एक वोट पर एक रोजगार, लोकतंत्र का हो आधार
Leave a comment for the team.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें
इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.
ये कैसे कार्य करता है ?

जुड़ें और फॉलो करें
ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

संगठित हों
हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

समाधान पायें
कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।
आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?
क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे फॉलो का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें
हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।
क्या आपके पास कुछ समय सामजिक कार्य के लिए होता है ?
इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।
By
Dr Sant Prakash Singh Contributors
Deepika Chaudhary 0
'एक वोट पर एक रोजगार आंदोलन' के लिए 25 से ज्यादा संगठन एक साथ आ गए हैं और रोजगार के अधिकार पर कानून बनाने की मांग के साथ 9 जुलाई को जंतर-मंतर पर रैली का आयोजन किया जाएगा।
देश में बढ़ती बेरोजगारी के मद्देनज़र यह जरूरी हो गया है कि सरकार बेरोजगारों के लिए कुछ ठोस नीति बनाए, सरकार का बेरोज़गारी की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए एवं उस पर ठोस नीति बनवाने के लिए 'एक वोट एक रोज़गार आन्दोलन' की मुहिम शुरू की गई है और इस संदर्भ में आगामी 9 जुलाई को जंतर-मंतर पर रैली आयोजित की गई है क्योंकि जब नई संसद मे नया संसद सत्र शुरू होगा तो सरकार के सामने देश में व्यापक रूप से फैली इस बेरोजगारी को नए सिरे से समझने और सुलझाने के लिए 'एक वोट एक रोज़गार आंदोलन' द्वारा आह्वान भी होगा।
'एक वोट पर एक रोज़गार आंदोलन' को सफल बनाने की दिशा में 9 जुलाई को जंतर-मंतर पर आहूत रैली को सफ़ल बनाने के लिए आयोजकों द्वारा 25 जून को दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित एन. डी. तिवारी भवन में एक वालंटियर मीटिंग बुलाई गई, जिसमें न्यूनतम वेतन की गारंटी, समान काम के लिए समान वेतन की मांग के साथ 60 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को सम्मानजनक पेंशन की भी मांग पर चर्चा हुई।
मांग कैसे पूरी की जा सकती है, इस पर इस आंदोलन के आधार स्तम्भ प्रवीण कुमार काशी द्वारा उसका रोड मैप भी बताया गया और उन्होंने सरकार द्वारा सम्मानजनक न्यूनतम आय को सुनिश्चित करने पर बल दिया, आंदोलन को गति देने और मंजिल तक पहुचाने पर विस्तार से बात की गई तथा साथ में उनके द्वारा आयोजन समिति की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई।
युवा हुंकार के संस्थापक और इस आंदोलन का पथ प्रदर्शन कर रहे डॉ. सन्त प्रकाश ने देश को विश्व गुरु बनाने के लिए देश के सत्तर प्रतिशत संसाधनों पर काबिज़ एक प्रतिशत व्यवसायिक एवं औद्योगिक घरानों से 'भारत माता कृतज्ञता कर' देने के आह्वान के साथ इस कर के बारे मे विस्तार से समझाया और बताया कि यह देश के एक प्रतिशत लोग जो कि देश के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग करते हैं, यदि अपनी आय का कुछ हिस्सा बढा कर वह 'कर' के रूप में देश के कोष को दे दें तो एक वोट पर एक रोजगार की बात को आसानी से साकार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इसके लिए तत्काल कानून बना कर अमली जामा पहनाया जाना चाहिए।
एक वोट एक रोज़गार के संवैधानिक पक्ष पर युवा अर्थशास्त्री योगेश कुमार ने विस्तृत चर्चा की और बड़ी स्पष्टता से इसके कानूनी और अर्थिक पक्षों को समझाया. जनाधिकार संघर्ष अभियान के संयोजक एवं शिक्षाशास्त्री अश्विनी कुमार सुकरात ने इस संदर्भ में दो सुझाव दिए, पहला सुझाव समान काम के लिए समान वेतन और दूसरा सुझाव शोषण मुक्त रोजगार।
इस वालंटियर मीटिंग में तमाम युवा एवं नागरिक संगठनों के पदाधिकारीयों एवं प्रतिनिधियों ने शिरकत की एवं अपने सुझाव रखे, जिनमे देश के आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जमात ए उलेमाए हिंद द्वारा स्थापित सद्भावना मंच के राष्ट्रीय संयोजक जावेद सिद्दीक़ी क़ासमी ने बेरोजगारी को देश के लिए अभिशाप माना तथा उन्हें रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने की मांग करने वाले इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया, लोक शक्ति अभियान के दिल्ली प्रदेश के संयोजक सुशील खन्ना, नागरिक सरोकारों से जुड़ी माही सिंह, मोहिन्दर सिंह, ज्योत्सना शर्मा, जतिन भल्ला, शशांक यादव, शकुंतला, प्रकाश कुमार, नाजमा, दीपक धोलकिया, दिल्ली साझा मंच के संयोजक संजय कन्नौजिया, विकास सैनी एवं शुभम ने एक वोट एक रोजगार पर अपने विचार रखे एवं सुझाव दिए।
इस मीटिंग में आए सभी प्रतिनिधियों ने इस आंदोलन को मंजिल तक पहुचाने की प्रतिबद्धता के साथ इस आंदोलन की मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए 9 जुलाई को जंतर-मंतर पर होने वाली रैली को सफ़ल बनाने की रणनीति पर भी चर्चा की। इस मीटिंग के अंत मे 9 जुलाई की रैली को सफल बनाने के लिए एक आयोजन समिति का गठन किया गया और रोज़गार गारंटी बिल को ड्राफ़्ट करने के लिए एक कमेटी भी गठित की गई, जिसके संयोजक युवा अर्थशास्त्री योगेश कुमार होंगे।