वार्ड 53, सरायमीता वार्ड उत्तर प्रदेश का औद्योगिक क्षेत्र
कानपुर का एक मिश्रित आबादी वाला इलाका है, तकरीबन 50-60,000 की जनसंख्या
वाला यह वार्ड कानपुर नगर निगम के अंतर्गत आता है तथा यहां मतदाताओं की संख्या 28,000 है. क्षेत्र के विकास कार्यों की बागड़ोर संभाल रहे सुमित
कुमार पाल जी भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले वर्ष 2017 से पार्षद पद पर कार्यरत
हैं. इस वार्ड के अंतर्गत सुंदर नगर, गणेश शंकर
विद्यार्थी नगर, ए ब्लॉक, टी ब्लॉक, बरगदियापुरवा जैसे
इलाकों के साथ-साथ कुछ ग्रामीण क्षेत्र भी आते हैं.
मिश्रित आबादी वाले इस
क्षेत्र में काफी शिक्षित लोग भी रहते हैं तथा यहां साक्षरता दर भी काफी बेहतर है.
क्षेत्र में एक ओर जहां विकसित सोसाइटी क्षेत्र है, तो वहीँ दूसरी ओर यहां
कुछ ग्रामीण क्षेत्र भी है. कुल मिलाकर सरायमीता वार्ड में तीन से चार गांव भी आते
हैं, जहाँ जीविका का प्रमुख आधार कृषि, दूध का व्यापार इत्यादि हैं. वार्ड की विकसित सोसाइटी में रहने वाले वर्ग में
अधिकतर जनता पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में नौकरी करती है साथ ही यहां कुछ लोगों के
छोटे-छोटे उद्योग भी हैं.
यदि क्षेत्र के इतिहास की
बात की जाये तो कुछ समय पहले यह ग्रामीण इलाका हुआ करता था, जिसे कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा
योजनाएं बनाकर धीरे धीरे विकसित किया गया. इस वार्ड को केडीए द्वारा धीरे धीरे
पहले ब्लॉक्स में विभाजित किया,
फिर सोसाइटी एरिया विकसित
हुआ.
पांडव नदी के किनारे बसे
इस वार्ड के ग्रामीण इलाकों में भी प्राइमरी विद्यालयों की सुविधा मौजूद है, लिहाज़ा शिक्षा सुविधाओं की व्यवस्था इस वार्ड में बेहतर है. वार्ड में बहुत से
प्राइवेट स्कूल भी उपस्थित हैं,
जो अच्छी शिक्षा के
विकल्प हैं. साथ ही डिग्री कॉलेज व इंटर कॉलेज भी इस वार्ड में मौजूद हैं. यदि
स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाए,
तो वार्ड में गणेश शंकर
विद्यार्थी नगर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. जहां जनता को बेहतर चिकित्सा
सुविधा उपलब्ध होती है. साथ ही वार्ड में प्राइवेट नर्सिंग होम मौजूद हैं. इसके
अतिरिक्त हैलट जैसे प्रमुख अस्पताल भी इस वार्ड में उपलब्ध हैं.
सरायमीता वार्ड के पार्षद
के अनुसार सामान्य समस्याएं जैसे ए टू जेड कूड़ाघर जिसके
कारण क्षेत्रवासियों को श्वास सम्बन्धी रोगों से जूझना पड़ता है. साथ ही नदी किनारे
के.डी.ए द्वारा बनाई गयी लम्बी दीवार जिस कारण नदी के पानी को निकलने का रास्ता
नही मिल पाता. यह क्षेत्र में बाढ़ का प्रमुख कारण बनता है और यही इस वार्ड का सबसे
बड़ा मुद्दा भी है.