परस्पर सौहार्द और आपसी
सामंजस्य की मिसाल कायम करता रेतिया वार्ड आज भी गंगा-जमुनी तहजीब का प्रदर्शन
करता है, जहां दिवाली की जगमगाहट
और ईद की रौनक दोनों की झलक दिखाई देती है. यह वार्ड वर्ष 2017 से पहले फैजाबाद जिले के अंतर्गत आता था,
लेकिन योगी सरकार के प्रदेश में आने के बाद
फैजाबाद और अयोध्या नगर पालिका को जोड़कर अयोध्या नगर निगम का निर्माण किया गया,
जिसमें तकरीबन तीन लाख की आबादी वाले 50 वार्ड को 60 नए वार्ड में विभाजित का दिया गया. इस तरह कभी फैजाबाद नगर
परिषद् के 29 वार्ड में से एक रेतिया
वार्ड भी अयोध्या नगर निगम का हिस्सा बन गया.
जुड़वाँ शहर अयोध्या और
फैजाबाद की नगर पालिका बोर्ड को समाप्त कर प्रदेश सरकार ने अयोध्या नगर निगम की
स्थापना करते हुए यहाँ बनाये गए नए वार्ड का नामकरण क्रांतिकारियों, ऐतिहासिक व्यक्तियों एवं धार्मिक-सांस्कृतिक
स्थानों के नाम पर किया है. इस वार्ड में स्थानीय विकास की जिम्मेदारी का वहन जितेन्द्र निषाद कर रहे हैं, जो वर्ष 2017 से इस वार्ड में पार्षद रहते हुए क्षेत्रीय
विकास का दायित्त्व निभा रहे हैं.
मलिन बस्ती वाला रेतिया वार्ड में आने वाले प्रमुख मोहल्लों में कुर्मी टोला, आंशिक रेतिया, तारापुर रजौली, बंदेअली छावनी व हसनू कटरा आंशिक आदि आते हैं. शिक्षा व्यवस्था के तौर पर इस वार्ड में मात्र एक ही स्कूल है, सरस्वती शिशु मंदिर. क्षेत्र में विद्यालय न होने के कारण बच्चों की शिक्षा बाधित होती है और विद्यालय की स्थिति अच्छी न होने के चलते केवल 30-35 बच्चे ही स्कूल में आते हैं. इसके अतिरिक्त 3 आंगनबाड़ी हैं, जिनकी स्थिति भी ठीक नही है. पार्षद के अनुसार क्षेत्र में शिक्षा के नाम पर पैसा बर्बाद हो रहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाए तो वार्ड में एक स्वास्थ्य केंद्र है परन्तु वह दूसरे वार्ड में चल रहा है. इसी कारण क्षेत्रवासियों को ईलाज के लिए दूसरे वार्ड में ही जाना पड़ता है.
इसके साथ ही वार्ड में बहुत से प्राचीन मंदिर स्थित हैं, यहां दुर्गा मंदिर, महादेव जी का शिव मंदिर, हनुमान मंदिर जैसे धार्मिक केंद्र मौजूद हैं. इनमें शिव मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्द है, शिवरात्रि के दौरान इस मंदिर में भक्तों का ताँता लगा रहता है.
बात यदि वार्ड की प्रमुख
समस्याओं के बारे में की जाये तो स्थानीय पार्षद जितेन्द्र निषाद के अनुसार,
उनका क्षेत्र बस्ती में शामिल हैं. इसी कारण यहां मौलिक सुविधाओं
का काफी अभाव है. परन्तु सीवर की समस्या को वह वार्ड की सबसे बड़ी समस्या मानते
हैं. उनके अनुसार यहां 2000 मीटर का खुला नाला है, जिसके कारण बहुत सी
बीमारियां पनप रही है.
साथ ही वार्ड में कोई बारातघर की सुविधा नही है, जिसके कारण निर्धन वर्ग के लोगों को सड़कों पर शादी या अन्य कार्यक्रमों में सड़कों पर व्यवस्था करनी पड़ती है, जिसके चलते सड़कों पर लम्बा जाम लगा रहता है.
References:
1. http://nagarnigamayodhya.in/pages/hi/topmenu-hi/hi-about-us/hi-ward-mohallas