चुनावी बॉन्ड को लेकर गाजीपुर में एसबीआई की मुख्य शाखा पर जिला काँग्रेस का प्रदर्शन
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Janak Kushwaha Contributors
Princy Gupta 0
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया है। शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने इस संबंध में गुरुवार को फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 2019 से अब तक चुनावी बॉन्ड से जुड़ी पूरी जानकारी देनी होगी। ज़िला कांग्रेस पार्टी और शहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के समक्ष गांधीवादी नीतियों का अनुपालन करते हुए धरना प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी किया। इस दौरान जिलाध्यक्ष सुनील राम ने भी चुनावी बांड को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आधिकारिक फैसलों पर अपनी सहमति जताई।
इसी विषय में डॉ जनक कुशवाहा ने भी अपनी दलील रखते हुए कहा कि चुनावी बांड योजना के तहत 2017 के शुरुआत में ही राजनैतिक दलों को 12000 करोड़ का काला धन मिला था, जिसमें से 6566.11 करोड़ रूपए केवल भाजपा के खेत में आए, जिसे सार्वजनिक करने में भाजपा आज भी अपना मुंह छिपाती आ रही है। एसबीआई द्वारा समय विस्तार के लिए 30 जून तक 5 महीने के लिए मांगा जा रहा है, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 मार्च तक ही था, इतना समय भाजपा के लिए उनके काली कमाई को छिपाने के लिए काफ़ी है।
उनका यह भी कहना है, कि इन सबका मुख्य कारण भाजपा है। भाजपा की इसी भ्रष्ट राजनीति का विरोध करने पर हम सब एकत्रित हुए हैं। इस विशेष अवसर पर ज्ञान प्रकाश सिंह, अजय कुमार श्रीवास्तव, महबूब निशा, बटुक नारायण मिश्रा, अनुराग पांडे, शशि भूषण राय, अखिलेश यादव, संजय गुप्ता, हामिद अली, सतीश उपाध्याय, राम नगीना पांडे, सोनू सिंह यादव, शंभू सिंह कुशवाहा इत्यादि लोग उपस्थित रहे।