वार्ड 90, दाना खोरी कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक घनी आबादी का परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता गुरु नारायण गुप्ता जी कार्यरत हैं. पार्षद जी के अनुसार वार्ड में तकरीबन 30-35,000 की आबादी का रहवास है और लगभग 6 मोहल्लें इस वार्ड के अंतर्गत सम्मिलित हैं.
मिश्रित
आबादी वाले इस वार्ड में हर वर्ग के लोगों का निवास है, जीविका के साधनों की बात
करें तो दाना खोरी में शिक्षित नौकरीपेशा वर्ग, एडवोकेट, डॉक्टर, सीए, प्राइवेट
जॉब करने वाले इत्यादि के साथ साथ व्यापारी, दुकानदारों एवं मजदूर वर्ग का भी आवास
है.
इस
वार्ड की सबसे बड़ी विशेषता भी यहां की जीविका से ही जुड़ी हुई है, दाना खोरी वार्ड
विशेष रूप से बर्तन निर्माण के व्यापारियों से जुड़ा हुआ है, यहां विगत कईं वर्षों
से दौलतगंज बर्तन बाजार से प्रति वर्ष बर्तनों का निर्माण बड़ी संख्या में होता है
तथा इसकी सप्लाई देश भर में की जाती है. साथ ही कबाड़ का व्यापार करने वाली 250-300
दुकानें भी वार्ड में मौजूद हैं. यहां सीताराम मोहाल बाजार में लईया मंडी बेहद बड़ी
मानी जाती है, जहां से पूरे कानपुर में व्यापार किया जाता है.
वार्ड का कुछ हिस्सा पुराने
कानपुर से सटा हुआ होने के चलते यह वार्ड रेलवे स्टेशन, बस अड्डे से नजदीक पड़ता
है, जिसके चलते यहां कनेक्टिविटी काफी अच्छी है. यहां रेवड़ी, पेठे, गज्जक इत्यादि
के बहुत से कारखाने भी है, इसके अतिरिक्त भी इस क्षेत्र में प्रत्येक छोटी-बड़ी
वास्तु का व्यापार होता है और हर त्यौहार की रौनक सडकों पर दिखाई देती है. यहां
सीताम्रम मोहाल में स्थापित उमामहेश्वर मंदिर, समस्त कानपुर में एकमात्र स्फटिक
शिवलिंग वाला मंदिर है, जिसमें दर्शन हेतु श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं.
दाना
खोरी वार्ड में वैसे तो उचित व्यवस्था एवं सुविधाओं से भरपूर 3 सरकारी विद्यालय हैं,
परन्तु उनमें शिक्षा प्रणाली आधुनिक शिक्षा पद्धति के अनुरूप नहीं है. इस कारण
वार्ड में सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या अधिक नहीं है, किन्तु यहां
उपलब्ध प्राइवेट विद्यालयों में अधिकतर छात्र जाते हैं. यदि स्वास्थ्य सुविधाओं की
बात की जाये, तो वार्ड में एक किराना सेवा समिति का अस्पताल, एक आयुर्वेदिक
प्राइवेट क्लिनिक और बहुत से प्राइवेट क्लिनिक्स हैं. किन्तु वार्ड में कोई सरकारी
अस्पताल नहीं हैं, जिसके चलते वार्ड की निम्न आयवर्गीय जनता को आस पास के सरकारी
चिकित्सालयों जैसे केपीएम, उर्सला, हैलट इत्यादि का रुख करना पड़ता है.
स्थानीय पार्षद गुरू नारायण जी के अनुसार, उनका वार्ड घनी आबादी व संकरी गलियों वाला वार्ड है, जिसकी वजह से अमूमन गलियों, नालियों इत्यादि से जुड़े विकास कार्यों में बाधा
आती है. इसके साथ ही वार्ड में गर्मियां आते ही पेठे के कारखाने शुरू हो जाते हैं, जिनसे निकलने वाली गंदगी के चलते
नालियां व सीवर जाम हो जाते हैं. इसके अलावा वार्ड में सफाई कर्मचारियों का अभाव
और जनता में स्वच्छता के प्रति जागरूक नहीं होना भी एक बड़ी समस्या है.