ठाकुरगंज श्री कल्याण गिरि मंदिर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में "कंस वध और कृष्ण-रुक्मिणी विवाह" पाठ का किया गया व्याख्यान
Leave a comment for the team.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें
इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.
ये कैसे कार्य करता है ?

जुड़ें और फॉलो करें
ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

संगठित हों
हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

समाधान पायें
कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।
आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?
क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे फॉलो का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें
हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।
क्या आपके पास कुछ समय सामजिक कार्य के लिए होता है ?
इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।
By
Anurag Pandey Contributors
Princy Gupta 0
हाल में भाद्रपद मास में राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित श्री कल्याण गिरि मंदिर में 23 अगस्त से श्रीमद भागवत कथा चल रही है। जिसके उपलक्ष्य में, कथा वाचक स्वामी अमर चैतन्य महाराज द्वारा षष्ठम् दिवस पर "कंस वध और कृष्ण-रुक्मिणी विवाह" के पाठ का व्याख्यान किया गया। जहां इस दौरान, कार्यक्रम में बतौर प्रमुख अतिथि एवं मुख्य सहयोगी कार्यकर्त्ता के रूप में लखनऊ के पूर्व पार्षद, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य एवं गंगा समग्र अवध के प्रांतीय प्रमुख अनुराग पांडेय सम्मिलित हुए।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस दौरान, कथा वाचक स्वामी अमर चैतन्य महाराज ने कंस वध व रुकमणी विवाह के प्रसंगों का चित्रण किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर में आये श्रद्धालुओ को बताया कि भगवान विष्णु के पृथ्वी लोक में अवतरित होने के प्रमुख कारण थे, जिसमें एक कारण कंस वध भी था। कथा का वर्णन करते हुए, उन्होंने बताया कि कंस के अत्याचार से पृथ्वी त्राह त्राह जब करने लगी तब लोग भगवान से गुहार लगाने लगे। तब कृष्ण अवतरित ने अवतरित होकर 11 वर्ष की अल्प आयु में अपने मामा कंस का वध कर मथुरा नगरी को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिला दी। अर्थात मनुष्य कितना भी पापी क्यों ना हो भगवान अपनी लीलाओ द्वारा उसे मायारुपी भवसागर को पार करा ही देते है। कंस वध के बाद श्रीकृष्ण ने अपने माता-पिता वसुदेव और देवकी को जहां कारागार से मुक्त कराया, वही कंस के द्वारा अपने पिता उग्रसेन महाराज को भी बंदी बनाकर कारागार में रखा था, उन्हें भी श्रीकृष्ण ने मुक्त कराकर मथुरा के सिंहासन पर बैठाया। वहीं उन्होंने पूतना वध के द्वारा यह ज्ञापित किया कि जीव कितना भी पापी क्यों ना हो भगवान उसका उद्धार कर ही देते हैं उसके अवगुणों को ध्यान नहीं देते।
बताते चले कि इस दौरान उन्होंने कृष्ण-रुक्मिणी विवाह का व्याख्यान करते हुए, बताया कि रुकमणी जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। वह विदर्भ साम्राज्य की पुत्री थी, जो विष्णु रूपी श्रीकृष्ण से विवाह करने को इच्छुक थी। लेकिन रुकमणी जी के पिता व भाई इससे सहमत नहीं थे, जिसके चलते उन्होंने रुकमणी के विवाह में जरासंध और शिशुपाल को भी विवाह के लिए आमंत्रित किया था, जैसे ही यह खबर रुकमणी को पता चली तो उन्होंने दूत के माध्यम से अपने दिल की बात श्रीकृष्ण तक पहुंचाई और काफी संघर्ष हुआ युद्ध के बाद अंततः श्री कृष्ण रुकमणी से विवाह करने में सफल रहे। इसके उपरान्त कार्यक्रम निवेदक अधिवक्ता अनुराग पांडेय ने श्रद्धालुओ में मध्य बताया कि कथतोपरांत दिनांक 30 अगस्त को सुबह हवन पूजन में होगा। जिसमें पूरे क्षेत्र के सनातन धर्मावलंबी सम्मिलित होंगे और अपरांह में साधू संतों तथा गृहस्थ जनों का भंडारा होगा। इसके साथ ही कथा के अंत में उन्होंने सभी भक्तो से कार्यक्रम में अधिक से अधिक शामिल होने के लिए अपील किया। वहीं इस मौके पर उनके साथ पार्टी के अन्य सदस्य एवं आयोजक मंडली के तमाम कार्यकर्ताओ सहित सैकड़ो की संख्या में भक्तजनो की उपस्थिति मौजूद रही।