उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट संदेह के घेरे में, योगी आदित्यनाथ ने दिए जांच के आदेश
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By
Swarntabh Kumar 73
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट और उनके दिल के काफी करीब रहा गोमती रिवर फ्रंट प्रोग्राम पर जांच के काले बादल मंडरा रहे हैं. ज्ञात हो कि बैलेटबॉक्सइंडिया ने शुरुआत से ही इस प्रोजेक्ट को लेकर कुछ संदेह जाहिर किया था. साथ ही गोमती नदी पर हो रहे दोहन को लेकर आपके सामने कुछ तथ्य रखे थे. साथ ही हमने तब के उत्तर प्रदेश सरकार से लेकर गोमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के चीफ इंजीनियर तक को पत्र लिख कर जवाब मांगा था. मगर लगातार हमारे पत्रों को किसी तरह से नजरअंदाज करने की कोशिश की गई. पत्रों के जवाब भी आए तो घुमा फिरा कर और तथ्यों से हटकर और बचने की मुद्रा में. मगर नई सरकार के आते ही हमारे उठाए प्रश्नों को एक नया आधार और मजबूती मिली है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में गोमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट पर हो रहे कार्यों को लेकर अब खुद भी संदेश जारी किया है. उनकी सरकार ने समाजवादी पार्टी की सरकार में हुए निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर कड़ा फैसला करना शुरू कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद उत्साहित थे और गोमती को लंदन की थेम्स नदी बनाने का ख्वाब संजोया था उसके निर्माण कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है. कार्य को पूर्ण करने का समय मार्च तक ही था. बावजूद इसके हजारों करोड़ खर्च होने के बाद भी अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है. साथ ही रिवरफ्रंट का पानी बेहद गंदा है.
योगी आदित्यनाथ गोमती रिवरफ्रंट का मुआयना करने आए और वहां के प्रदूषित पानी को देख कर बेहद गुस्सा हुए. उन्होंने कड़ा कदम उठाते हुए इस प्रोजेक्ट की जांच करवाने का फैसला लिया. यही नहीं उन्होंने 45 दिन के अंदर इस जांच को पूरा करने का आदेश दिया है. इससे प्रोजेक्ट से जुड़ें लोगों में खलबली मच गई है. मगर इससे हामारी और हमारी तरह आम लोगों की उम्मीद काफी बढ़ी है. हमें उम्मीद है नदियों का हो रहा दोहन और करदाताओं का हजारों करोड़ गोमती रिवरफ्रंट में लगाने के बावजूद जिस तरह से कार्य हुआ है उस पर योगी जी की सरकार विशेष ध्यान देगी और उचित कार्रवाई करेगी.
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