चंडीगढ़ का
शाब्दिक अर्थ चण्डी का गढ़/किला है। चंडिका देवी को
शक्ति की देवी भी माना जाता है। चंडीगढ़ को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर
लाल नेहरु के स्वप्न का शहर भी कहा जाता है। इतिहासकारों का मानना है कि चंडीगढ़
को बतौर राजधानी बनाने का निर्णय नेहरु का ही था। मूलतः यह शहर पंजाब और हरियाणा
राज्य की सीमा को मिलाता है। 15 जुलाई 2007 को चंडीगढ़
प्रथम भारतीय गैर-धूम्रपान क्षेत्र घोषित हुआ, जहां सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान
निषेध है और चंडीगढ़ प्रशासन के नियमों के तहत दंडनीय अपराध है। इसके उपरांत 2
अक्टूबर 2008 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म-दिवस पर शहर में पॉलीथीन की
थैलियों के प्रयोग पर पूर्ण निषेध लागू हो गया। चंडीगढ़ को सबसे सुन्दर जिले के रूप में जाना
जाता है.
ऐतिहासिक प्रमाण -
किसी भी क्षेत्र
को विकसित होने में और उपलब्धियों तक पहुंचने में इतिहास का बहुत बड़ा योगदान होता
है। जो धार्मिक मान्यताओं और सत्ता परख राजनीति का संयोजन हो सकता है। चंडीगढ़ के
स्थायित्व में भारत-पाकिस्तान बंटवारे का अहम योगदान है, तब पंजाब की राजधानी
लाहौर थी, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान के हिस्से में चली गयी थी। आजादी के बाद
चंडीगढ़ शहर का निर्माण वर्ष 1952 में शुरू हुआ। नेहरु जी के नेतृत्व में इसे ही लाहौर
के बाद पंजाब की नई राजधानी भी घोषित किया गया।
चंडीगढ़ को
आजादी के बाद काफी प्राथमिकता भी दी गई, जो उसके विकास का बड़ा कारण भी है। शहर की
परंपराओं को प्रगति का आधार बना लिया गया। 1 नवंबर, 1966 में हरियाणा को पंजाब से पृथक
कर दिया गया था, तब चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब के मध्य आता था। यह आज भी शहर
केन्द्र सरकार द्वारा संचालित होता है।
जहां तक बात की
जाए, धार्मिक एकरूपता की..तो चंडीगढ़ में चण्डी या चंडिका माता का गढ़ है, जिस
कारण क्षेत्र का नाम चंडीगढ़ रखा गया। प्रारंभ में शहर शिवालिक की पहाड़ियों पर
बसा था, जो धीरे धीरे मैदानीय क्षेत्र तक विस्तृत हो गया।
इसके अलावा
चंडीगढ़ पंजाब के बड़े और विकसित शहरों में गिना जाता है। यहां लोग घूमने और शहर
का सुन्दरता का लुफ्त उठाने आते हैं। आजादी के बाद इस शहर ने पश्चिम पंजाब के लोगों को शरण दी थी।
प्रशासनिक व्यवस्था -
शहर का प्रशासन प्रत्यक्ष
रूप से भारत सरकार द्वारा संचालित होता है। राज्यपाल द्वारा शहर के प्रशासन को
संचालित किया जाता है, जिसकी शुरुआत 31 मई 1984 में हुई। 1 जून 1984, को पहली बार
श्री भैरव दत्त पाण्डे ने बतौर राज्यपाल प्रथम बार शहर का कार्यभार संभाला था।
राज्यपाल को प्रशासन के सलाहकार के रूप में नई परिभाषा इस शहर ने ही दिलाई। वर्तमान
में यहां के राज्यपाल पी.वी. सिंह बदनौर हैं। पंजाब को धारा 4 के तहत वर्ष 1966
में केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया। चंडीगढ़ शहर में हरियाणा और पंजाब दोनों का
ही विधानसभा मुख्यालय है।
शिक्षा व्यवस्था -
चंडीगढ़ शिक्षा
के क्षेत्र में अत्याधिक विकसित है। चंडीगढ़ यूनिर्सिटी पंजाब की शिक्षा को
दुरुस्त करती है। इसी क्रम में पंजाब यूनिवर्सिटी, पीजीआईएमइआर, पंजाब इंजीनियरिंग
कॉलेज भी पंजाब की शिक्षा को बेहतर बनाने का लगातार प्रयास करते हैं। शिक्षा के इस
मापदण्ड को देखते हुए अगर बात करें साक्षरता दर की तो महिलाओं और
पुरूषों के बीच यह औसतन 86 प्रतिशत है।
जलवायु और जीव-जन्तु -
चंडीगढ़ में सभी
ऋतुओं को महसूस किया जा सकता है। चंडीगढ़ में उप-ऊष्ण कटिबंधीय जलवायु होती है,
साथ ही बसंत, पतझड़, बरसात, ठण्ड, गर्मी आदि मौसम देखे जा सकते हैं। मौसम के
अनुसार कई पक्षी और जन्तु भी देखने को मिलते हैं। प्राचीन समय में यहां जलचर और
नभचरों की संख्या में अधिकता पायी जाती थी, जिसके अवशेष 8 हजार साल पुराने हड़प्पा
के इतिहास में देखे जा सकते हैं। इसके अलावा अशोक, कैसिया, शहतूत आदि वृक्ष यहां
की सुन्दरता को बढ़ाते हैं। शहर में अन्य लाभकारी औषधियां भी मौसम के अनुसार उगती
हैं। गर्मी और ठंड में पारा कई बार अत्यधिक बढ़ जाता है तथा बरसात औसत मात्रा में
होती है।
आमतौर पर यहां
मानसून जुलाई-सितम्बर माह के बीच आता है। पिछले 20 साल का रिकार्ड देखें तो अभी तक
बरसात 1100 मि. मी. तक हुई है। शीत काल नवंबर से फरवरी तक रहता है। इस समय का
तापमान कई बार 0 से नीचे भी चला जाता है। ग्रीष्म ऋतु यहां मार्च से जून के बीच रहती है। गर्मी के मौसम में चलने वाली
हवाएं आमतौर पर उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर जाती हैं।
नदी और जल परियोजनाएं -
चंडीगढ़ के पंचकुला में मुख्य रूप से घग्गर नदी प्रवाहित होती है, जो चंडीगढ़ के पूर्वी छोर पर प्रवाहित होती है. यह शिवालिक की पहाड़ियों से उद्गमित होकर उत्तर-दक्षिणी प्रवाह के साथ शहर मे बहती है. इसके अतिरिक्त शहर के पश्चिमी किनारे पर पटियाला की राव बहती है और यह भी शिवालिक की पहाड़ियों से ही निकलती है, यह एक छोटी जल धारा है, जो लुधियाना जिले में सतलुज नदी में जाकर मिल जाती है. साथ ही कौशल्या बांध क्षेत्र, सुखना छो इत्यादि भी चंडीगढ़ ड्रेनेज तंत्र का अहम भाग है. सुखना छो मीरपुर ग्राम, पंचकुला में घग्गर नदी में जाकर मिल जाती है.
भौगोलिक ढांचा-
चंडीगढ़ 114
वर्ग किमी में फैला शहर है। जो देशांतर में 760 47 '14 ई और अक्षांश
से 300 44 '14 एन में है। अगर ढलान की बात करें, तो शहर
मैदान से 304 से 365 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। शहर को और ज्यादा बेहतर बनाने के
लिए चंडीगढ़ में डीएलएफ एक 1 हजार एकड़ बस्ती में बनाने की योजना बना रहा है।
कंपनी पहले चरण के लिए 400 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। दूसरे चरण के लिए
अधिग्रहण जल्द शुरू हो जाएगा।
जनसंख्या -
चंडीगढ़ शहर की
कुल जनसंख्या (2011 की जनगणना के अनुसार) 1,055,45 है। जनसंख्या का घनत्व प्रति
वर्ग किमी के अनुसार 9258 है। 2016 की वार्षिक दृष्टि से जन्म दर प्रति 1000 में
11.95 है। वहीं शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 में 7.96 है। लिंग अनुपात की बात करें
तो एक हजार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 818 है। वार्षिक जनसंख्या वृद्धि
की दर 17.19 प्रतिशत है। हिन्दी भाषा और पंजाबी भाषा दोनों ही प्रचलन में हैं।
चंडीगढ़ में मुख्यत: पंजाबी भाषा ही बोली जाती है।
प्रसिद्ध पर्यटन स्थल-
शहर का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तो इसके नाम से ही पहचाना जा सकता है। चंडिका मंदिर जो कि शहर से 15 किमी दूर स्थित है। इसके अलावा यहां के पार्क इस शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। फ्रांसीसी वास्तुशिल्पकार ला कार्बूजिए द्वारा निर्मित यह शहर नगर नियोजन का शानदार उदाहरण है। इसके अलावा इसे आधुनिक स्थापत्य एवं शिल्पकला की धरोहर भी माना जाता है।
रॉक गार्डन, सुखना झील, सुखना वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, कैपिटल
कॉम्पलेक्स (उच्च न्यायालय, सचिवालय और शहर की प्रचीन इमारतें मौजूद हैं), गांधी
भवन, लोजर वैली, काला सागर, टैरेस गार्डन, सेक्टर 10 का चंडीगढ़ संग्रहालय यहां का
कीर्तीमान की स्थापना करता है। पार्कों की आधिकता होने के कारण शहर में हरियाली भी
भरपूर रूप से पाई जाती है, जिसे यहां की आबोहवा और भी स्वच्छ कर देती
है।
संदर्भ-
1. http://knowindia.gov.in/hindi/states-uts/chandigarh.php
2. http://chandigarh.gov.in/admn_index.htm
3. http://chandigarh.gov.in/cmp2031/demography.pdf
4. https://www.census2011.co.in/census/state/chandigarh.html
5. http://cgwb.gov.in/District_Profile/Chandigarh/CHANDIGARH.pdf