कानपुर का जन्मदाता पुराना
कानपुर वार्ड संख्या 13 कानपुर के विकसित वार्डों में से एक माना जाता है, जहां पार्षद पद के दायित्त्व का वहन भारतीय जनता पार्टी से मदन बाबू कर रहे
हैं. वह वर्ष 2017 से यहां पार्षद पद पर नियुक्त हैं. पार्षद जी के अनुसार वार्ड
में तकरीबन 60,000 की आबादी का रहवास है, जिनमें 26,000 मतदाताओं की संख्या
है.
यह क्षेत्र घाटों से जुड़ा
होने के कारण क्षेत्र में जनता की जीविका का स्त्रोत भी इन्हीं घाटों पर आयोजित
विभिन्न अनुष्ठान है, इसके अतिरिक्त यहां की आबादी में छोटे-छोटे व्यापारी
वर्ग, मजदुर वर्ग आदि भी शामिल है. वहीँ क्षेत्र में धार्मिक एकीकरण को
दर्शाते बहुत से मंदिर एवं मस्जिद मौजूद हैं. इसके अलावा सबसे बड़ा
कर्बला भी इसी क्षेत्र में मौजूद है. जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर
मुहर्रम मनाते हैं.
इसके साथ ही क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा व प्राचीन भैरों मंदिर भी
मौजूद हैं. जहां सम्पूर्ण कानपुर
जिले से श्रद्धालुगण विशाल संख्या में उपस्थित होते हैं और रानी घाट, भैरों घाट व
तिवारी घाट जैसे विभिन्न घाट भी इसी क्षेत्र में हैं.
पुराना कानपुर वार्ड में दो
सरकारी विद्यालय है, जहां शिक्षा
सुविधाओं का अभाव है. साथ ही यहां काफी प्राइवेट स्कूल मौजूद हैं, जो अच्छी शिक्षा के विकल्प हैं. यदि स्वास्थ्य
सुविधाओं की बात की जाये, तो वार्ड में एक
भी अस्पताल नहीं हैं, जिसके चलते
क्षेत्रवासियों को आस पास के अस्पतालों जैसे हैलट इत्यादि का रुख करना पड़ता है.
इस वार्ड की सबसे बड़ी
विशेषता यही रही है कि यहां बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों ने निवास किया है और आज
भी उनकी स्मृतियां लोगों के मस्तक पटल पर अंकित हैं.
स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में पेयजल व सीवर इत्यादि से जुड़ी बहुत सी समस्याएं हैं, परन्तु पार्षद जी के प्रयासों व जन सहयोग से इन समस्याओं से स्थानीय जनता को निज़ात दिलाने के लिए अनवरत रूप से कार्य किया जा रहा है.