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Oct 5, 2016  10:02 Jun 11, 2021  00:00 Swarntabh Kumar Swarntabh Kumar 1,742

मणिपुर मुख्य सूचना आयुक्त सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रति कितने गंभीर हैं? आरटीआई के ऑनलाइन व्मणिपुर मुख्य सूचना आयुक्त सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रति कितने गंभीर हैं? आरटीआई के ऑनलाइन व्यवस्था में इतनी देरी क्यों? पारदर्शिता एक अहम प्रश्न.

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत लोगों को सवाल करने, सरकार के काम-काज की जानकारी प्राप्त करने, सरकारी महकमे की जवाबदेही तय करने का तो अधिकार तो प्राप्त हो गया पर हमेशा इसके पारदर्शिता को लेकर सवाल उठते रहें हैं. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की सबसे बड़ी खासियत और खूबसूरती इसकी पारदर्शिता को ही लेकर है. निःसंदेह आरटीआई कानून के बनने के बाद आम लोगों के हाथ मजबूत हुए हैं. सरकार और आम जनता के बीच की दूरी कम हुई है, आरटीआई दोनों के बीच एक संपर्क सूत्र का कार्य कर रहा है. मगर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 तब तक पुर्णतः सफल नहीं हो पायेगा जब तक इसकी पारदर्शिता को लेकर सवाल उठते रहेंगे.

किसी भी व्यवस्था या किसी भी कानून के लिए एक पारदर्शी तंत्र बेहद जरुरी है. आरटीआई को लेकर भी कई ऐसे पेंच हैं जिसकी मदद से सरकारी महकमा अगर किसी भी आरटीआई में पूछे गए प्रश्न का जवाब ना देना चाहे तो वह आवेदनकर्ता को एक साधारण से जवाब के लिए कई महीने तक आगे पीछे घूमा सकता है. कई बार तो महीनों-सालों बीत जाने के बाद भी आपको कोई जवाब नहीं मिल पाता. रेवेन्यू टिकट नहीं लगा, आवेदनकर्ता के हस्ताक्षर नहीं हैं, फीस कम है जैसी कई त्रुटियों को गिना कर आरटीआई का जवाब देने से मना कर दिया जाता है. जरा सोचिये आज के दौड़ते भागते समय में एक आरटीआई करने के लिए डाकखाने से लेकर आरटीआई दफ्तर तक की पूरी प्रक्रिया से बचने का क्या कोई उपाय नहीं हो सकता? बिलकुल हो सकता है और वह है आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन व्यवस्था.

हमारी कोशिश भी यही है कि पारदर्शिता को लेकर उठने वाले प्रश्नों को कम किया जा सके. आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन व्यवस्था एक हद तक पारदर्शी व्यवस्था की ओर बढ़ाया गया एक जरुरी कदम होगा. और इसीलिए हमने मणिपुर सूचना आयोग से आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन सुविधा देने की मांग की है. यह आपके तब और भी आसन हो जाता है जबकि आपका खुद का वेबसाइट है और केंद्र के रुप में आपके समक्ष एक उम्दा उदहारण भी मौजूद है.

आप अपने वेबसाइट पर नागरिकों के पूछे गए प्रश्नों का समय पर जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध नज़र आते हैं. यह अच्छी बात है कि सूचना आयोग की यह आरटीआई पोर्टल नागरिकों को त्वरित जानकारी प्रदान करने के लिए प्रयास करता है. मगर बेहतर होता कि आप पादर्शिता और नागरिकों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन व्यवस्था दे पाते.

मणिपुर मुख्य सूचना आयुक्त सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रति कितने गंभीर हैं? आरटीआई के ऑनलाइन व्

  • Venue-No address Setup
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