यमुना संसद के तत्वावधान में राजधानी दिल्ली में बनाई गई मानव शृंखला, यमुना को प्रदूषण मुक्त करने की हुई पहल
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Deepika Chaudhary 0
राजधानी दिल्ली का जीवन आधार कही जाने वाली यमुना नदी के प्रदूषण की कहानी किसी से छिपी नहीं है, सरकार के अनेकों प्रयासों के बावजूद भी अभी तक यमुना स्वच्छ नहीं हो पाई है। यमुना को प्रदूषण मुक्त करने हेतु विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर एक अनूठी पहल "यमुना संसद" के द्वारा की गई, जिसके अंतर्गत बड़ी संख्या में आम नागरिक, वरिष्ठ जन, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता और विभिन्न संस्थाओं ने भागीदारी लेते हुए मानव शृंखला का निर्माण किया।
अभियान में बड़ी संख्या में सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों की भागीदारी रही, 'यमुना संसद' पहल के तहत लोगों ने आईटीओ, वजीराबाद, कालिंदीकुंज, गीता कॉलोनी और ओल्ड उस्मानपुर सहित कई जगहों पर मानव श्रृंखला बनाई तथा मलजल और औद्योगिक कचरे से दूषित नदी को बचाने की अपील की।
कौन कौन हुआ शामिल -
पर्यावरण और नदियों के प्रति जागरूक करने के इस सार्थक कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों की भी भागीदारी रही। इस मौके पर आम आदमी पार्टी की दिल्ली इकाई के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, जल मंत्री सौरभ भारद्वाज, भाजपा के पूर्व संगठन महासचिव गोविंदाचार्य, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी और भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा सहित कई नेताओं की इस अभियान में सहभागिता रही।
बड़ी संख्या में एकत्रित हुए लोग -
बारिश होने के बावजूद भी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रहरियों का जमावड़ा रहा। दिल्ली में यमुना नदी के किनारे आठ स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। यमुना संसद के संयोजक रविशंकर तिवारी ने जानकारी दी कि यमुना किनारे के आठ स्थानों को विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर मानव शृंखला बनाने के लिए निर्धारित किया गया था। वहीं लोगों ने यमुना के कुछ पुलों पर भी मानव शृंखला बनाई और नदी के किनारे स्वच्छता अभियान चलाते हुए किनारों पर पड़े कचरे को साफ किया और प्रदूषण मुक्त यमुना के लिए प्रयासों में सहयोग करते रहने का संकल्प लिया।
शासन और समाज के संयुक्त प्रयासों से ही निर्मल होगी यमुना -
सरकार के द्वारा वर्षों से यमुना को स्वच्छ करने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन इसके बाद भी नदी अभी तक एक नाला ही बनी हुई है। इस पर यमुना संसद के संयोजक ने बताया कि यदि यमुना को पुनर्जीवित करना है तो इसके लिए सरकार और समाज को मिलजुल कर प्रयास करना होगा। नदियों की स्वच्छता के लिए लोगों में जागरूकता और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता होना आवश्यक है। संयोजक श्री तिवारी ने बताया कि यमुना नदी के पुनरुद्धार के लिए संकल्पित लोगों के योगदान से ही आज यहां मानव शृंखला का निर्माण हो पाया है, जिससे समाज में नदियों के संरक्षण के लिए एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
2025 तक यमुना को प्रदूषण मुक्त करने का है लक्ष्य -
दिल्ली सरकार में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में आप की सरकार 2025 तक यमुना को प्रदूषण मुक्त करने हेतु प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। यमुना को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से 6 सूत्री एक्शन प्लान के तहत काम किया जा रहा है। सीवेज ट्रीटमेंट में पूर्ण आत्मनिर्भरता, मुख्य गंदे नालों को ट्रैप कर वहीं साफ करने, हर घर में सीवर कनेक्शन देकर सीवर नेटवर्क से जोड़ने, झुग्गी झोपड़ी के सीवर को नालियों में बहाने से रोकने व सीवर प्रणाली से अटैच करने, नजफ़गढ़ नाले से गाद निकालने सहित अन्य योजनाओं पर प्रमुखता से कार्य किया जा रहा है।