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सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 - आरटीआई आवेदन का त्वरित और सकारात्मक जवाब देने पर मणिपुर सूचना आयोग को किग गया अपग्रेड

Manipur Right to Information(RTI Act 2005) - Support Digital and #OneRTI for Manipur and India

Manipur Right to Information(RTI Act 2005) - Support Digital and #OneRTI for Manipur and India Engage Manipur CIC

BySwarntabh Kumar Swarntabh Kumar   {{descmodel.currdesc.readstats }}

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सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 - आरटीआई आवेदन का त्वरित और सकारात्मक जवाब देने पर मणिपुर सूचना आयोग को किग गया अपग्रेड

भारत को मिली दूसरी आजादी

भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है. इस बात का फक्र निःसंदेह पूरे देश को है. लोकतंत्र को और भी मजबूत बनाने के लिए 2005 में केंद्र सरकार ने अपने नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का एक तोहफा दिया. इसे आजादी के बाद प्राप्त सबसे मजबूत अधिकार माना गया. इसे मिली दूसरी आजादी तक कहा गया. अपने-अपने स्तर पर राज्य सरकारों ने भी इसे लागू किया. माना गया कि इससे सरकार और आम लोगों की बीच की दूरी कम होगी. नागरिकों को यह अधिकार मिला की वह सरकार से उनके काम-काज का हिसाब मांग सके. मगर सच कहें तो आम नागरिकों को दी गई ये ताकत तब तक बैमानी है जब तक की व्यवस्था पुर्णतः पारदर्शी न हो. आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन व्यवस्था इसी दिशा में बढ़ाया गया कदम है.

आम लोगों का हक

सर्वोच्च न्यायालय ने आरटीआई को लेकर कहा है कि जब तक लोग जानेंगे ही नहीं तो वह बोलेंगे क्या. वाकई जो आम जनता सरकार बनाती है उसे तो यह अधिकार मिलना ही चाहिए की वह सरकार के काम-काज की अथवा सरकार से संबंधित कोई भी जानकारी सुगमता से प्राप्त कर सके. जब हम एक सब्जी लेने के लिए बड़े गौर से उसे देखते हैं, दो-चार दुकानों में जाते है वैसे में वो आम जनता जो सरकार चुनने का कार्य करती है और जिस सरकार के हर एक फैसले का असर उनपर भी पड़ता है उन्हें तो हर हाल में सरकार के कार्यों की जानकारी प्राप्त करने की एक पारदर्शी और आसन सा साधन मुहैया करवाया जाना चाहिए. 

हमारी कोशिश हर राज्य के पास हो आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन सुविधा

इसी कोशिश को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं. हमारी कोशिश है कि सूचना का अधिकार को और मजबूती मिले. आम नागरिकों को मिले अधिकार के प्रति सरकार सजग हो, उस अधिकार को वह और मजबूती प्रदान करें. हम एक ऐसे भारत की कल्पना करते हैं जहां का हर राज्य देश के प्रत्येक नागरिक को एक ऐसी उन्नत व्यवस्था दे सके जिससे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की शक्ति को और भी बल मिले. हर राज्य के पास खुद की आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन व्यवस्था होनी चाहिए जिससे इसे और भी सुचारू तरीके से चलाया जा सके. इससे इस कानून में पारदर्शिता भी आयेगी. हमारे सामने केंद्र सरकार का उम्दा उदहारण भी है. जब केंद्र आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन व्यवस्था प्रदान कर सकती है तब दूसरे राज्य उसका अनुसरण क्यों नहीं कर सकते? जब भारत एक है तो #OnenationOneRTI क्यों नहीं हो सकता?

उत्तर पूर्व की भागीदारी को मजबूत करने की आवश्यकता

एक आकड़ें के मुताबिक पिछले 10 साल में जब से सूचना का अधिकार अधिनियम प्रभाव में आया है तबसे भारत में अब तक लगभग पाँच करोड़ आरटीआई आवेदन किया गया है. हम इसी आकड़ें से समझ सकते हैं कि आज आरटीआई पूरे भारत में कितना प्रभावी है. मगर इसका दूसरा पहलु भी है या कहें तो इसकी दूसरी हकीकत भी है. इस आकड़ों में उत्तर पूर्व की भागीदारी बेहद कम है. हो सकता है इसका कारण जागरूकता की कमी हो और इस दिशा में वहां की राज्य सरकारों को आगे आना चाहिए. मणिपुर सूचना आयोग की यह अच्छी पहल और बेहतर कोशिश है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को लोकप्रिय बनाने के लिए और हितधारकों के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाने के लिए 5 से 10 अक्टूबर 2016 तक सूचना का अधिकार सप्ताह माना रही है. जहां सूचना का अधिकार को लेकर राज्य स्तरीय कार्यशाला भी रखी गई है. मगर हम इन जागरूकता अभियान के साथ-साथ आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन सुविधा भी दे पाते तो शायद इस संख्या में और इजाफा होता.   

त्वरित और सकारात्मक जवाब के लिए मणिपुर सूचना आयोग को किग गया अपग्रेड 

इसी कोशिश के तहत हमने हर राज्य से आरटीआई आवेदन के जरिये प्रश्न पूछा. हमारे द्वारा पूछा गया प्रश्न था कि क्या आपके पास आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन व्यवस्था है? आपको बता दे की हमारे द्वारा पूछे गए इस साधारण प्रश्न का जवाब एक साल बीत जाने के बाद भी कई राज्यों के सूचना आयोग से नहीं आया. तो किसी ने हस्ताक्षर, तो किसी ने दूसरे विभाग से संबधित प्रश्न का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. इस मामले में हम मणिपुर सूचना आयोग का तहेदिल से शुक्रिया करते हैं की उन्होंने जवाब बेहद जल्द दिया और बताया की उनके पास अभी ऐसी व्यवस्था नहीं है पर आपके सुझाव का हम स्वागत करते हैं और जल्द इस दिशा में हम कदम बढ़ाएंगे. हम मणिपुर सूचना आयोग को उनके त्वरित और सकारात्मक जवाब इसके लिए अपग्रेड करते हैं साथ ही यह उम्मीद करते हैं कि वह इस दिशा में बेहद प्रगति कर ली होगी और हमें जल्द ही उनके राज्य में आरटीआई फाइल करने की ऑनलाइन व्यवस्था मिल सकेगी.
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 - आरटीआई आवेदन का त्वरित और सकारात्मक जवाब देने पर मणिपुर सूचना आयोग को
अगर आप आरटीआई विशेषज्ञ हैं या आरटीआई कार्यकर्ता जो वास्तव में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की बेहतरी के लिए हमारे साथ काम करना चाहते हैं तो अपना विवरण हमें coordinators@ballotboxindia.com पर भेजें.
आप किसी को जानते हैं, जो इस मामले का जानकार है, एक बदलाव लाने का इच्छुक हो. तो आप हमें coordinators@ballotboxindia.com पर लिख सकते हैं या इस पेज पर नीचे दिए "Contact a coordinator" पर क्लिक कर उनकी या अपनी जानकारी दे सकते हैं.
अगर आप अपने समुदाय की बेहतरी के लिए थोड़ा समय दे सकते हैं तो हमें बताये और समन्वयक के तौर हमसे जुड़ें.
क्या आपके प्रयासों को वित्त पोषित किया जाएगा? हाँ, अगर आपके पास थोड़ा समय,कौशल और योग्यता है तो BallotBoxIndia आपके लिए सही मंच है. अपनी जानकारी coordinators@ballotboxindia.com पर हमसे साझा करें.
धन्यवाद
Coordinators @ballotboxindia.com

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