वार्ड 88, वसंत विहार कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से भारतीय जनता पार्टी से अनूप कुमार शुक्ला कार्यरत हैं. पार्षद के अनुसार वार्ड में तकरीबन 45-50,000 की आबादी का रहवास है, जिनमें लगभग 25,000 वोटर हैं.
मिली जुली आबादी वाले इस क्षेत्र में हर वर्ग के लोगों का आवास है, जहां कुछ क्षेत्रों में नौकरीपेशा लोग हैं, तो कुछ इलाकों में कारखानों में कार्य कर गुजर-बसर करने वाली जनसंख्या भी है. वार्ड में तकरीबन 5 से 7 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति का भी निवास है, जो मुख्यत: घरों में कुटीर उद्योगों से जुड़ी है.
यदि क्षेत्र के इतिहास की बात की जाये तो यहां अधिकतर आबादी घाटमपुर और हमीरपुर से आकर बसी है. वर्ष 1970 के आस पास बसा यह वार्ड कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा योजनाएं बनाकर धीरे धीरे विकसित किया गया. किदवई नगर विधानसभा का अंतिम वार्ड माना जाने वाले इस क्षेत्र में वसंत विहार, आनंद विहार, बाबा नगर मलिन बस्ती, लव कुश विहार, श्याम नगर, नौबस्ता, पुरानी बस्ती, हनुमंत विहार इत्यादि प्रमुख मोहल्लें हैं.
वार्ड में मौजूद कुछ क्षेत्र केडीए द्वारा बसाये गए हैं, कुछ सोसाइटी क्षेत्र समय के साथ विकसित हुए हैं. साथ ही यहां की मलिन बस्तियां भी ठीकठाक अवस्था में हैं. हनुमान गढ़ी मंदिर इस वार्ड का चर्चित धार्मिक स्थल है, जो बहुत से श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का बिंदु है.
नेशनल हाईवे 27 और 34 से जुड़े हुए वसंत विहार वार्ड में सरकारी विद्यालय तो अधिक नहीं है, किन्तु वार्ड में बहुत से अच्छे शैक्षणिक जैसे शिवाजी इंटर कॉलेज, शांति निकेतन इंटर कॉलेज इत्यादि उपस्थित हैं, जो अच्छी शिक्षा के विकल्प हैं. साथ ही कईं डिग्री कॉलेज भी क्षेत्र में मौजूद हैं. यदि स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाये, तो वार्ड में नौबस्ता पुरानी बस्ती के अंतर्गत एक सरकारी अस्पताल है, इसके अतिरिक्त कुछ नवनिर्मित अस्पताल जैसे धन्वन्तरी हॉस्पिटल एवं उत्कर्ष हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी होम चिकित्सा के बेहतर विकल्प के तौर पर मौजूद हैं.
वार्ड की प्रमुख समस्याएं -
वार्ड के प्रमुख समस्याओं की बात करें तो स्थानीय पार्षद के अनुसार, उनका वार्ड प्रमुख रूप से सीवर व पेयजल की समस्या से ग्रसित रहा है. वार्ड के 80-90 प्रतिशत क्षेत्र में सीवर लाइन नहीं है और जिस 10 प्रतिशत क्षेत्र में सीवर लाइन पड़ी भी है, तो उनका व्यास इतना छोटा है, कि अक्सर ओवरफ्लो हो जाता है, जिसके चलते काफी गंदगी भी फैलती है. वहीं पेयजल की बात करें, तो सिर्फ केडीए के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में ही पानी की सप्लाई हो रही है, जबकि सोसायटी क्षेत्र में वाटर लाइन न होने के चलते पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है, जिससे जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.