Ad
Search by Term. Or Use the code. Met a coordinator today? Confirm the Identity by badge# number here, look for BallotboxIndia Verified Badge tag on profile.
 Search
 Code
Searching...loading

Search Results, page of (About Results)

177.6 एमएलडी की क्षमता वाले नए सीवेज प्लांट से क्या आगरा में यमुना होगी स्वच्छ?

Our Claim on a pristine Yamuna

Our Claim on a pristine Yamuna Opinions & Updates

ByDeepika Chaudhary Deepika Chaudhary   0

177.6 एमएलडी की क्षमता वाले नए सीवेज प्लांट से क्या आगरा में यमुना होगी स्वच्छ?-
  
यमुना क्या एक नदी भर है? यह सवाल यदि खुद से भी पूछे तो जवाब ना में ही आएगा, क्यों? क्योंकि यह एक नदी नहीं है अपितु हमारी आस्था है, हम इसकी पूजा करते हैं, इसे जीवनदायीनी मानते हैं। यमुना के बिना इलाहबाद के संगम की कल्पना अधूरी है। यह नदी उत्तर भारत की संस्कृति भी है, सभ्यता भी और अस्मिता भी। इस नदी ने खुद अपनी आँखों से इन तमाम संस्कृतियों को आपस में लड़ते, मिलते, बिछुड़ते और बढ़ते देखा है। तमाम बसावटों को बसते-उजड़ते देखने का सुख व दर्द, दोनों का एहसास आज भी यमुना की लहरों में जिंदा है।
  
यमुना हमारे धार्मिक ग्रंथों से लेकर हमारी मान्यताओं, लोककथाओं, गीतो कहानियों और किस्सो में हैं। यमुना के बिना भगवान कृष्णा की कल्पना नहीं की जा सकती। आगरा के तापमान की खुबसुरती यमुना से हैं। यह नदी भौतिक विकास की धारा बहाने वालों की योजना में भी एक ज़रूरत की तरह विद्यमान है। नदी एक भौतिकी भी है, भूगोल भी, जैविकी भी है, रोज़गार भी, जीवन भी है, आजीविका भी और संस्कृति व सभ्यता भी। किंतु विभिन्न महानगरों में प्रदूषण का भार सहते सहते आज यह नदी प्राकृतिक रूप से मर चुकी है और इसी को लेकर जारी हैं बहुत सी मुहिम, परियोजनाएं और अभियान, जिनसे उम्मीद की जा रही है कि वह निष्प्राण, नीरविहीन यमुना को संरक्षित कर सकते हैं।
  
यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के अभियान की पहल करते हुए हाल ही में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), उत्तर प्रदेश जल निगम और मैसर्स विश्वराज पर्यावरण के बीच हाइब्रिड वार्षिकी मोड के तहत आगरा के लिए सीवेज उपचार संयंत्रों के विकास के लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  
यह कहा जा रहा है कि 177.6 एमएलडी की क्षमता वाले इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर हुए अनुबंध की कीमत 582.84 करोड़ है। इस परियोजना के लागू होने के बाद आगरा शहर से यमुना में प्रवाहित होने वाला सीवेज बंद हो जाएगा, जिससे नदी पर से प्रदूषण भर को कम करने में बड़ी सहायता मिलेगी।
  
एनएमसीजी के द्वारा सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र के लिए जिस परियोजना को मंजूरी दी गई है, उसमें अवरोधन, डायवर्सन संरचनाओं का विकास, सेवेज पंपिंग स्टेशन का संचालन और बेहतर रखरखाव इत्यादि सहित अनेकों छोटी परियोजनाएं सम्मिलित हैं।
  
एनएमसीजी के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने परियोजना के विषय में जानकारी देते हुए कहा है कि, "यह परियोजना किसी भी अनुपचारित अपशिष्ट जल को यमुना नदी में प्रवेश करने से रोकने के उद्देश्य को प्राप्त करने में एक और मील का पत्थर साबित होगी और यमुना गंगा नागी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है, इसलिए इससे स्वच्छ गंगा मिशन को भी मजबूती मिलेगी।"
  
वहीं जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार, गंगा और उसकी सहायक नदियों की सफाई के उद्देश्य से निर्मित हुई परियोजनाओं के लिए 30,000 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि गंगा और उसकी सहायक नदियों को साफ करने के लिए बहुत सारे बुनियादी ढांचों का निर्माण भी किया जा रहा है।
  
बताते चलें कि इससे पहले दिल्ली में भी यमुना प्रदूषण के भार को कम करने के लिए मार्च 2022 में राज्य सरकार द्वारा दिल्ली की शाहबाद और सिंधु कॉलोनी में सीवर लाइन बिछाने की परियोजना को शुरू किया गया है, जिसके अंतर्गत दोनों कॉलोनियों में लगभग 90 किमी लंबे सीवर नेटवर्क को बिछाने की शुरुआत की गई है। वर्तमान में इन क्षेत्रों का सीवेज नालों में ही छोड़ा जा रहा है, जिससे यमुना प्रदूषण अत्याधिक बढ़ रहा है। गौरतलब है कि दिल्ली में यमुना को प्रदूषित करने में नजफगढ़, शहादरा ड्रेन, बारापुला ड्रेस न, दिल्ली गेट नाला और मोरी गेट का नाला की भूमिका काफी अधिक है।
  
इसी प्रदूषण के चलते जहरीली हो रही यमुना को लेकर जुलाई में दिल्ली सरकार ने एक अध्ययन भी निर्देशित किया था, जिसके तहत यमुना में झाग का कारण और यमुना एवं भूजल में माइक्रोप्लास्टिक की सांद्रता का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की टीम के द्वारा स्टडी की गई थी। इस अध्ययन के परिणामस्वरूप जहरीले झाग के पीछे का प्रमुख कारण सीवेज में अत्याधिक फॉस्फेट की मात्रा को बताया गया। इस उच्च फॉस्फेट के पीछे डाइंग उद्योग, घरों और धोबी घाट पर प्रयोग होने वाला डिटर्जन्ट जिम्मेदार है।
  
खैर योजनाएं, प्रस्ताव, रिसर्च और एक्शन प्लान सभी कुछ अपने अपने अनुसार जारी हैं। कृष्ण की यमुना के स्वच्छ होकर अविरल बहने से लेकर गंगा की निर्मलता के भागीरथ प्रयास भी दशकों से हमारी योजनाओं का हिस्सा रहे हैं। आगरा में लगने जा रहा सीवेज प्लांट भी उन्हीं योजनाओं में से एक है। हम उम्मीद करते हैं कि वास्तव में इस प्रकार के एक्शन प्लांस पर काम कर देश की नदियों की सूरत को समय रहते बदला जाए ताकि निकट भविष्य में स्वच्छ और मीठे जल का सबसे बड़ा स्त्रोत यानि हमारी नदियां हमारे इकोसिस्टम का अभिन्न अंग बनकर हमारे संग ही रहे।   
  

Leave a comment for the team.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें

इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.

ये कैसे कार्य करता है ?

start a research
जुड़ें और फॉलो करें

ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

start a research
संगठित हों

हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

start a research
समाधान पायें

कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।

आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?

क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे फॉलो का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें

हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।

क्या आपके पास कुछ समय सामजिक कार्य के लिए होता है ?

इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।

क्या आप किसी को जानते हैं, जो इस विषय पर कार्यरत हैं ?
ईमेल से आमंत्रित करें
The researches on ballotboxindia are available under restrictive Creative commons. If you have any comments or want to cite the work please drop a note to letters at ballotboxindia dot com.

Code# 55419

ज़ारी शोध जिनमे आप एक भूमिका निभा सकते है.

Follow