देवादिदेव महादेव की पवित्र नगरी वाराणसी, जो अपनी घाटों की संस्कृति,
गौरवान्वित गंगत्त्व और जायकेदार व्यंजनों के लिए जाना जाता है...यहीं स्थित है
वार्ड 19, तुलसीपुर, जिसे महाकवि रामभक्त तुलसीदास जी के नाम पर बनाया गया था.
लगभग 30-35,000 की आबादी वाले इस वार्ड में मतदाताओं की संख्या 18,000 के आस पास
है.
मिली जुली आबादी वाले इस वार्ड में पार्षद के तौर पर कांग्रेस पार्टी से
श्रीमती कौशल्या देवी जी कार्यरत हैं, जो वर्ष 2017 से तुलसीपुर वार्ड से जन
प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों में संलग्न हैं, इससे पूर्व उनके पति
पुन्नू लाल बिन्द इसी वार्ड से पार्षद रह चुके हैं और वर्तमान में वें पार्षद
प्रतिनिधि के तौर पर अपनी पत्नी को सहयोग दे रहे हैं.
इस वार्ड में जीविका के साधन मिले जुले हैं, यानि यहां व्यापारी वर्ग, छोटे
लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, छोटे व्यापार में संलग्न लोगों के साथ साथ नौकरीपेशा
जनता का भी निवास स्थान है, जिसमें सरकारी एवं प्राइवेट दोनों ही सेक्टर से जुड़े
लोग सम्मिलित हैं.
जनता की मौलिक सुविधाओं के तौर पर इस वार्ड में स्कूलों, अस्पतालों, बैंकों,
एटीएम, पार्कों, मंदिरों इत्यादि की भी सुविधा हैं. यहां जन सुविधा के रूप में
निवेदिता शिक्षा सदन, माध्यमिक विद्यालय मह्मूरगंज, केएलएम इंग्लिश स्कूल इत्यादि
जैसे विद्यालयों के साथ साथ अरुणोदय हॉस्पिटल एवं कुछ प्राइवेट क्लिनिक्स भी स्थित
हैं. साथ ही जनता के धार्मिक क्रियाकलापों के लिए यहां श्री तारकेश्वर बाबा मंदिर,
श्री तदबीर बाबा मंदिर, प्राचीन सती माता मंदिर आदि मौजूद हैं.
यदि इस वार्ड की प्रमुख विशेषता की बात की जाये तो यहां वाराणसी की ऐतिहासिक मोतीझील स्थित है, जिसका वर्णन बनारसी कजलियों में भी किया जाता है. वर्ष 1908 में बाबू मोतीचंद्र द्वारा बनवाई गयी मोतीझील हवेली में परिजनों के स्नान के लिए मोतीझील का निर्माण किया गया था, तबसे यह प्रसिद्द क्षेत्र मह्मूरगंज इलाके की शान बना हुआ है. इसके साथ साथ इस वार्ड में आकाशवाणी केंद्र भी स्थित है.
यदि बात वार्ड की समस्याओं की करें तो यहां कुछ क्षेत्र कॉलोनियों में आता है,
जहां विकास की गति ठीकठाक है तो वहीँ कुछ क्षेत्र मलिन बस्तियों में बंटा हुआ है, जहां
मूलभूत सुविधाओं का बेहद अभाव है. स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि पुन्नू लाल जी के
अनुसार उनके वार्ड में सीवर और पेयजल से जुड़ी समस्याएं काफी अधिक रही हैं.
जहां एक ओर कॉलोनियों के समर्थ लोग सबमर्सिबल पंप आदि की
व्यवस्था कराकर अपने लिए पेयजल की व्यवस्था कर लेते हैं, वहीं दूसरी ओर
मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीब लोग भी हैं, जो किसी तरह की व्यवस्था नहीं करा पाते हैं..जिसके चलते
पेयजल की भयंकर समस्या उनके सम्मुख खड़ी हो जाती है.
इसके अतिरिक्त तुलसीपुर वार्ड में सबसे बड़ी समस्या मोतीझील
में पसरी गंदगी की है, जिससे हर
गर्मियों में आस पास के निवासियों को डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया इत्यादि बीमारियों से ग्रसित होना पड़ता है. इस
समस्या के लिए बहुत बार प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है, किन्तु मोतीझील
चूंकि एक प्राइवेट लैंड है,
इसलिए इसका सुधार
कार्य नहीं हो पा रहा है.