पौराणिक वरुणा नदी के किनारे बसा नदेसर वार्ड अपने घाटों और मंदिरों के लिए
जाना जाता है, साथ ही यहां मंदिर-मस्जिदों की बाहुल्यता स्थानीय निवसियों के मध्य
विद्यमान सांप्रदायिक समरसता का परिचय देते हुए प्रतीत होती है. मां नदेश्वरी देवी
के नाम से बनारस के राजाओं द्वारा निर्मित इस स्थान का इतिहास और संस्कृति बेहद
प्राचीन माने जाते हैं, जो आज भी यहां उत्सवों, धार्मिक आयोजनों और व्यंजनों में
स्पष्ट रूप से दिखते हैं.
मिली जुली आबादी वाले इस वार्ड में जनसंख्या तकरीबन 40-45,000 है और यहां
पार्षद के तौर पर भारतीय जनता पार्टी से सुशील कुमार गुप्ता जी कार्यरत हैं, जो
वर्ष 2017 से नदेसर वार्ड से जन प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों में
संलग्न हैं. लगभग 25-27 मोहल्लों में विभाजित नदेसर वाराणसी के उस वार्ड का
प्रतिनिधित्व करता है, जो ठीक वाराणसी रेलवे स्टेशन के सामने पड़ते हुए आगंतुकों का
स्वागत खुले दिल से करता है.
इस वार्ड में जीविका के साधन मिले जुले हैं, यानि यहां व्यापारी वर्ग, छोटे
लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, छोटे व्यापार में संलग्न लोगों के साथ साथ नौकरीपेशा
जनता का भी निवास स्थान है, जिसमें सरकारी एवं प्राइवेट दोनों ही सेक्टर से जुड़े
लोग सम्मिलित हैं.
जनता की मौलिक सुविधाओं के तौर पर इस वार्ड में स्कूलों, अस्पतालों, बैंकों,
एटीएम, पार्कों, मंदिरों, कम्युनिटी हॉल्स इत्यादि की भी सुविधा हैं. यहां शिक्षा
सुविधा के रूप में किडजी वाराणसी नदेसर, कटिंग मेमोरियल इंटर कॉलेज, मालवीय शिक्षा सदन, तुलसी
शिक्षा निकेतन स्कूल इत्यादि जैसे विद्यालयों के साथ साथ स्वास्थ्य सुविधाओं के
विकल्प के रूप में कैंटोनमेंट हॉस्पिटल, साईं राज हॉस्पिटल, महाश्वेता हॉस्पिटल
एवं बहुत से प्राइवेट क्लिनिक्स भी मौजूद हैं. साथ ही जनता के धार्मिक
क्रियाकलापों के लिए यहां श्री लखबीर बाबा का मंदिर, नदेसर मंदिर, ओम साईं मंदिर, प्राचीन
श्री रामजानकी मंदिर, नदेसर जामा मस्जिद, मस्जिद-ए-मिलाद इत्यादि उपस्थित हैं.
अपने जायकेदार पान के लिए प्रसिद्द नदेसर में “ताम्बूलम पान भंडार” नाम से पान
की दुकान मौजूद है, जहां कई नामी-गिरामी हस्तियाँ मात्र पान का स्वाद चखने के लिए
आ चुकी हैं. साथ ही नदेसर में 18 शताब्दी के अंत में बना नदेसर पैलेस एक बेहतरीन ऐतिहासिक
टूरिस्ट स्थान माना जाता है, जो अपने अनोखे वास्तुशिल्प, हरीतिमा से भरपूर है, इसे
पहले नदेसर कोठी के नाम से जाना जाता था.
यदि बात वार्ड की समस्याओं की करें तो यहां स्थानीय पार्षद जी के अनुसार पूर्व
में यहां पेयजल, सीवर, इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिजली इत्यादि से जुड़ी समस्याएं रही हैं,
जिनपर धीरे धीरे विकास कार्य किया जा रहा है.