Ad
Search by Term. Or Use the code. Met a coordinator today? Confirm the Identity by badge# number here, look for BallotboxIndia Verified Badge tag on profile.
 Search
 Code
Searching...loading

Search Results, page of (About Results)
  • By
  • Mrinalini Sharma
  • Contributors
  • Swarntabh Kumar
  • Gautam Buddha Nagar
  • Oct. 10, 2018, 11:58 a.m.
  • 116
  • Code - 62171

सड़क व्यवस्था , पश्चिमी दिल्ली - जारी एक रिसर्च

  • सड़क व्यवस्था , पश्चिमी दिल्ली  - जारी एक रिसर्च
  • Feb 15, 2018

पश्चिमी दिल्ली को वैसे तो देश की राजधानी के एक हिस्सा होने का गौरव प्राप्त है मगर यहां की टूटी सड़कें यहां के मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर की पोल खोलने को काफी है. बेहतर सड़क देना जहां आज भी चुनौती हो वहां उम्मीदों को जामा पहनाना बेईमानी नहीं तो और क्या है?

 

जी हां, यह देश की राजधानी का ही हाल है

 पश्चिमी दिल्ली को वैसे तो देश की राजधानी के एक हिस्सा होने का गौरव प्राप्त है मगर यहां की टूटी सड़कें 

 

कहीं अधूरी तो कहीं उखड़ी पड़ी सड़कें, जगह- जगह गड्ढे, टूटे पड़े नाले और रात में अंधेरे में डूबे हुए मार्ग, यह दृश्य है देश की राजधानी के ही एक जिले पश्चिमी दिल्ली का. यह वास्तव में चिंतनीय है कि सरकार द्वारा इतनी सारी योजनाएं और नीतियां बनाये जाने के बावजूद आज देश की राजधानी के ही जिले की सड़कें इस हाल में है. 
Ad
 

रुके हुए हैं कार्य

पश्चिमी दिल्ली का क्षेत्रफल 129 वर्ग किलोमीटर है तथा यहां की मुख्य सड़कें इस जिले के तीन उपमंडलों पटेल नगर, राजौरी गार्डन और पंजाबी बाग से होकर गुजरती है. इसके अलावा जिले में कई क्षेत्र राजा गार्डन, नांगलोई, पालम, पीरागढ़ी व जनकपुरी में फ्लाईओवरों का भी निर्माण करवाया गया है. किन्तु जिले में कई ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां वर्षों से सड़कों के निर्माण व मरम्मत का कार्य रुका पड़ा है.
Ad
 

दुर्घटना को दावत दे रही हैं गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़कें 

 

पश्चिमी दिल्ली को वैसे तो देश की राजधानी के एक हिस्सा होने का गौरव प्राप्त है मगर यहां की टूटी सड़कें

Ad

  

पश्चिमी दिल्ली की सड़कों की सबसे बड़ी और व्यापक समस्या है इन पर पाये जाने वाले गड्ढे. यहां हर चौक चौराहे पर लोगों को सावधानी से चलने की जरुरत है, क्योंकि इनकी सड़कें हर वक्त दुर्घटना को दावत दे रही होती हैं. द्वारका मेट्रों स्टेशन से द्वारका के सेक्टर 8, 9,11,13 और 14 में सड़कों तथा सर्विस लेन में हर तरफ गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं, जिनमें बारिश के समय पानी भर जाता है. इसके अलावा सेक्टर 14 की सड़कें भारी वाहनों के बोझ के कारण धंस गयीं हैं. जिस कारण आये दिन इन सड़कों पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. 
 

खस्ताहाल हो चुकी हैं दिल्ली की सड़कें

  पश्चिमी दिल्ली को वैसे तो देश की राजधानी के एक हिस्सा होने का गौरव प्राप्त है मगर यहां की टूटी सड़कें

  

वहीं नजफगढ़ रोड पर द्वारका मोड़ से लेकर तुड़ा मंडी तक लापरवाही की तस्वीर दिखाई देती है. जहां  पाइपलाइन खोद कर उसे ऐसे ही छोड़ दिया गया, जिस वजह से लोगों को धीमी रफ़्तार के साथ- साथ जान के खतरे से भी होकर गुजरना पड़ता है. वहीं नफजगढ़ रोड का निर्माण व मरम्मत व्यवस्थित तरीके से न कराये जाने के कारण यहां जब तब बारिश का पानी भर जाता है. जिले में ऐसी अन्य भी कई सड़कें हैं, जिन में बारिश का पानी भर जाता है, जिस कारण सड़कें कमजोर होकर धंसने और टूटने लग जाती हैं. इससे न सिर्फ लोगों को आने जाने में परेशानी होती है, बल्कि घंटों तक भारी जाम का सामना भी करना पड़ता है.  
 

सडकों पर चलना तक हुआ मुहाल

यही नहीं बल्कि जिले में कई सड़कें और फुटपाथ ऐसे हैं, जो कि अवैध कब्जों और अतिक्रमण से घिरी हुई हैं, जिस कारण न सिर्फ आने जाने वाले लोगों को परेशानी होती है, बल्कि निर्माण कार्य भी अटका पड़ा है. कुछ यही हाल है डाबड़ी स्थित एक अस्पताल का. इस अस्पताल तक आने वाली सड़कें खस्ताहाल पड़ी हैं, जहां तक पहुंचने के लिए लोगों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं अस्पताल के आस पास का क्षेत्र अतिक्रमण से घिरा है तथा यहां पर आस पास बैठना तो दूर छांव में खड़े होने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा यहां की सड़क पार करना भी खतरों से खाली नहीं है. सड़क पार करने के लिए न ही फुटओवर ब्रिज है, न अन्य कोई व्यवस्था, जिसके चलते अस्पताल तक आने वाली गर्भवती महिलाओं को असुविधा व परेशानी होती है. 
  

सुध तक लेने वाला कोई नहीं

 वहीं अगर हम बात करें पश्चिमी दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों की तो यहां सड़कों से लेकर सीवर तक की स्थिति अत्यंत दयनीय है. कहीं वर्षों से सड़कें नहीं बनीं, तो कहीं आज भी लोगों को कच्ची सड़कों पर चलना पड़ रहा है. अगर एक बार कहीं किसी सड़क का निर्माण करा भी दिया गया तो वर्षों कोई उसकी सुध लेने नहीं जाता, फिर चाहें सड़क टूटी पड़ी हो या गड्ढों से युक्त हो. जिले का ही एक गांव नानकहेड़ी कुछ ऐसी ही असुविधाओं से ग्रसित है. यहां न तो परिवहन की कोई सुविधा है, न जल निकासी की कोई व्यवस्था, जिसके कारण गन्दा पानी सड़कों में भर जाता है. गांव में न सिर्फ सड़कों की स्थिति खस्ताहाल है ही, बल्कि नालियों की दशा भी बहुत खराब है.

 

अंधेरों में डूबा रहता यह इलाका दिल्ली का ही है जनाब 

आज के भारत में जहां हम गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने की बात करते हैं, वहीं राजधानी के ही जिले पश्चिमी दिल्ली की स्ट्रीट लाइटों तक यह बिजली नहीं पहुंच पायी. जिले में कई सड़कों और फ्लाईओवरों पर स्ट्रीट लाइटें सालों से बंद पड़ी हैं, जिसकी वजह से रात होते ही ये सड़कें अन्धेरें में डूब जाती हैं, जिससे दुर्घटनाओं एवम् आपराधिक घटनाओं को बढ़ावा मिलता है. द्वारा सेक्टर 1, द्वारा फ्लाईओवर, मंगलापुरी की सड़कों का नजारा कुछ ऐसा ही है. इसके अलावा कुछ सड़कें ऐसी हैं, जहां स्ट्रीट लाइट पेड़ों के पीछे लगाईं गयी हैं और उनके जलने या न जलने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उनकी रोशनी पेड़ों के पीछे ही छुप जाती है.
 

विकास की प्रतीक्षा में

 पश्चिमी दिल्ली को वैसे तो देश की राजधानी के एक हिस्सा होने का गौरव प्राप्त है मगर यहां की टूटी सड़कें

 
आजादी के इतने वर्ष बाद भी राजधानी के इतने महत्वपूर्ण जिले की सड़कों की ऐसी स्थिति वास्तव में बहुत दुःखद है. प्रशासन को इस मामले में सक्रिय व गंभीर होने की जरुरत है. जिले में जिन क्षेत्रों की सड़कें टूटी पड़ी है, उन पर मरम्मत व पैचवर्क का कार्य होना चाहिए. जिन सड़कों पर अतिक्रमण किया गया है, उन्हें खाली करा कर उन पर आवश्यक निर्माण कार्य करवाना होगा. यही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर भी समान रूप से ध्यान देना होगा. जिससे कि शीघ्र से शीघ्र जिले की सड़कों की स्थिति में सुधार किया जा सके.
बेहतर सड़क विकास का एक पैमाना
वाकई बात जहां उच्चतम स्तर और विश्वस्तरीय सड़क की होनी चाहिए वहां हमें टूटी हुई सड़कों को लेकर बात करनी पड़ रही है. हम जहां सड़कों के लाइटिंग,लाइनिंग, सड़क निर्माण के दौरान की जाने वाली व्यवस्था, पानी के निकासी की सुविधा आदि को लेकर रिसर्च करना चाह रहे थे वहां हमें देश के राजधानी की सड़कों के इस हालत को देखकर इसे दुरुस्त करने की बात करनी पड़ रही है. बेहतरीन सड़क किसी भी देश के विकास में एक अहम भूमिका अदा कर सकता है, यह जानकर भी हम अब तक उम्दा सड़क जैसी व्यवस्था नहीं दे पाए हैं. आज हमें इसपर कई बार सोचने की जरूरत है. 
 

सभी को आना होगा आगे

 पश्चिमी दिल्ली को वैसे तो देश की राजधानी के एक हिस्सा होने का गौरव प्राप्त है मगर यहां की टूटी सड़कें

 

पश्चिमी दिल्ली की सड़क व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आज राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी सोचने की आवश्यकता है कि हम विकास का पैमाना आखिर क्या बनाए, क्योंकि हम सड़क जैसी सुविधा तक पूर्ण ढंग से लोगों को मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं. बेशक हमारे सामने कई सारी चुनौतियां है. मगर विकास के इस पैमाने को हम कहीं से दरकिनार नहीं कर सकते.  इससे निपटने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नहीं हम सब की भी है साथ ही समाज के साथ नेताओं को इसके लिए प्रयास करने की आवश्यकता है. 
 
हमारे नेता और हमारे समाज के लोग मिलकर ही एक बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर सकते हैं. इस रिसर्च में हम पश्चिमी दिल्ली में होने वाले सड़क संबंधी कार्यों का अवलोकन करेंगे. समस्याओं और उनके समाधान जो स्थानीय तौर पर लाए जा रहे हैं उन पर ध्यान देते हुए उनकी संभावनाओं की तलाश करेंगे जिससे पश्चिमी दिल्ली की सड़क व्यवस्था सुधरे. आज हमें ऐसे लोगों की जरूरत है जो स्वत: ही इस दिशा में आगे बढ़ काम करने के लिए सामने आए और समाज के लिए एक प्रेरणा का काम कर सके. 
Leave a comment.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें

इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.

ये कैसे कार्य करता है ?

start a research
जुड़ें और फॉलो करें

ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

start a research
संगठित हों

हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

start a research
समाधान पायें

कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।

आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?

क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे कनेक्ट का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें

हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।

क्या आपके पास कुछ समय सामाजिक कार्य के लिए होता है ?

इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।

क्या आप किसी को जानते हैं, जो इस विषय पर कार्यरत हैं ?
ईमेल से आमंत्रित करें
The researches on ballotboxindia are available under restrictive Creative commons. If you have any comments or want to cite the work please drop a note to letters at ballotboxindia dot com.

Code# 62171

Members

*Offline Members are representation of citizens or authorities engaged/credited/cited during the research.

More on the subject.

    In Process Completed
Follow