स्थल तीर्थों में सबसे
बड़ा तीर्थ प्रयागराज जिसका नाम मुस्लिम शासक अकबर ने बदलकर इलाहाबाद रख दिया और
इसे अल्लाह का शहर कहा जाने लगा. इस समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसे पुनः इसके
प्राचीन नाम प्रयागराज के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है. प्रयागराज को आरंभ से
ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र
अथार्त बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. हिंदुग्रंथानुसार
सम्पूर्ण पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा जी ने प्रयागराज को ही यज्ञ के लिए चुना था.
तो आज चलते है, पवित्र स्थली प्रयागराज के शाहगंज वार्ड में, जो वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम का हिस्सा है. स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में 54% अन्य समुदाय व 46% मुस्लिम आबादी का निवास है और यहां हिंदु-मुस्लिम के साथ-साथ मिश्रित आबादी रहवास है. बात की जाए क्षेत्र के लोगों के जीवनयापन के साधनों की तो यहां आय के साधनों में नौकरीपेशा लोग व व्यावसायिक वर्ग के साथ-साथ विभिन्न कार्यों में संलग्न आबादी हैं.
इसलिए प्रसिद्ध है यह वार्ड
प्रयागराज में स्थित चौक घंटाघर देश के सबसे प्राचीन बाजारों में से एक है. जिसे मुगलों की परम्परागत और निर्माण कला का विशेष नमूना कहा जाता है. प्रयागराज स्थित घंटाघर को लखनऊ के बाद दूसरा सबसे प्राचीन घंटाघर कहा गया है. इसके खम्बों पर बेहद सुंदर कलाकृतियाँ बनाई गयी हैं. इसके अतिरिक्त शाहगंज वार्ड में काफी बड़ी बड़ी व पुरानी मार्केट मौजूद हैं. जिनमें दवाइयों की मार्केट, इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट, खिलौनों की मार्केट, सबसे बड़ी पान मंडी व बर्तन मंडी इत्यादि सम्मिलित हैं.
शाहगंज वार्ड में स्थानीय
पार्षद के तौर पर समाजवादी पार्टी से नाज़रीन बेगम कार्य कर रही हैं और उनके पति ज़फर खान पार्षद प्रतिनिधि के रूप में क्षेत्रीय विकास कार्यों में उनका सहयोग कर रहे
हैं.
वार्ड में यदि शिक्षा सुविधा
की बात की जाए तो यहां प्राइवेट स्कूल, इंटर कॉलेज व सरकारी
विद्यालय के साथ-साथ प्राथमिक स्कूल की भी सुविधा है, तो यह कहा जा सकता है कि यह
वार्ड शिक्षा के क्षेत्र में काफी बेहतर है. वार्ड में काफी संख्या में स्कूल है. जहां बच्चों को इंग्लिश व हिंदी दोनों मीडियम की शिक्षा प्रदान की जाती है.
वार्ड में स्वास्थ्य सुविधा
के लिए सरकारी व प्राइवेट अस्पताल दोनों है. परन्तु चिकित्सा का स्तर अच्छा नही
हैं. सरकारी डॉ. भी बाहर से दवाइयां लिखते हैं तो सभी वर्ग के लोग उतने सक्षम नही
होते. बाकी अधिकतर लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में जाते हैं.
पार्षद के अनुसार यदि वार्ड की प्रमुख समस्याओं पर गौर किया जाए तो ज़फर खान के अनुसार उनके क्षेत्र में समस्याएं काफी ज्यादा है. साथ ही वार्ड में पेयजल की भी उचित व्यवस्था नही है.
Reference :
http://allahabadmc.gov.in/documentslist/Mohalla-ward-list.pdf