दिगम्बर अखाड़े के महंत का
पदभार संभालने वाले रामचन्द्र दास परमहंस जी, जिन्होंने अयोध्या रामजन्म जन्मभूमि
में अहम भूमिका निभाई थी. उन्हें कौन नहीं जानता? वह राम मंदिर आन्दोलन के प्रमुख संत थे, इसके साथ ही वह श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष भी थे.
इन्हीं महंत के नाम पर अयोध्या के
वार्ड 6 को रामचंद्र परमहंस वार्ड
का नाम दिया गया है.
भारत की मोक्षदायिनी मानी
जाने वाली सप्तपुरी नगरियों में से एक नगरी अयोध्या है, जिसका इतिहास सदियों पूर्व प्राचीन माना जाता है. पवित्र ग्रंथ “रामायण” के अनुसार अयोध्या की स्थापना स्वयं मनु ने
सरयू नदी के किनारे की थी, जिसे भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में भी
महता प्राप्त है. स्थानीय साक्ष्यों के अनुसार यहाँ आज भी हजारों की तादाद में
छोटे-बड़े मंदिरों की उपस्थिति दर्शाती है कि अयोध्या भारतवासियों के हृदय में
विशेष स्थान रखता है और यह देश का प्रमुख धार्मिक-सांस्कृतिक शहर होने के साथ साथ
हिन्दुओं की तीर्थस्थली के तौर पर भी विख्यात है.
यहां वार्ड का नामकरण
क्रांतिकारियों, ऐतिहासिक
व्यक्तियों एवं धार्मिक-सांस्कृतिक स्थानों के नाम पर किया है. इसी तर्ज पर महंत
श्री रामचन्द्र परमहंस दास के नाम पर इस वार्ड का नाम निर्धारित किया गया. इस
वार्ड में स्थानीय विकास की जिम्मेदारी का वहन समाजवादी पार्टी से चमेला देवी कर रही
हैं, जो वर्ष 2017 से इस वार्ड में पार्षद रहते हुए क्षेत्रीय
विकास का दायित्त्व निभा रही हैं. इसके अतिरिक्त उनके पति लक्ष्मण कनौजिया पार्षद
प्रतिनिधि की भूमिका का वहन कर क्षेत्रीय विकास कार्यों में उनका सहयोग कर रहे
हैं.
मिली जुली जनसंख्या वाले
इस इलाके में जीविका के साधन भी मिश्रित ही हैं. साथ ही शिक्षा व्यवस्था के तौर पर
इस वार्ड में 2 प्राइमरी स्कूलों के साथ-साथ 1 जूनियर स्कूल भी है. परन्तु स्थानीय
पार्षद के अनुसार शिक्षा के लिहाज़ से यह वार्ड बेहद पिछड़ा हुआ है. विद्यालयों की
स्थिति बेहद बदतर हैं. इसके साथ ही स्कूलों में अध्यापकों की भी कमी है. जहां 10
अध्यापक होने चाहिए वहां केवल 2 ही अध्यापक सभी बच्चों को पढ़ा रहें हैं. स्वास्थ्य
सुविधाओं की बात की जाए तो वार्ड में कोई सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल नही है.
स्थानीय निवासियों को मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेनी पडती है.
इसके साथ ही वार्ड में
बहुत से प्राचीन मंदिर व कुंड भी मौजूद है. यहां विद्याकुंड, तुलसीबाड़ी,
हनुमान कुंड, रामघाट जैसे धार्मिक केंद्र मौजूद हैं. इनमें हनुमान कुंड
विशेष रूप से प्रसिद्द है, कहा जाता है कि
यहां श्री हनुमान का बाल स्वरुप स्थापित है. यहां हनुमान जी का प्राचीन मंदिर भी स्थित है. मंदिर से जुडी प्राचीन मान्यता यह है कि यहां
पर भाद्रशुक्ल चतुर्दशी को इस कुंड की वार्षिक परिक्रमा व विधिवत स्नान करने से
समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. परन्तु आज यह कुंड गंदगी का शिकार होने के कारण
अवहेलना झेल रहा है.
बात यदि वार्ड की प्रमुख
समस्याओं के बारे में की जाए तो स्थानीय पार्षद के अनुसार, उनके वार्ड में मुख्य रूप से सड़कों, नालियों, पेयजल व सीवर की समस्याएं हैं. जिन्हें सुधारने
की दिशा में वह कार्य करना चाहते हैं.
References:
1. http://nagarnigamayodhya.in/pages/hi/topmenu-hi/hi-about-us/hi-ward-mohallas
4. https://www.jagran.com/uttar-pradesh/faizabad-16096030.html