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हिंड़न बनेगी नहर किनारे पर बसेगें शहर

Hindon River- A Research on a dying Tributary of Yamuna

Hindon River- A Research on a dying Tributary of Yamuna News and Media Coverage

ByDeepika Chaudhary Deepika Chaudhary   156

हरसांव पुलिस लाइन में सभा के दौरान यूपी के सिचाई मंत्री शिवपाल यादव ने विभागीय अधिकारीयों से हिंड़न ग

हरसांव पुलिस लाइन में सभा के दौरान यूपी के सिचाई मंत्री शिवपाल यादव ने विभागीय अधिकारीयों से हिंड़न गाजियाबाद से नॉएडा तक नदी के दोनों किनारे हाउसिंग प्रोजेक्ट करने के लिए रास्ता साफ कर गुपचुप प्लानिंग कर पक्का प्रस्ताव मांगा है। 

नहरों की तरह बंधा बनाए जाने का कारण फिलहाल नदी किनारों के कटान को बताया जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा फायदा कोलोनाईजरों व बिल्ड़िरों को होगा। 

नदी को दोनों ओर से पक्का करने से नोएड़ा और गाजियाबाद अथारिटी को डेवलपमेंट के ज्यादा जमीन भी मिल जायेगी। 

वही दिल्ली के सिचाई विभाग के अधिकारीयों के साथ एक घंटे की बैठक कर प्लानिंग पर विस्तार से चर्चा  की। फिलहाल अभी विभाग के अधिकारी इस बात को बताने में कटरा रहे हैं।

बंधा बनने से निजी हाउसिंग प्रोजेक्ट पर से डूब क्षेत्र में निर्माण का दाग भी हट जायेगा।

 इनका कहना है

नदी में सिल्ट ज्यादा हो जाने से बहाव किनारों की ओर बढ़ रहा हैए बीच से सिल्ट हटाकर किनारों को मजबूत बनाने का प्रस्ताव बनाया जायेगा। बागपत की सीमा से नोएड़ा तक नदी का सर्वेक्षण किया जायेगाए सिल्ट वाले प्वांइटों को चिन्हाकित कर सर्वे रिपोर्ट विभाग के अधिकारीयों और मंत्रालय को भेजी जायेगी। 

अधिशासी अभियंता आरएस यादवए सिचाई विभाग गाजियाबाद 

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आखिर कब होगा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का निर्माण 

सीवेज ट्रीटमेंट बनाने को ग्रेटर नोएड़ा प्रधिकरण को जमीन न मिलने की वजह से काम अधर में ही लटक गया है। 

प्रधिकरण को छह स्थानों पर एसटीपी का कार्य शुरु करना था जो कि अभी शुरु होता दिखाई नही दे रहा है, यह कार्य शीघ्र नही हुआ तो प्रधिकरण को सीवेज के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। 

ग्रेटर नोएड़ा की धीरे धीरे बढ़ रही आबादी से  फिलहाल 60 एमएलड़ी सीवेज शहर से निकलता हैै। कासना गांव के पास 137 एमएलड़ी क्षमता का सीवेज प्लांट बनाया जा चुका है। 

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अभी प्रधिकरण को आगे बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा जब ग्रेटर नॉएडा वेस्ट यानि नॉएडा एक्सटेंशन  की आबादी बढ़ना शुरु हो जायेगी तो सीवेज का कहां किया जायेगा। जबकि विभाग द्वारा शहर में 6 स्थानों पर प्लांट बनाए जाने के प्रस्ताव है।

यहां बनने है STP:

जू सेक्टर में - 72 एमएलड़ी 

ग्रेटर नोएड़ा वेस्ट सेक्टर - 1 से 48 में 158 एमएलड़ी

केपी फाइव में - 40 एमएलड़ी

इकोटेक थ्री में - 20 एमएलड़ी

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इकोटेक टू में - 15 एमएलड़ी

इकोटेक छह में - 42 एमएलड़ी

आईटी सिटी में - 12 एमएलड़ी

के STP बनाए जाने का प्रस्ताव है। इन निर्माणों का लक्ष्य 2013 में रखा गया था। जोकि किसानों से जमीन के विवाद के बाद निर्माण कार्य नही हो पाया है। 

जिस तरह से सीवर ट्रीटमेंट के प्रोजेक्ट इतने धीरे और लेट चल रहे हैं उनसे तो लगता है हिंडन की स्थिति और भी भयावह होने जा रही है, ग्रेटर नॉएडा वेस्ट के साथ साथ राज नगर एक्सटेंशन और लगातार बनती नयी घनी आबादी वाली कॉलोनियां इस नदी पर और भी प्रेशर डालेंगी।  

आज भी एसटीपी बने होने के बावजूद, ज़ीरो डिस्चार्ज नियमों की अनदेखी की खबरें लगातार आती रहती हैं , किस तरह बिल्डर पैसा बचाने के लिए कॉलोनियों का सीवरेज बिना ट्रीटमेंट के ही नदी में बहा रहे हैं। 

हमारी गोमती नदी की रिसर्च में भी ये साफ दीखता है के सीवरेज प्लांट सिर्फ बनाने से नहीं मगर उसका चलते रहना भी बोहोत जरूरी है, किस तरह बड़े बड़े प्रोजेक्ट्स और खर्चों के बावजूद नदियां मैली होती रही हैं।  किस तरह बुरी प्लानिंग की वजह स्टॉर्म वाटर यानि वर्षा का पानी जाने से सीवरेज प्लांट्स बर्बाद हो गए, आज भी बंधा बना कर नदी को नाले में ढाल कर एजेंसियां जमीन बिल्डरों को बेच रही हैं 

अगर आपके या परिवार की निर्भरता हिंडन नदी पर है, या आपकी अपनी नदी चाहे वो यमुना हो या गोमती, गंगा हो या साबरमती संकट में है तो इस रिसर्च से जुड़ें और फॉलो करें।  हमसे जुड़ने के लिए आप नीचे "Contact a Coordinator" पर क्लिक कर मैसेज छोड़ सकते हैं ।

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