पौराणिक नगरी वाराणसी के अंतर्गत आने वाली आदमपुर जोन की जैतपुरा सबजोन का
हिस्सा रसूलपुरा वार्ड तकरीबन 0.176 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ
है और मुस्लिम बहुल आबादी वाले इस वार्ड में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग
10-12,000 के आस पास जनसंख्या का निवास है. स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में
मतदाताओं की संख्या तकरीबन 10,000 के आस पास है.
यहां पार्षद के तौर पर कांग्रेस पार्टी से गुलराना तबस्सुम कार्यरत हैं और
उनके पति अनीसुर्रहमान अंसारी पार्षद प्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों
में संलग्न हैं. यह वार्ड बेहद अधिक विकसित नहीं है. वार्ड में आजीविका के साधनों
की यदि बात की जाये तो यहां बुनकरों की संख्या अधिक है, जो विगत काफी वर्षों से
बुनकरी के कारोबार में संलग्न हैं. इसके अतिरिक्त छोटे व्यापारियों, लघु उद्योग
कर्मियों की आबादी भी इस वार्ड में निवास करती है.
जनता की मौलिक सुविधाओं के तौर पर यह वार्ड अत्याधिक विकसित नहीं कहा जा सकता
है. यहां अच्छे अस्पतालों, बड़े विद्यालयों, सरकारी शिक्षा केन्द्रों सहित अन्य
पब्लिक यूटिलिटी के साधनों का अभाव देखा जा सकता है. वस्तुतः यहां शिक्षा सुविधा
के रूप में दारुलशाह चिराग हुलुम, दारुलउलूम बेगनूर बकराबाद, श्री श्यामा देवी
इंग्लिश मीडियम स्कूल इत्यादि उपलब्ध है और स्वास्थ्य सुविधा के रूप में वार्ड के अंतर्गत बुनकर अस्पताल मौजूद है. इसके अतिरिक्त यहां पार्क, बैंकिंग सुविधा का भी वस्तुत:
अभाव हैं.
रसूलपुरा वार्ड में बड़ी मस्जिद काफी पुराना धार्मिक केंद्र रहा है और यह
वाराणसी की प्रमुख मस्जिदों में से एक भी है. ईद के अवसर पर इस मस्जिद की रौनक चार
गुना अधिक बढ़ जाती है क्योंकि दूर दराज से नमाजी यहां पहुंचते हैं.
वार्ड की प्रमुख समस्याओं की बात की जाये तो रसूलपुरा से पार्षद
प्रतिनिधि अनीसुर्रहमान अंसारी का कहना है कि उनके वार्ड में सीवर की समस्या बहुत
अधिक है. उनके अनुसार यहां सीवर व्यवस्था लगभग 40-50 साल पुरानी है, जो आज की आबादी
के हिसाब से जर्जर हो चुकी है. वर्तमान में निगम लगातार धन की कमी का हवाला देता
रहता है, साथ ही सफाई
कर्मचारियों का भी बेहद अभाव है. इसके साथ ही वार्ड के बहुत से इलाकों में पेयजल
का भी बहुत अधिक संकट है, खासकर गर्मियों के दिनों में तो पेयजल की समस्या अत्याधिक
बढ़ जाती है.