पतित पावन गंगा के किनारे बसी है महादेव के नगरी वाराणसी, जो अपने मंदिरों, पौराणिक
तालाबों, कुंडों, अद्भुत संस्कृति और गौरान्वित सभ्यता आदि के लिए विशेष रूप से
जानी जाती है. युगों प्राचीन संस्कृति का एक ऐसा ही नमूना पेश करता है वाराणसी
कामेश्वर महादेव का मंदिर, जो भगवान शिव के कामेश्वर स्वरुप को समर्पित है. इसी
मंदिर के नाम पर है वाराणसी का कामेश्वर महादेव वार्ड, जो गंगा नदी के किनारे बसा
है और यह अपने अनूठे घाटों के लिए बेहद प्रसिद्द है.
मिश्रित जनसंख्या वाले इस वार्ड में जनसंख्या तकरीबन 12,000 है और यहां पार्षद
के तौर पर भारतीय जनता पार्टी से कुंवर कृष्णकांत सिंह जी कार्यरत हैं, जो वर्ष 2017
से कामेश्वर महादेव वार्ड से जन प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों में
संलग्न हैं.
दक्षिणी विधानसभा की जोन 2 में आने वाले इस वार्ड में जीविका के साधन मिले
जुले हैं, यानि यहां व्यापारी वर्ग, छोटे लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, छोटे
व्यापार में संलग्न लोगों के साथ साथ नौकरीपेशा जनता का भी निवास स्थान है, जिसमें
सरकारी एवं प्राइवेट दोनों ही सेक्टर से जुड़े लोग सम्मिलित हैं.
जनता की मौलिक सुविधाओं के तौर पर इस वार्ड में स्कूलों, अस्पतालों, बैंकों,
एटीएम, पार्कों, मंदिरों इत्यादि की भी सुविधा हैं. यहां शिक्षा सुविधा के रूप में बाल विद्यालय माध्यमिक
स्कूल, चिल्ड्रेंस अकादमी, एचएस अकादमी इत्यादि जैसे विद्यालयों के साथ साथ
स्वास्थ्य सुविधाओं के विकल्प के रूप में बिरला हॉस्पिटल सहित बहुत से प्राइवेट
क्लिनिक्स भी मौजूद हैं.
धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाये तो यह वार्ड बेहद महत्वपूर्ण है, यह अपने
पुराने घाटों और मंदिरों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्द है. गाय घाट, त्रिलोचन घाट,
नंदेश्वर घाट, गोला घाट, हनुमानगढ़ी घाट जैसे मनोहर घाटों के अतिरिक्त यहां
कामेश्वर महादेव मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर, शीतला माता मंदिर, मधुसुदन मंदिर,
बृहस्पति मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर इत्यादि भी उपस्थित हैं, जो अपनी विशेष शैली से आज
भी पुरातन भारतीय संस्कृति का बोध कराते हैं.