कानपुर के गांधीग्राम वार्ड में पार्षद बैठे धरने पर, निगम पर लगाया भेदभाव का आरोप
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By
Vijay Laxmi Contributors
Praveen Kumar
Deepika Chaudhary 42
कानपुर के इतिहास में यादगार जीत दर्ज करने वाली वार्ड 26 गांधीग्राम वार्ड से पार्षद विजय लक्ष्मी और पार्षद पति सह पूर्व पार्षद मनोज यादव अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए, जिसका कारण उन्होंने नगर निगम द्वारा वार्ड के लिए किये जा रहे भेदभाव को बताया.
पार्षद पति मनोज यादव ने बताया कि हाल ही में निगम ने विकास बजट पास किया, जिसमें उनके वार्ड का नाम ही नहीं है. जबकि यह वार्ड योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री व स्थानीय विधयक श्री सतीश महाना के अधिकार क्षेत्र में शामिल है, फिर भी इसे विकास बजट से बाहर कर दिया गया. उन्होंने बताया कि वार्ड में समस्याओं का अंबार लगा है, जल निगम ने विगत दो सालों में सभी सडकें खोद कर ऐसे ही छोड़ दी हैं, अब जल भराव और टूटी फूटी सड़कों के कारण लोगों का आवागमन मुहाल हो गया है. साथ ही जल भराव से बीमारियां फैल रही हैं, गन्दगी पसरी हुयी है.
इसके अतिरिक्त पार्षद ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वार्ड में पिछले दो वर्षों में मात्र दो करोड़ का कार्य करवाया गया है, वहीं कानपुर के दूसरे वार्डों में 20 करोड़ तक के विकास कार्य हो चुके हैं. यहां कूड़ा उठाने के लिए मात्र चार हाथ से ढोने वाली गाड़ियों का इंतजाम है, उन्हें ही सफाई कर्मचारी एक दूसरे से मांग मांगकर उपयोग में लाते हैं, लेकिन निगम ने आंखें बंद की हुयी हैं और वार्ड की समस्याओं को दरकिनार करते हुए बजट मनमर्जी से आबंटित कर दिया है.
गौरतलब है कानपुर के चकेरी क्षेत्र को कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के प्रभुत्त्व वाला क्षेत्र माना जाता है, जहां जनता ने निरंतर उनपर विश्वास करते हुए उन्हें सत्ता में आने का अवसर दिया है. ऐसे में पार्षद ने विशेष तौर पर नाराजगी जताते हुए बताया कि जनता हम पर भरोसा करके क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है और पिछले कार्यकाल में हमने बहुत से कार्य कराये हैं लेकिन इस बार निगम का भेदभाव और राजनीतिक अंतर्कलह के चलते यह वार्ड उपेक्षित है, जिसका जवाब हमें ही जनता को देना पड़ेगा. ऐसे में उनकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और अब वह आन्दोलन करने पर विवश हैं और जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएँगी, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.