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Lalitpur (Uttar Pradesh)
  • Attributions - By Faizhaider at English Wikipedia (File:Uttar Pradesh Districts Gray.svg) [Public domain], via Wikimedia Commons
  • Source Note - Map for representation purpose only with proper attribution on source, no political accuracy claimed.

Lalitpur (Uttar Pradesh)

संक्षिप्त परिचय-

ललितपुर डिस्ट्रिक्ट झांसी डिविजन का हिस्सा है. उत्तर प्रदेश की सभी जिलों में ललितपुर डिस्ट्रिक्ट अपना अहम स्थान रखता है. वर्तमान में यह बुंदेलखंड राज्य का हिस्सा है, जिसका ज्यादातर भाग मध्य प्रदेश से मिला है और पूर्व में झांसी मंडल से जुड़ा है. उत्तर प्रदेश के उत्तर में कुल 17 मुख्य भाग हैं, जिनमें से झांसी मुख्य है. झांसी की मुख्य तीन मुख्य डिस्ट्रिक्ट में जालौन, झांसी और ललितपुर आते हैं. भारतीय रेलवे के लिहाज से झांसी और ललितपुर काफी अहम है, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का काफी क्षेत्र तक पहुंच रखता है.

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य-

इतिहास के पन्नों में देखें तो ललितपुर डिस्ट्रिक्ट चंदेरी राज्य का मुख्य हिस्सा था. यह 17वीं शताब्दी में बुंदेला राज्य का हिस्सा था जो 18वीं शताब्दी में यह मराठा साम्राज्य के अधीन था जिसके बाद यह अंग्रेजों को सौंप दिया गया. 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के हाथ से यह स्थान निकल गया लेकिन 1858 में अंग्रेजों ने इस जिले पर पुन: कब्जा कर लिया. इसी के बाद से इसे ललितपुर जिला मुख्यालय घोषित कर दिया गया. 1974  में ललितपुर ने पूर्ण डिस्ट्रिक्ट का रूप ले लिया. ललितपुर उत्तर प्रदेश के उत्तरी छोर के कुछ हिस्से को छूता हुआ मध्य प्रदेश के अधिकतर हिस्से में फैला हुआ है जो पूर्व दिशा में तिलक मार्ग डिस्ट्रिक्ट और दक्षिण में सागर डिस्ट्रिक्ट से मिलता है.  

जनसांख्यिकी एवं साक्षरता दर-

साल 2011 की जनगणना के अनुसार ललितपुर की कुल जनसंख्या 1,221,592 थी, जिसमें 641,011 पुरुष और 581,580 महिलाएं थी. 2001 की कुल जनसंख्या 977,734 रही जो 2011 के मुकाबले में लगभग 24 हजार कम थी. पूर्ण जनसंख्या को देखें तो लगभग 15 प्रतिशत लोग शहरवासी जबकि 85 प्रतिशत लोग गांव में निवास करते हैं. यदि आंकड़ो को गौर से देखें तो महिलाओं की दर, पुरुषों के मुकाबले बढ़ी है. जनपद में 6 साल तक के बच्चों की संख्या कुल जनसंख्या की 17 प्रतिशत रही.  साक्षरता की बात करें तो शहर की कुल साक्षरता दर 81 प्रतिशत एवं गांव में साक्षरता दर 60 प्रतिशत है.

भौगोलिक परिदृश्य-

ललितपुर 5,039 वर्ग मीटर में फैला है. यह बुंदेलखंड के पहाड़ी क्षेत्र में फैला हुआ है. जनपद के उत्तर में यमुना और दक्षिण में विंध्य श्रंखलाएँ हैं. पहाड़ी शहर ग्रेनाइट द्वारा बनी चोटी पर बसा है. प्रमुख नदियों की बात करें तो उत्तरी और पश्चिमी भाग बेतवा नदी बहती है. जिले में जामनी और धसन नदी में बहती है, जो डिस्ट्रिक्ट को बेहतर रूप प्रदान करने में सहायक है.

प्रशासनिक ढांचा-

ललितपुर में कुल 764 गांव है. 1 नगर पालिका एवं 3 नगर पंचायत औऱ 15 पुलिस स्टेशन हैं, जो अपने कार्यों का निर्वहन करते हैं. क्षेत्र की प्रथम भाषा हिन्दी है.

जलवायु-

समतल से 428 मीटर की ऊंचाई पर बसे ललितपुर में मार्च से जून के मध्य गर्मियों का मौसम तथा नवबंर से फरवरी के मध्य सर्दियों का मौसम रहता है. जुलाई से सितंबर माह तक मुख्यता बारिश अपना स्थान ग्रहण करती है.

शिक्षा-

शिक्षण के लिहाज से भी जिला बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करता है. यहां के मुख्य महाविद्यालयों में ललितपुर सरकारी विश्वविद्यालय, रघुवीर सिंह सरकारी कॉलेज, नेहरू महाविद्यालय आदि प्रमुख महाविद्यालय हैं.

पर्यटन स्थल-

ललितपुर पर्यटन के हिसाब से बेहतरीन स्थल है. यहां घूमने के लिहाज से सितंबर माह उत्तम माना जाता है. यहां के मुख्य पर्यटन क्षेत्र निम्न हैं.

दशावतार मंदिर-

भगवान विष्णु का यह मंदिर उत्तरी भारत का सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिर है. मंदिर में वैष्णव कथाओं को वर्णित किया गया है. मंदिर में द्वार पर गंगा और यमुना देवियों के चित्र भी बनाएं हैं, जो पौराणिकता को विशेष महत्व देता है.

मुचुकुण्द गुफा- 

मुचुकुण्द भगवान श्री राम के पूर्वज थे, जिन्होंने इंद्र से निद्रा का वरदान मांगा था. इस वरदान के फलस्वरूप जो भी इनकी निद्रा को भंग करता उसे मृत्यु को प्राप्त होना पड़ता. कालयवन नामक असुर मुचुकुण्द की दिव्य दृष्टि से ही भस्म हुआ था. भगवान मुचुकुण्द की इस द्वापरयुगीन ऐतिहासिकता को प्रमाण मान कर उनकी गुफा का निर्माण धार्मिक स्थल के रूप में किया गया.  

राजघाट बाँध-

सैलानियों के लिहाज से ये काफी रोचक स्थल माना जाता है. इसे इंदिरा गांधी के शासन काल में बनाया गया था. यह 17 हजार वर्ग किलोमीटर तक जल ग्रहण की क्षमता रखता है.

देवघर-

बेतवा नदी से 33 किलोमीटर दूर स्थित यह ऐतिहासिक क्षेत्र देवघर के नाम से जाना जाता है. यहां गुप्त, गुर्जर, बुंदेल आदि राजाओं के किले उनकी वास्तविकता के प्रमाण दृश्टिगोचर होते हैं. इसके अलावा यहां जैन धर्म के तीर्थकर शान्तिनाथ का मंदिर भी स्थित है. रामायण और महाभारत काल के चित्र भी आकर्षक दिखाई पड़ते हैं.

Reference-

https://lalitpur.nic.in/en/history/ 

https://lalitpur.nic.in/en/demography/

https://www.indcareer.com/find/all-colleges-in-lalitpur

https://lalitpur.nic.in/en/geographical-status/

https://www.accuweather.com/en/in/lalitpur/191037/current-weather/191037

https://lalitpur.nic.in/en/tourist-places/

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