रामगंगा नदी के तट
पर बसा मुरादाबाद पीतल के बर्तन पर की जाने वाली कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है. जिले
को पीतल नगरी के नाम से भी जाना जाता है. मुरादाबाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ
से 167 किमी दूर स्थित है.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि-
उत्तर प्रदेश का ये
ऐतिहासिक शहर अपने प्राचीन इतिहास के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इस जिले की
स्थापना 1600 ईसवीं में शाहजहां के पुत्र मुराद बख्श ने की. इस शहर को ब्रॉश शहर
या पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है. शहर में आधुनिक, आकर्षक और कलात्मक पीतल के बर्तन, कुशल
कारीगरों द्वारा बनाए जाते हैं. इसके अलावा गहने और ट्रॉफियां यहां के मुख्य शिल्प
हैं. यहां तैयार किए गए आकर्षक पीतल के बर्तन अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और मध्य पूर्व एशिया जैसे देशों
को निर्यात किए जाते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने सात औद्योगिक इकाइयों को औद्योगिक
नीति के तहत 1999-2002 में सुनिश्चित किया था. जिनमें से एक शहर मुरादाबाद भी है.
भौगोलिक परिदृश्य-
जिला
मुरादाबाद में रामगंगा नदी और उसकी सहायक नदियाँ बहती हैं, जिनमें ढेला नदी, कोसी
नदी, गंगन नदी, अरिल नदी और सोन आदि नदियां आती हैं.
जिले में सिंचाई का मुख्य साधन नहरें और ट्यूबवेल हैं.
जिले में औसत वर्षा 967.3 मिमी तक होती है. यहां की जलवायु में आद्रता पायी जाती है. यहां वर्षा को अतिरिक्त भीषण तपती गर्मी और कड़ाके की सर्दी का भी अनुभव किया जा सकता है. यहां दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण जून से लेकर सितंबर तक तकरीबन 86% वर्षा होती है.
जनसांख्यिकी-
2011
की जनगणना के अनुसार मुरादाबाद जिले की जनसंख्या 8,87,871 थी जो सिंगापुर या अलबामा की जनसंख्या के बराबर है. 2001 की
जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 3,81,098 थी.
जिले में जनसंख्या घनत्व 1,284 प्रति वर्ग किलोमीटर (3,330/वर्ग मील) है. 2001 की
अपेक्षा 2011 की जनसंख्यावृद्धि की दर 25.25% थी. 2011 में संभल जिले का एक नया
जिला मुरादाबाद जिले के दो उप जिलों के साथ बना है. मुरादाबाद में 1000 पुरुषों की
तुलना में महिलाओं की संख्या 903 है. बात करें साक्षरता दर की तो वह 58.67% है.
यहां
लगभग सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं लेकिन मुस्लिम और हिंदू आबादी अधिक है. मुरादाबाद शहर में जीविका का मुख्य साधन यहां की
जाने वाली बारिक करीगरी है. जिसे कुशल करीगरों द्वारा किया जाता है.
प्रशासनिक ढांचा-
मुरादाबाद
मंडल के अंतर्गत आने वाले जिलों के नाम शामिल हैं- मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा और बिजनौर जिला. मुरादाबाद जिले
को 4 उप-प्रभागों और 8 विकास खंडों में विभाजित किया गया है. जहां प्रत्येक
उप-मंडल की अध्यक्षता एक सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट करता है.
स्वास्थ्य योजनाएं-
स्वास्थ्य
विभाग की विभिन्न योजनाओं के चलते जिले में कई सरकारी योजनाएं भी चल रही हैं. जननी
सुरक्षा योजना, जननी सुरक्षा कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल सेवा संस्थान आदि सुचारु
रूप से चल रहीं हैं-
जननी सुरक्षा योजना (JSY)
जननी
सुरक्षा योजना राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत माता के सुरक्षित जीवन के लिए
योजना लागू किया गया. इस योजना से गरीब और गर्भवती महिलाओं के बीच संस्थागत प्रसव
को बढ़ावा देकर मातृ और नवजात को मृत्यु से बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
जननी सुरक्षा कार्यक्रम (JSSK)
भारत
सरकार ने 1 जून, 2011
को जननी सुरक्षा कार्यक्रम लॉन्च किया गया है. इस योजना से लगभग 12 मिलियन से अधिक
गर्भवती महिलाओं को लाभ होने का अनुमान लगाया गया है.
राष्ट्रीय बाल सेवा संस्थान (RBSK)
राष्ट्रीय
ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत पिछले सात वर्षों (2005-12) में बच्चों
में मृत्यु दर को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.
पर्यटन-
पर्यटन
के लिहाज से जिले में “डियर या हिरण पार्क” है. इसके अलावा यहां का गौतम बुद्ध पार्क और साईं मंदिर मुख्य रूप
से प्रसिद्ध है. श्रद्धा और सबुरी के प्रणेता सांई नाथ की भक्ति कर भक्तों को शान्ति की अनुभूति होती है. गौतम बुद्ध पार्क में शाम के समय जाकर परिवार के साथ बेहतरीन समय गुजारा जा सकता है.
Reference-
http://cgwb.gov.in/District_Profile/UP/Moradabad.pdf