देवादिदेव महादेव की पवित्र नगरी वाराणसी, जो अपनी घाटों की संस्कृति, गौरवान्वित गंगत्त्व और जायकेदार व्यंजनों के लिए जाना जाता है...यहीं स्थित है वार्ड 58, धूपचंडी. वाराणसी की आदमपुर जोन के अंतर्गत आने वाले इस वार्ड में लगभग 30,000 की आबादी है.
मिश्रित आबादी वाले इस वार्ड में पार्षद के तौर पर भारतीय जनता पार्टी से श्रीमती विजेता चौधरी जी कार्यरत हैं और उनके पति
विकास चौधरी जी पार्षद प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों में संलग्न हैं.
इस वार्ड में जीविका के साधन के तौर पर व्यापारियों की संख्या अधिक है, साथ ही यहां दुकानों की तादाद भी ज्यादा है. इसके अतिरिक्त आजीविका हेतु मिले जुले साधन जैसे सरकारी अथवा प्राइवेट नौकरी करने वालों का भी कुछ प्रतिशत यहां निवास करता है. जनता की मौलिक सुविधाओं के तौर पर इस वार्ड में स्कूलों, अस्पतालों, बैंकों, एटीएम, पार्कों, मंदिरों इत्यादि की सुविधा वार्ड में हैं.
संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय यहां अनायास की भारतीय संस्कृति का आभास करा जाता है, वहीँ यहां गवर्नमेंट आईटीआई कॉलेज भी मौजूद है. यहां स्थित रामानंद नागेर पार्क वार्ड के प्रमुख पार्कों में से एक माना जाता है, जन सुविधाओं के आधार पर देखा जाये तो धूपचंडी वाराणसी के विकसित वार्डों में गिना जाता है.
स्थानीय पार्षद के अनुसार उनके वार्ड में पहले नगर निगम द्वारा मार्ग प्रकाश की व्यवस्था हेतु लाइट्स लगवाई जाती थी, किन्तु पिछले कुछ समय से फिलिप्स कंपनी को इसका ठेका दे दिया गया. जिसके चलते प्रकाश व्यवस्था में बहुत सी खामियां देखी जा सकती हैं.
इसके साथ ही वाराणसी के शहरी भाग में सीवर समस्या को भी पार्षद विकास जी समस्त वाराणसी की सबसे बड़ी समस्या मानते हैं. उनका मानना है कि वाराणसी पुराना बसा हुआ शहर है और हाथीनाला की मरम्मत भी काफी वर्षों से चल रही है, जिससे बहुत सी सीवर लाइन्स बंद पड़ी हुई है. इसके कारण सीवर व्यवस्था को लेकर काफी समस्याएं हैं.
विकास जी के अनुसार उनका वार्ड आदमपुर जोन के अंतर्गत आता है, जिसमें उनके वार्ड सहित अन्य 12 ओर वार्ड आते हैं. इस जोन के अंतर्गत आने वाली सीवर लाइन्स के लिए मात्र एक ही जेंटिंग मशीन की व्यवस्था है, जो प्रत्येक वीरवार जोन में आती है. इस तरह 13 वार्डों के लिए केवल एक ही मशीन का होना विकास जी सबसे बड़ी समस्या मानते हैं.