सीपीआईएम यानी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी). इस पार्टी का गठन 30 अक्टूबर से 7 नवंबर 1964 को कोलकाता में हुई सातवीं पार्टी कांग्रेस में हुआ. सीपीआईएम का जन्म भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के विभाजन से हुआ था. पार्टी के द्वारा यह कहा जाता है कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन में पैदा हुए संशोधनवाद और संकुचित सोच के विरुद्ध संघर्ष और मार्क्सवाद-लेनिनवाद की वैज्ञानिक और क्रांतिकारी सिद्धांत की रक्षा के लिए और साथ ही भारत की ठोस स्थिति में इसकी सही तरीके से लागू करने के लिए सीपीआईएम का निर्माण हुआ. भारत का एक साम्यवादी दल जिसका चिन्ह हसिया और हथोड़ा खेतीहर मजदूर और कारखाने के मजदूरों का प्रतीक है. वर्तमान में इस पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी हैं. जो कि पार्टी में सबसे बड़ा पद होता है.
पार्टी का कहना है कि सीपीआईएम साम्राज्यवाद के विरुद्ध संघर्ष और विभक्त कम्युनिस्ट पार्टी की क्रांतिकारी विरासत की प्रतिनिधि है जिसका गठन 1920 में हुआ था. देश देशभर में यह पार्टी एक मुख्य वामपंथी ताकत के रूप में उभरकर सामने आई है. 1964 के बाद पार्टी का वर्चस्व देशभर में काफी बढ़ा मगर विगत कुछ सालों से पार्टी कमजोर हुई है. सीपीआईएम साम्राज्यवाद, बड़े पूंजीपति और भूमि के स्वामित्व को समाप्त करने की पक्षधर है. पार्टी का मानना है कि एक प्रमुख क्रांतिकारी वामपंथी पार्टी होने के नाते वह जनवादी मोर्चे के निर्माण करने के लिए प्रतिबध्द है जो कि मौजूदा बुर्जुआ-भूस्वामी गठबंधन का सच्चा विकल्प बन सकता है.