संक्षिप्त परिचय-
शारदा एवं गोमती नदी के तट पर बसा जिला पीलीभीत अपनी पौराणिक मान्यताओं के कारण प्रसिद्ध है. पीलीभीत
की भूमि ने कई बड़े उपन्यासकार एवं साहित्यकार दिये हैं, साथ ही पीलीभीत मेनका गांधी
का संसदीय क्षेत्र भी है. मेनका गांधी भारतीय जनता पार्टी की सदस्य एवं प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ हैं. वे गांधी परिवार की बहु भी हैं.
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य-
रोहिलखंड
ब्रिटिश पीलीभीत के लिए 1801 में भेजा गया था. उस वक्त पीलीभीत, बरेली जिले का ही
हिस्सा था, जो 1871 में पीलीभीत उपखंड के रूप में गठित किया
गया. इस जिले में जहानाबाद भी शामिल था. ब्रिटिश शासन की शुरुआत में पीलीभीत,
जहानाबाद और बीसलपुर का गठन तहसीलों में किया गया. वर्ष 2015
में पीलीभीत जिले में दो नए तहसील कालीनगर और अमरिया बनाए गए.
जिले के धार्मिक इतिहास की ओर देखें तो राजा मोरध्वज की कहानी
सुनने को मिलती है, जिन्होने अपने बेटे को आरे से काट कर कृष्ण भगवान को आधा और
आधा उनके साथ आये सिंह के रूप में अर्जुन को खिलाने के लिये दे दिया था, उन्हीं राजा
मोरध्वाज का किला दियूरिया के जंगल में आज भी है. पीलीभीत जिले की पूरनपुर तहसील
की ग्राम पंचायत सिरसा के निकट रमणीक वन है. इस वन में गोमती नदी के तट पर इकहोत्तरनाथ
मन्दिर नामक पौराणिक मन्दिर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि देवराज इन्द्र ने गौतम
ऋषि द्वारा दिए गये श्राप से मुक्ति पाने के लिए एक ही रात्रि में एक सौ शिव लिंग
गोमती तट पर स्थापित करने का निश्चय किया था. उनमें से यह इकहत्तरवाँ शिव लिंग है
जो पीलीभीत में स्थित है.
भौगोलिक परिदृश्य-
जिला पीलीभीत रोहिलखंड क्षेत्र का उत्तर-पूर्वी जिला
है, जो नेपाल की सीमा पर हिमालय की उपश्रेणी पर में स्थित है. उत्तरी सीमा से
लगा जिला उधमसिंह नगर, नेपाल का क्षेत्र है, दक्षिण में शाहजहाँपुर जिला है तो वहीं पूर्वी सीमा
से लगा जिला खीरी और पश्चिम में बरेली जिला स्थित है.
केंद्रीय
सांख्यिकीय संगठन के अनुसार 1 जुलाई 1971 को पीलीभीत जिले का क्षेत्रफल 3,504
वर्ग किमी था, जो क्षेत्रफल की दृष्टि से
राज्य में 49वें स्थान पर था. पीलीभीत जिले का प्रमुख भाग
घने जंगल से घिरा हुआ है. कुल 78,478 हेक्टेयर
वन है. शारदा नहर जिले की मुख्य नहर है, इसके अलावा जिल में अन्य
नहरें भी हैं. जिले में नहरों की कुल लंबाई 938 किलोमीटर है.
हालांकि उद्योग के क्षेत्र में पीलीभीत जिला थोड़ा पीछे है.
प्रशासनिक इकाईयां-
क्षेत्रफल
की दृष्टि से जिला 3,449 वर्ग किलोमीटर तक फैला है. जिले में तहसील की संख्या 3(सदर, बिसलपुर, पूरनपुर)
और परगना की संख्या 4 है. नगर पंचायत की संख्या 640 साथ ही ग्रामों की संख्या 1440
है. नगर पालिका परिषद की संख्या 3 साथ ही थानों की संख्या 14 है.
उद्योग-
पीलीभीत
जिले की मुख्य फसल गन्ना है इसलिए मझोला, पूरनपुर, बीसलपुर और पीलीभीत
में चार चीनी कारखाने हैं. अन्य प्रमुख इकाइयाँ तीन विलायक संयंत्र, एक आटा चक्की, एक इस्पात संयंत्र और एक अलकोहल आसवनी
हैं. लघु उद्योग चावल की मिलें, इंजीनियरिंग इकाइयाँ,
ईंट की दीवारें, मोमबत्तियाँ और मुख्य रूप से
बाँसुरी (बांसुरी) विनिर्माण हैं.
जनसांख्यिकी-
2001 से 2011
के बीच जनसँख्या विकास दर २४% रही है. वर्ष 2011 की जनगणना
के अनुसार पीलीभीत जिले की कुल जनसंख्या 20,31,007 थी,
जिसमें पुरुषों की संख्या 10,72,002 और महिलाओं की जनसंख्या 9,59,005 रहा. इसी वर्ष में जनसंख्या घनत्व 551 व्यक्ति
प्रति वर्ग किमी है. यदि बात करें साक्षरता दर की तो कुल जनसंख्या में से 10,61,095 लोग साक्षर हैं. मुख्य रूप से जिले में हिंदी, उर्दू,
अंग्रेजी, पंजाबी भाषा बोली जाती है. यहां
लगभग सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं.
जलवायु-
पीलीभीत जिले के रिकॉर्ड के अनुसार औसत वार्षिक वर्षा 1255.9
मिमी है. जिले में मानसून जून से लेकर सितंबर के मध्य तक रहता है. जिले में जून से
अगस्त तक अधिकतम बारिश होती है. सर्दियों की बारिश जनवरी में होती है. तापमान आम
तौर पर फरवरी से बढ़ना शुरू होता है और मई/जून में अधिकतम तक पहुंच जाता है
पर्यटन स्थल-
पीलीभीत
हिमालय की उपश्रंखलाओं से जुड़ा है इस कारण क्षेत्र में मनोरम दृश्य देखने को
मिलते हैं. इसके अलावा भी क्षेत्र में कई तीर्थ पर घूमने योग्य स्थान हैं, जो गौरी शंकर मंदिर, जामा मस्जिद, दरगाह
हजरत शाह मोहम्मद शेर मियां की, छथवी पादशाही गुरुद्वारा,
राजा वेणू का तिला, मेथोडिस्ट चर्च, राजाजी मंदिर, अर्धनारीश्वर मंदिर, जयसंग्री देवी मंदिर, गोमट ताल, देवधा-घाघुर संगम, चुका बीच आदि है.
Reference-
https://pilibhit.nic.in/about-district/