प्रारम्भिक परिचय -
वर्तमान के उपभोक्ता मामलात मंत्री रामविलास पासवान की अध्यक्षता में बनी ये पार्टी जन सशक्तिकरण का संदेश देती है. 28 नवंबर 2000 को लोक जनशक्ति पार्टी के गठन की सूचना श्री रामविलास पासवान ने रामलीला मैदान पर जनसभा में दी थी. लोक जनशक्ति पार्टी का मूल सैद्धांतिक आधार दलितों को सामाजिक न्याय दिलाना है. जो गरीब, पिछड़े, दबे कुचले हैं उन्हें यह पार्टी उनका सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकार दिलाने के लिए काम करती है. लोक जनशक्ति पार्टी के संघर्ष का रास्ता संसदीय लोकतंत्र के तहत रहता है. आंदोलन के जरिए गरीबों की आवाज बुलंद करने के साथ यह पार्टी विधायिका का मार्ग अपनाती है ताकि संसद से लेकर राज्य की विधानसभाओं में पार्टी के चुने प्रतिनिधि शोषित, दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के अधिकार से जुड़े मुद्दे को जोर शोर से उठा सके. लोक जनशक्ति पार्टी के संविधान में इन्हीं नियमों को महत्ता दी जाती है.
पार्टी संविधान के प्रारम्भ में वर्णित है कि पार्टी विधि
द्वारा स्थापित भारत के संविधान में पूर्ण आस्था तथा निष्ठा रखेगी, और समाजवाद, धर्म निरपेक्षता एवं लोकतंत्र के सिद्धांतों
पर भारत की एकता, प्रभुसत्ता और अखंडता बनाए
रखेगी. पार्टी संविधान में पार्टी
के लक्ष्य को भी स्पष्ट करते हुए लिखा है, “लोक जनशक्ति पार्टी गरीबों के हाथ में
सत्ता हस्तांतरण के लिए कृत संकल्प है.” पार्टी जाति, धर्म के विवादों से ऊपर उठकर एक ऐसे राष्ट्र
का निर्माण करेगी जो आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक एवं हर तरह के शोषण से मुक्त हो.
आदर्श एवं संकल्प -
लोक जनशक्ति पार्टी की विकास यात्रा और प्रसार की दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ी. देश में कोई राज्य, जिला शायद ही ऐसा हो जहां लोक जनशक्ति पार्टी की पहुंच न हो या पार्टी के कार्यकर्ता वहां लोक जनशक्ति पार्टी का झंडा उठाए सामाजिक न्याय की लड़ाई में शामिल न हुए हो. पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष श्री रामविलास पासवान जी की अहम भूमिका के कारण ही पार्टी प्रगति कर पाई हालाँकि विकासकार्य में पार्टी से जुड़े प्रत्येक सदस्य का बराबर का योगदान रहा है. प्रत्येक वर्ष पार्टी के द्वारा नव निर्वाचित सदस्यों के प्रशिक्षण के लिए शिविरों का आयोजन किया जाता है. हाईटेक क्रांति के बावजूद पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान का मानना है कि सोशल मीडिया, वेब साइट के मौजूदा दौर में बने रहने के साथ-साथ जरूरी यह भी है कि पार्टी जमीन पर आम लोगों के साथ कंधा मिलाकर चले, लोगों के दिल में पार्टी के लिए जगह पैदा करे.
पार्टी का विवरण -
पार्टी की शुरुआत से ही केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान
को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है. पार्टी के बारहवें स्थापना दिवस पर 2012 में
पार्टी ने विशाल सम्मेलन का आयोजन किया. केन्द्र से लेकर पंचायत स्तर तक लोक
जनशक्ति पार्टी का विस्तार है. राष्ट्रीय, राज्य, जिला, प्रखंड इकाईयों के अलावा पार्टी में हर
स्तर पर विभिन्न प्रकोष्ठ हैं जैसे युवा, महिला, किसान, छात्र, विधि, श्रमिक, किसान, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ. राजनीतिक फैसले करने, नीति निर्धारण के लिहाज से लोक जनशक्ति
पार्टी की शीर्षस्थ संस्था संसदीय बोर्ड है.
संसदीय बोर्ड में चिराग का सफ़र -
पार्टी संसदीय बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष चिराग पासवान पहले राजनीति में नहीं आना चाहते थे. इंजीनियरिंग करने के बाद फिल्म क्षेत्र से कैरियर शुरू किया परन्तु पारिवारिक जींस इन्हें भी राजनीति में खींच लाई. वर्ष 2014 के लोकसभा में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे और अपने पिता जी की भांति प्रथम चुनाव में ही सफलता हासिल की.
पार्टी की वर्तमान सरकार में भूमिका -
इसी साल आदिवासी क्षेत्र खंडवा में लोक जन शक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष बुरहानुद्दीन पीनखजूरवाला ने घायल टैंकर चालक से मुलाकात की तथा इसी के साथ एसपी को ज्ञापन देते हुए कहा कि अगर भविष्य में ऐसा होता है तो केस दर्ज कर 1 वर्ष के लिए जिलाअध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और कर्मचारी अपनी शिकायत को दर्ज करा न्याय पा सकते हैं. इसके अतिरिक्त पार्टी बिहार में दलितों को न्याय दिलाने के कार्य निरंतर कर रही है, जिसके लिए धरना, प्रदर्शन इत्यादि के माध्यम से पार्टी अपनी आवज़ बुलंद किये रखती है.