वार्ड 62, स्वर्ण जयंती विहार कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाले इलाकों में से एक है. जिसमें पार्षद के तौर
पर वर्ष 2017 से भारतीय जनता पार्टी के
अनुभवी नेता सौरभ तिवारी जी कार्यरत हैं. पार्षद जी के अनुसार वार्ड में तकरीबन 25,000 की आबादी का रहवास है. यह वार्ड मुख्य
रूप से विकसित एरिया में अत है तथा यहां डिफेंस के लोगों की संख्या अधिक है. इसके
साथ ही कुछ ग्रामीण क्षेत्र भी वार्ड से जुड़े हुए हैं.
लगभग 24 किलोमीटर क्षेत्र
की दूरी में फैले हुए स्वर्ण जयंती विहार में 170 मौहल्ले हैं. हरे-भरे इस क्षेत्र
में आसपास के लोग भी आकर बसे हुए हैं.
यदि क्षेत्र के इतिहास की
बात की जाये तो किवदंतियों के अनुसार राजा ययाति की रानी शर्मिष्ठा के नाम पर इसे
शर्मिष्ठा नगर कहा जाता था और यह राजा ययाति की राजधानी थी. इसी कारण इस वार्ड का
नाम स्वर्ण जयंती विहार प्रचलित हुआ.
इसके अतिरिक्त इसी वार्ड
में पुलवामा हेलीकाप्टर क्रेश (एम.आई.जी 16) में शहीद हुए दीपक पाण्डेय जी भी रहते
थे.
मिली जुली आबादी वाले इस
परिक्षेत्र में ग्रामीण लोग मुख्य रूप से कृषि तथा कुछ लोग फैक्ट्री में भी कार्य
कर अपना जीवनयापन करते हैं, साथ ही यहां कंस्ट्रक्शन के व्यवसाय से भी जुड़े
हुए हैं तथा यह आम जन की जीविका का आधार भी है.
स्वर्ण जयंती विहार वार्ड
में काफी संख्या में प्राइवेट स्कूल एवं बड़े-बड़े विद्यालय हैं. इसके साथ ही यहां
2-3 किलोमीटर की दूरी पर ही डिग्री कॉलेज मौजूद हैं, यानि शिक्षा के लिहाज से यह
वार्ड काफी समृद्ध है. यदि स्वास्थ्य सुविधाओं पर गौर किया जाए, तो वार्ड में अच्छे अस्पताल नहीं हैं, इसके अलावा वार्ड से 7-8
किमी की दुरी पर काशीराम ट्रॉमा सेंटर मौजूद है और कुछ प्राइवेट क्लिनिक्स वार्ड
में अल्पकालीन सुविधा के लिए है.
वार्ड की मूलभूत समस्याओं की बात की जाए तो स्थानीय पार्षद के अनुसार स्वर्ण जयंती विहार की सबसे बड़ी समस्या क्षेत्र के लोगों द्वारा अपने घरों के बाहर चबूतरा बनाए जाने से सीवर व सड़कों के निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न होना है. उनके अनुसार वर्ष 2012 में क्षेत्र में वाटर लाइन डाली गयी थी, जो आज बिलकुल चोक हो चुकी है. जिसके कारण स्थानीय लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ता है.