चारण से प्राप्त हुआ है. रोहतक के पूर्व इस शहर को खोखरनाथ
भी कहा जाता था लेकिन पौराणिकता की मानें तो शहर का नाम राजा रोहताश के नाम पर रखा
गया. 1745 वर्ग किमी तक फैला यह जिला
दिल्ली से 70 किमी दूर स्थित है एवं नोएडा एनसीआर के भी बेहद नजदीक है. ऐसा माना
जाता है, कि इस जिले का नाम रोहेर्रा नामक वृक्ष के नाम पर भी रखा गया है, जिसे संस्कृत भाषा में रोहिताका कहा जाता है.
इतिहास व धर्म की मिसाल-
रोहतक जिले के अस्तित्व की कहानी सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही मानी जाती है
क्योंकि खोंखाकोट में खुदाई के दौरान मिली मीनारों में सिंधु घाटी की सभ्यता का
प्रमाण बनती है. अपनी पौराणिकता की आधारशिला से रोहतक विकास की राह पर अग्रसर है.
रोहतक हरियाणा के मुख्य कार्यक्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है. यहां हरियाणा और
उत्तर भारत की परंपरा देखने को मिलती है. सिंधु घाटी की सभ्यता का प्रतीक रोहतक
अपनी परंपरा की अनूठी मिसाल पेश करता है. हड़प्पा की खुदाई में प्राप्त भूरे रंग
की शिल्प कृति भी प्राप्त हुई थी. कुषाण स्तंभ में पंख वाले शेर की खुदाई से भी इस
शहर के होने का अंदाजा लगाया जाता है. 10वीं शताब्दी तक इसके समृद्ध होने के भी कईं
प्रमाण मिलते हैं. महाभारत में भी रोहितिका नाम से इस जिले का जिक्र पाया जाता है.
वर्ष 1884 में इसे हिसार जिले से हटाकर दिल्ली का हिस्सा घोषित कर दिया गया. वर्ष
1910 में साम्पला को इस हिस्से से हटा दिया गया. सितंबर 1912 में दिल्ली को पंजाब
से अलग कर दिया गया. इसके बाद 1948 में नाहर और झांझर तहसील का निर्माण कराया गया.
मुगल बादशाह अकबर के सिपाह सलाहकार टोडरमल ने दिल्ली उत्तर भारत के रोहतक को
दिल्ली औऱ हिसार से जोड़ दिया हालांकि वर्तमान रोहतक की मानें तो इसका विकास
दुजाना प्रमुख द्वारा किया गया. वर्ष 1824 में जिले को ब्रिटिश का मुख्यालय बनाया
गया.
भूगोल-
रोहतक जिले के सह-भाग रोहतक, मेहाम, साम्पला हैं. रोहतक जिले के अंतर्गत 47 पंचायत, 59 गांव आते हैं. जिला 28 ̊ 54 ̊ उत्तर और 76 ̊ 38 ̊ पूर्व तक फैला है. रोहतक अस्तित्व में आने से पहले जंगल था इसका प्रमाण
महाभारत के “तथा रोहिताकारण्यं मरुभूमिश्च केवला, अहिच्छत्रं
कालकूटं गंगाकूलं चं भारत” में प्राप्त होता है. समय-समय पर आने वाली
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए नगर, राज्य एवं केन्द्र
की ओर से निपटारे की पूर्ण व्यवस्था की गई है.
जलवायु एवं कृषि-
रोहतक के मैदानीय भाग में आने वाले मिट्टी को
नदियां बहा कर अपने साथ लाती हैं. ये मिट्टी कृषि के लिहाज से अत्यंत उपजाऊ होती
है. नहरों की बात करें तो रोहतक में कई नहरें बहती हैं जो जन-जीवन को बेहतर बनाती
है. जिसमें पूर्वी-पश्चिमी यमुना नहर, गुड़गांव नहर, भाखड़ा
नहर आती हैं. जल में लवण की मात्रा यहां अधिक पायी जाती है.
कृषि के
लिहाज से सावनी खरीब और रबी की फसलें यहां महत्वपूर्ण हैं. रोहतक की प्रमुख फसलों
में बाजरा, ज्वार, गन्ना, गेंहूं, कपास, जौ, चना आदि आते हैं.
सिंचाईं के दृष्टि से पूरे हरियाणा राज्य की 38.27 हेक्टेयर
भूमि उपजाऊ है.
जनसंख्या-
रोहतक में प्रथम जनगणना वर्ष 1971 में हुई थी. वर्ष 2011
की जनगणना के अनुसार रोहतक जिले में 1,061,204 जनसंख्या है.
जिनमें से 568,479 पुरुष हैं और 492,725 महिलाएं हैं. रोहतक जिले का औसत लिंग
अनुपात 867 है.
नगर निगम चुनाव 2018 –
वर्ष 2018 में हुए नगर निगम चुनाव के अंतर्गत निम्न पार्षदों ने विजय प्राप्त की तथा वर्तमान में वह अपने पदभार का निर्वहन कर रहें हैं -
पर्यटन-
रोहतक पर्यटन का मुख्य केन्द्र बिन्दु होने के साथ-साथ
लोगों के मनोरंजन का स्थल है. यहां की सादगी ही यहां के पर्यटन के आकर्षण का
केन्द्र है. जिससे हर वर्ष सैकड़ों पर्यटक यहां की सौम्यता का उदाहरण बनते हैं.
यहां पर्यटन की दृष्टि से चिल आउट जोन,
स्प्लाश पार्क, तिलयार झील, मेहाम ऐतिहासिकता एवं वर्तमान तौर-तरीकों का मिलाजुला
प्रतीक बनती है.
चिल आउट जोन-
यह रोहतक का एडवेंचर हाउस है, जिसमें बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी तरह-तरह के एडवेंचर का लुत्फ उठाते हैं.
हिस्टोरिकल प्लेस-
रोहतक से 30 किमी दूर पश्चिम में हिस्टोरिकल प्लेस रोहतक की ऐतिहासिकता का प्रतीक बनती है. यहां पर जानी चोर की बावड़ी भी बनी है, जो पृथ्वी राज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच हुए युद्ध का चश्मदीद गवाह बनता है. यह स्थान महाभारत, अफगान एवं मुगलों के शासनकाल की विरासत को संभाले हुए है.
स्प्लैश वाटर पार्क-
स्प्लैश वाटर पार्क बच्चों के साथ यादगार समय बिताने का उपयुक्त स्थल है. यहां तरह-तरह की वॉटर राइड्स मौजूद है, जहां छुट्टियों में परिवार, बच्चों और दोस्तों के साथ जाया जा सकता है. दिल्ली-हिसार रोड पर 5 एकड़ में फैला यह विशाल वॉटर पार्क है. यह एक सुरक्षित स्थल है, जहां अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी से स्वयं को अलग करके यहां बेहतर तरीके से समय बिताया जा सकता है.
तिल्यार झील-
रोहतक की शान बढ़ाने वाली तिलयार झील दिल्ली से 42 किलोमीटर दूर स्थित है. 132 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है. इस झील के कारण आस-पास के क्षेत्र में हरियाली छाई रहती है. झील के साथ-साथ चिड़ियाघर, एडवेंचर राइड्स, रिसोर्ट, रेस्ट्रां-बार आदि जगहें सौगात में मिलती हैं.
झील को अत्यंत रोमांचक बनाने के लिए झील के पास बच्चों के लिए ट्वाय ट्रेन और
युवाओं के लिए कोलंबस झूला बना है. दिल्ली एवं रोहतक के निवासियों के लिए ये स्थल
घूमने-फिरने और छुट्टियां बिताने की बेहतर जगह बन चुका है.
संदर्भ-
https://rohtak.gov.in/about-district/