भारतीय स्वाधीनता के लिए आजाद हिन्द फौज की स्थापना कर ब्रिटिश समाज की जड़ों को हिलाने वाले वीर क्रांतिकारी सुभाष चन्द्र बोस को कौन नहीं जानता? भारत माता के इस सच्चे सपूत ने आजाद हिंद फौज के कमांडर के रूप में भारत की अस्थायी सरकार सिंगापुर में स्थापित की थी, जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड के द्वारा भी मान्यता मिली थी और इस वैश्विक समर्थन ने ब्रिटिश शासन की जड़ों को हिला कर रख दिया था. इसी वीर क्रांतिकारी के नाम पर अयोध्या के वार्ड 52 को सुभाष चन्द्र बोस वार्ड का नाम दिया गया है.
सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी सामंजस्य की मिसाल कायम करता यह वार्ड आज भी गंगा-जमुनी तहजीब का प्रदर्शन करता है, जहां दिवाली की जगमगाहट और ईद की रौनक दोनों की झलक दिखाई देती है. चंद्रशेखर आजाद वार्ड का...जो वर्ष 2017 से पहले फैजाबाद जिले के अंतर्गत आता था, लेकिन योगी सरकार के प्रदेश में आने के बाद फैजाबाद और अयोध्या नगर पालिका को जोड़कर अयोध्या नगर निगम का निर्माण किया गया, जिसमें तकरीबन तीन लाख की आबादी वाले 50 वार्ड को 60 नए वार्ड में विभाजित का दिया गया. इस तरह कभी फैजाबाद नगर परिषद् के 29 वार्ड में से एक सुभाष चंद्र बोस वार्ड भी अयोध्या नगर निगम का हिस्सा बन गया.
जुड़वाँ शहर अयोध्या और फैजाबाद की नगर पालिका बोर्ड को समाप्त कर प्रदेश सरकार ने अयोध्या नगर निगम की स्थापना करते हुए यहाँ बनाये गए नए वार्ड का नामकरण क्रांतिकारियों, ऐतिहासिक व्यक्तियों एवं धार्मिक-सांस्कृतिक स्थानों के नाम पर किया है. इसी तर्ज पर भारतीय स्वाधीनता के संघर्ष में अग्रणी रहे क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर अयोध्या के वार्ड 57 का नामकरण किया गया. इस वार्ड में स्थानीय विकास की जिम्मेदारी का वहन समाजवादी पार्टी से अर्जुन यादव कर रहे हैं, जो वर्ष 2017 से इस वार्ड में पार्षद रहते हुए क्षेत्रीय विकास का दायित्त्व निभा रहे हैं.
मिली जुली जनसंख्या वाले इस इलाके में आने वाले प्रमुख
मोहल्लों में रिकाबगंज, कंधारी बाज़ार, डमली कतार, लाजपत नगर कॉलोनी आदि आते हैं. शिक्षा
व्यवस्था के तौर पर इस वार्ड में प्राइमरी स्कूलों के साथ साथ आर्य कन्या इंटर कॉलेज,
मनोहर लाल स्कूल आदि भी आते हैं, जो शिक्षा सुविधा के लिहाज से बेहतर विकल्प हैं. स्वास्थ्य
सुविधाओं की बात की जाये तो वार्ड में स्थित अयोध्या जिला चिकित्सालय जनता को
अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराता है.
इसके साथ ही वार्ड में बहुत से प्राचीन मंदिर स्थित हैं, यहां मां ललिता मंदिर, श्री मन कामेश्वर नाथ महादेव, हनुमान गढ़ी जैसे धार्मिक केंद्र मौजूद हैं. इनमें हनुमान गढ़ी विशेष रूप से प्रसिद्द है, कहा जाता है कि यहां श्री हनुमान का बाल स्वरुप स्थापित है, जो माता अंजनी की गोद में विराजमान हैं. मंदिर से जुडी प्राचीन मान्यता यह है कि स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अयोध्या की रक्षा करने हेतु इस स्थान पर हनुमान जी को विराजमान होने के लिए आज्ञा दी थी, तभी से यहां प्रतिवर्ष भक्तों का ताँता लगा रहता है.
(हनुमान गढ़ी, रिकाबगंज)
बात यदि वार्ड की प्रमुख समस्याओं के बारे में की जाये तो स्थानीय पार्षद अर्जुन यादव के मुताबिक, उनके वार्ड में लम्बे समय से जलभराव की समस्या चली आ रही है. जिसका कारण है वार्ड के बीच में पड़ने वाला एक बड़ा नाला, जिसका वर्षों से निर्माण नहीं हो पा रहा है. इसके लिए उन्होंने प्रस्ताव दिया है तथा अगले वर्ष मार्च तक इस समस्या का निस्तारण होने की आशा है. इसके अलावा वार्ड की अन्य कई गलियों में भी जलभराव एक प्रमुख समस्या है, जिसके समाधान के लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं.
References:
1. http://nagarnigamayodhya.in/pages/hi/topmenu-hi/hi-about-us/hi-ward-mohallas