रावण से युद्ध कर लंकाविजय
के पश्चात भगवान श्रीराम माता सीता के साथ उनके सहयोगी बंदर-भालुओं के साथ लंकापति
विभीषण भी साथ आए थे. अयोध्या में वह नगरी जहां विभीष्ण जी ठहरे थे, वह विभीषणकुंड
से नाम से जानी जाती है. इसी कुंड से विभीष्ण कुंड वार्ड का नाम पड़ा.
परन्तु कुछ वर्षों से यह कुंड
अपनी खोयी हुई पहचान प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहा था. अयोध्या की ओर से
नगरपालिका परिषद ने अपने 39वें स्थापना दिवस पर इस कुंड को नया तोहफा दिया. जिसके
अंतर्गत कुंड का जीर्णोधार व सौंदर्यीकरण कराया गया.
भारत की मोक्षदायिनी मानी
जाने वाली सप्तपुरी नगरियों में से एक नगरी अयोध्या है, जिसका इतिहास सदियों पूर्व प्राचीन माना जाता है. पवित्र ग्रंथ “रामायण” के अनुसार अयोध्या की स्थापना स्वयं मनु ने
सरयू नदी के किनारे की थी, जिसे भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में भी
महता प्राप्त है. स्थानीय साक्ष्यों के अनुसार यहाँ आज भी हजारों की तादाद में
छोटे-बड़े मंदिरों की उपस्थिति दर्शाती है कि अयोध्या भारतवासियों के हृदय में
विशेष स्थान रखता है और यह देश का प्रमुख धार्मिक-सांस्कृतिक शहर होने के साथ साथ
हिन्दुओं की तीर्थस्थली के तौर पर भी विख्यात है.
अयोध्या नगरी में वार्डों
के नामकरण क्रांतिकारियों, ऐतिहासिक
व्यक्तियों एवं धार्मिक-सांस्कृतिक स्थानों के नाम पर प्रचलित है. इस वार्ड में
स्थानीय विकास की जिम्मेदारी का वहन चमेली देवी कर रही हैं, जो वर्ष 2017 से इस वार्ड में
पार्षद रहते हुए क्षेत्रीय विकास का दायित्त्व निभा रही हैं.
मिली जुली जनसंख्या वाले इस इलाके में जीविका के साधन भी मिश्रित ही हैं. साथ ही शिक्षा व्यवस्था के तौर पर इस वार्ड में सरकारी स्कूलों के साथ-साथ इंटर कॉलेज व प्राइवेट स्कूलों की भी व्यवस्था है. जिनमें सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज जैसे स्कूल सम्मिलित हैं. स्थानीय पार्षद के अनुसार शिक्षा के लिहाज़ से यह वार्ड काफी बेहतर है. स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाए तो वार्ड में कुछ संख्या में सरकारी व प्राइवेट हॉस्पिटल है.
इसके साथ ही वार्ड में
बहुत से प्राचीन मंदिर व कुंड भी मौजूद है. यहां विभीष्ण कुंड, हनुमान गढ़ी, नेपाली मंदिर, श्री रामायण भवन जैसे धार्मिक केंद्र मौजूद हैं.
बात यदि वार्ड की प्रमुख
समस्याओं के बारे में की जाए तो स्थानीय पार्षद के अनुसार, उनके क्षेत्र में सड़क विकास कार्य, पेयजल व लाइट इत्यादि मुद्दों से संबंधित पहले बहुत सारी समस्याएं थी, परन्तु वर्तमान में इन सभी मुद्दों को गंभीरता से समझते
हुए विभिन्न कार्य कराए जा चुके है.
References:
http://nagarnigamayodhya.in/pages/hi/topmenu-hi/hi-about-us/hi-ward-mohallas