संक्षिप्त परिचय-
कोसी और रामगंगा नदी
के तट पर बसा जिला रामपुर भगवान राम के नाम से प्रसिद्ध है. जिला उत्तर प्रदेश के
मुरादाबाद मंडल के अंतर्गत आता है.
भौगोलिक परिदृश्य-
रामपुर
जिला देशांतर 78-0-54 और 69-0-28 पूर्व और अक्षांश 28-25 और 29-10 उत्तर में स्थित
है. 2367 वर्ग किलोमीटर में फैला रामपुर उत्तर दिशा में जिला उधम सिंह नगर, पूर्व दिशा में बरेली, पश्चिम दिशा में मुरादाबाद एवं दक्षिण
दिशा में बदायूं से घिरा हुआ है. समुद्र तल से ऊंचाई उत्तर दिशा की ओर 192 मीटर और
दक्षिण दिशा की ओर में 166.4 मीटर है. राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर रामपुर जिला स्थित
है. पूर्व में 302 किमी और पश्चिम में राष्ट्रीय
राजधानी से जिले की दूरी 185 किमी है. यहां सुगमता से पहुंचने का साधन रेलवे और
रोडवेज को माना जाता है.
संस्कृति एवं त्यौहार-
रामपुर को दिल्ली और लखनऊ के बाद कविता का तीसरा स्कूल माना जाता है. ‘दाग’, 'ग़ालिब’ और ‘अमीर मिनाई’ जैसे समय के कई प्रमुख और प्रसिद्ध उर्दू कवि रामपुर दरबार के संरक्षण में शामिल हुए. रामपुर के नवाब कविता और अन्य ललित कलाओं के बहुत शौकीन थे. वे उन कवियों को पारिश्रमिक प्रदान करते थे जो 'दरबार' से जुड़े थे. निज़ाम रामपुरी ने कवि के रूप में बहुत नाम कमाया. इसके अलावा, शाद आरफ़ी रामपुर के एक और प्रसिद्ध कवि थे, जिन्होंने आधुनिक ग़ज़ल को एक अलग शैली में विकसित किया. वर्तमान में, अंतर्राष्ट्रीय कवि 'शहजादा गुलरेज़', 'अब्दुल वहाब सुखन', ताहिर फ़राज़ 'पूरी दुनिया में रामपुर स्कूल ऑफ काव्य का प्रतिनिधित्व करते हैं.
जामा
मस्जिद रामपुर में पाए जाने वाले वास्तुकला का सबसे अच्छा टुकड़ा है. यह कुछ हद तक
दिल्ली में जामा मस्जिद जैसा दिखता है और एक सुंदर इंटीरियर है. इसे नवाब
फैजुल्लाह खान ने बनवाया था. यह उसके लिए एक अनूठा स्पर्श है. मस्जिद में कई
प्रवेश-निकास द्वार हैं. इसमें तीन बड़े गुंबद और चार लम्बे मीनार हैं, जिनमें सोने के पंखों के साथ एक शाही
स्पर्श है. इसमें एक मुख्य प्रवेश द्वार है. एक बड़ी घड़ी द्वारा निर्मित एक
इनबिल्ट क्लॉक टॉवर है, जिसे ब्रिटेन से आयात किया गया था.
नवाब
द्वारा निर्मित कई प्रवेश-निकास द्वार हैं. ये प्रवेश द्वार शहर से प्रमुख
प्रवेश-निकास मार्ग हैं. उदाहरण शाहबाद गेट, नवाब गेट, बिलासपुर गेट आदि हैं. हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत
का रामपुर-सहसवान घर भी दरबारी संगीतकारों में अपनी उत्पत्ति रखता है. उस्ताद
महबूब खान, रामपुर
दरबार के खलल गायक और वीणा वादक थे; उनके बेटे उस्ताद इनायत हुसैन खान
(1849-1919), जो
प्रशिक्षित थे और शहर में रहते थे, ने घर की स्थापना की.
रामपुर
में लगभग सभी धर्मों के लोग रहते हैं, जिसके चलते दिवाली, होली, विजयादशमी, महाशिवरात्रि, राम नवमी, बसंत पंचमी, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, रक्षा बंधन, ईद-उल-मिलाद, ईद-उल-फितर, बकरा-ईद, महावीर जयंती,
बुद्ध जयंती, गुरु नानक जयंती , गुड फ्राइडे और क्रिसमस सभी त्यौहार
मनाए जाते हैं.
जलवायु एवं कृषि-
मुख्य रूप से उत्तर
भारत की तीन प्रमुख ऋतुएं जिनमें ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु एवं शरद ऋतु आती हैं,
उन्हें जिले में देखा जा सकता है. रबी और खरीब की ही प्रकार की कृषि संबंधित ऋतुएं
रामपुर के लिए आवश्यक मानी जाती हैं. यहां का मुख्य व्यवसाय कृषि है.
बात करें फसलों की
तो रबी की फसल में मसूर, गेंहूं, सोयाबीन, सरसों की खेती की जाती है. खरीब में
मूंगफली, गन्ने, बाजरा, की खेती होती है. सिंचाई के लिए कोसी एवं रामगंगा नदी के
जल का इस्तेमाल किया जाता है.
प्रशासनिक ढांचा-
रामपुर
जिले में 6 तहसील हैं जिनके नाम निम्न हैं- सदर तहसील, बिलासपुर तहसील, मल्लक
तहसील, शाहाबाद तहसील, स्वार तहसील, टांडा तहसील. रामपुर जिले में लगभग 8 नगर पालिकाएं
हैं. जिले में 1200 गांव आते हैं. जिले का पिनकोड 244901 है.
पर्यटन-
रामपुर क्षेत्रफल के
लिहाज छोटा है लेकिन घूमने के लिए यहां की राजा लाइब्रेरी इतिहास के कई
पहलुओं को अपने साथ समेटे हुए है. यहां की शान को 18वीं सदी से बढ़ा रहा है. भारत
सरकार दृवारा इस लाईब्रेरी का रखरखाव किया जाता है. रामपुर के शासकों का क्षेत्र की
वास्तुकला पर अद्वितीय प्रभाव था. मुगल प्रकार की वास्तुकला की इमारतें और स्मारक
कुछ इमारतें बहुत पुरानी हैं और उन्होंने बनाई हैं. सबसे अच्छी तरह से डिजाइन किए गए
स्मारकों में से एक रामपुर का किला है. इसमें रज़ा लाइब्रेरी या रूलर्स का
भूतपूर्व महल हामिद मंज़िल भी है. इसमें ओरिएंटल पांडुलिपियों का एक बड़ा संग्रह
है. किले में इमामबाड़ा भी है.
इसके अलावा रामपुर
में गांधी समाधि भी घूमने योग्य बेहतरीन क्षेत्र है. अंग्रेजों के समय से
यहां की शोभा बढ़ाता है. इसके अलावा यहां के मंदिर भी धार्मिकता का प्रतीक बनते
हैं.
Reference-
https://www.districtsofindia.com/uttarpradesh/rampur/agriculture/index.aspx