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ठाकुरगंज में आयोजित भागवत कथा में हुई, कृष्ण लीला पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अतिथि सम्मान उत्सव की प्रस्तुति

Mallahi Tola - II, Ward-87, (Lucknow)

Mallahi Tola - II, Ward-87, (Lucknow) Opinions & Updates

ByAnurag Pandey Anurag Pandey   Contributors Princy Gupta Princy Gupta 0

राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज में श्री परशुराम मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस पर श्री कृष्ण बाल्यपन लीला के वर्णन के साथ उनके ऊपर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अतिथि सम्मान उत्सव का आयोजन किया गया। जहां प्रमुख रूप से कार्यक्रम के आयोजक, निवेदक के रूप में  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य,  अधिवक्ता अनुराग पांडेय सम्मिलित हुए।

ठाकुरगंज में आयोजित भागवत कथा में हुई, कृष्ण लीला पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अतिथि सम्मान उत्सव की

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्री परशुराम जन्मोत्सव में बी एस डी अकादमी के छात्रों व वरशिप स्कूल ठाकुरगंज के द्वारा श्रीमती वंदना विशेष के नृत्य निर्देशन में गणेश वंदना श्री कृष्ण जी के नृत्य के शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। जिसकी प्रसंशा करते हुए, अनुराग पांडेय ने ब्राइट कैरियर स्कूल मल्लपुर दुबग्गा की प्रबंधक समाजसेवी रंजना द्विवेदी, चौक सर्राफ़ा के प्रसिद्ध समाज सेवी आनंद रस्तोगी, प्रसिद्ध कवयित्री  वंदना,  मेमोरियल इंटर कॉलेज के श्री सूरज मिश्रा एस आर प्रसिद्ध समाजसेवी, सतीश कुमार दीक्षित एवं कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, उन्हे अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

ठाकुरगंज में आयोजित भागवत कथा में हुई, कृष्ण लीला पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अतिथि सम्मान उत्सव की

कथानुगत जानकारी के अनुसार, कथावक्ता आचार्य प्रवर अरविंद महाराज ने बताया जब पृथ्वी पर अत्याचार होता है गऊ,संत और देवताओं पर अनाचार होता है तब भगवान का प्राकट्य होता है कृष्ण चंद्र भगवान इन सबके कल्याण के लिए अवतार लेते है। उन्होंने बाल्यकाल में पूतना का उद्धार किया जो स्तनों में कलकूट नामक विष लगाकर भगवान को बालक मानकर उन्हें मारने आयी थी पूतना मन की बुरी इक्षा है हम जब तक मन की बुराई को नहीं मार लेते तब तक कृष्ण जी के चरित्र को समझना संभव नहीं है।इसके बाद भगवान ने मिट्टी खाई अर्थात् तत्व ग्रहण किया। ऊखल बंधन की लीला के माध्यम से भगवान ने नलकुबेर व मणिग्रीव का उद्धार किया ये दोनों कुबेर के पुत्र थे मदिरा पीकर मंदाकिनी में स्नान कर रहे थे चीर हरण की कथा का अभिप्राय बताते हुए आचार्य ने बताया कि वासना का वस्त्र हरण किए बिना उपासना पूर्ण नहीं हो सकती।

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ठाकुरगंज में आयोजित भागवत कथा में हुई, कृष्ण लीला पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अतिथि सम्मान उत्सव की

वही गोवर्धन गिरिराज  की कथा का वर्णन करते हुए, आचार्य  ने बताया कि भगवान ने प्रकृति पूजा को महत्व दिया है जीव जब प्रकृति का आदर करता है तब प्रकृति जीवों पर दया करती है। इस दौरान कार्यक्रम के समापन में, अनुराग पांडेय के साथ सभी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। मौके पर उन्होंने निवेदन करते हुए, सभी से कहा  कि अधिक से अधिक भक्त जन शामिल होकर इसे सफल बनाए।

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