कल्याणगिरि मंदिर में खेली गयी फूलों की होली, हवा में बिखरे उमंग और उल्लास के रंग
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Anurag Pandey Contributors
Princy Gupta 0
प्रत्येक वर्ष की भांति रंगभरी एकादशी के उपलक्ष्य में लखनऊ के श्री कल्याणगिरि मंदिर में सैकड़ों भक्तजनों ने एकत्र होकर फूलों की होली से वातावरण को सुगंधित करते हुए, वृंदावन की होली की याद दिलाई। मंदिर के इस धार्मिक स्थल पर महिला, पुरुष भक्तजनों का तांता देखने को मिला। नाचते, झूमते, गाते, संगीतमय माहौल में लोगों ने एक दूसरे पर फूल डालकर होली मनाई।
याद दिला दें, कि रंगभरी एकादशी के दिन महंत महावीर गिरी जी ने बताया था कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती शादी के बाद पहली बार आये थे। इसी ख़ुशी में काशी में होली से पहले ही रंगों के साथ जश्न शुरू हो जाता है। इस दिन बाबा विषम्भर नाथ जी को अच्छे से तैयार करके घुमाया जाता है। लोगों की यह भी मान्यता है, कि आशीर्वाद देने के लिए बाबा अपने भक्तों और श्रद्धालुओं के बीच जाते हैं। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है, इसके अलावा जिन लोगों के घर मृत्यु के कारण त्यौहार रुके होते हैं, इस एकादशी से उन घरों में त्योहारों को उठाया जाता है।
परम्पराओं के तर्ज पर आधारित बाबा विषम्भर नाथ की प्रतिमा को अच्छे से सजाया और घुमाया गया एवं लोगों ने एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाया। शिव और पार्वती से जुड़े कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए। खुशियों और रंगों के साथ भक्तजनों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाए। प्रातः काल स्न्नान के बाद भक्तों ने, शिव पार्वती की मूर्ति का पूजन करके उन पर गुलाल लगाए। लोगों ने भगवान शिव को प्रिय चीजे जैसे बेलपत्र, दूध, इत्र और भांग चढ़ाये।
इस विशेष मौके पर कार्यक्रम के समन्वयक संयोजक अनुराग पांडे, गोमती भाग गंगा समग्र अवध प्रांत समाज के प्रतिष्ठित नागरिक जे पी मिश्रा, पी एस तिवारी, नारायण शुक्ला, कृष्णा शर्मा, दिलीप पांडे, शर्मीला पांडे, हेमा पांडे, उमा अवस्थी सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने होली खेली एवं अपने जीवन को धन्य बनाया।