गत वर्ष छोटी दीपावली के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया. हिन्दू पक्षकार काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे, क्योंकि इतिहास के पन्नों में झांककर देंखे तो अयोध्या बेहद प्राचीन नगरी है जिसका वर्णन वेदों-पुराणों में भी मिलता है. अवध के नवाबों के शासनकाल में इस शहर को सर्वप्रथम बसाया तो नवाब अलीवर्दी खान ने था, किन्तु फैजाबाद की स्थापना का श्रेय नवाब सआदत खान को जाता है. सरयू और लखनऊ से सामिप्य के कारण फैजाबाद को गंगा-जमुनी तहजीब विरासत में मिली और 17वीं शताब्दी में नवाब शुजाउद्दौला के शासन में यह शहर बुलंदियों पर रहा. आज भी उस दौर में बनाई गयी ऐतिहासिक इमारतों की भव्यता यहां देखी जा सकती है.
वर्षों से अयोध्या को फैजाबाद जिले के ही एक शहर के तौर पर देखा जाता रहा है, जबकि कुछ लोग इन्हें जुड़वाँ शहर भी कहकर बुलाते हैं. तो चलिए रुख करते हैं इसी अयोध्या नगरी के एक वार्ड, रेलवे कॉलोनी वार्ड का...जो वर्ष 2017 से पहले फैजाबाद नगर पालिका के अंतर्गत आता था, लेकिन योगी सरकार के प्रदेश में आने के बाद फैजाबाद और अयोध्या नगर पालिका को जोड़कर अयोध्या नगर निगम का निर्माण किया गया, जिसमें तकरीबन तीन लाख की आबादी वाले 50 वार्ड को 60 नए वार्ड में विभाजित का दिया गया. इस तरह कभी फैजाबाद नगर परिषद् के 29 वार्ड में से एक फतेहगंज वार्ड भी आज अयोध्या नगर निगम का हिस्सा है.
शहर के बाहरी क्षेत्र में आने वाले रेलवे कॉलोनी वार्ड में स्थानीय पार्षद कमलेश कुमार सोलंकी (समाजवादी पार्टी) के अनुसार वर्ष 2017 में मतदाताओं की संख्या 5000 थी. मिली जुली आबादी वाले इस इलाके में घोसियाना, रेलवे कॉलोनी, सहादत अली खां की छावनी, रामनगर आंशिक, नील बिहार कॉलोनी आदि मोहल्लें शामिल हैं. वार्ड में यदि शिक्षा व्यवस्था की बात की जाये तो यहां इंटर कॉलेजों की संख्या अधिक है, जिनमें गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज के अतिरिक्त बहुत से प्राइवेट स्कूल भी आते हैं.
स्वास्थ्य सुविधाओं पर गौर किया जाये तो वार्ड में वैसे तो कोई सरकारी चिकित्सालय मौजूद नहीं है, लेकिन वार्ड से सटे हुए कुछ अच्छे अस्पताल है, जहां आमजन ईलाज के लिए जाते हैं. वहीं वार्ड में कुछ छोटे प्राइवेट क्लीनिकों के साथ साथ लोकप्रिया अस्पताल जैसे प्राइवेट अस्पताल भी मौजूद हैं. वार्ड की सबसे बड़ी खासियत यहां फैजाबाद जंक्शन का होना है, रेलवे जंक्शन की उपस्थिति के कारण यह वार्ड काफी भीड़भाड़ वाला रहता है.
इसके साथ ही वार्ड में पब्लिक यूटिलिटी के तौर पर मार्केट एरिया काफी है, जिसके चलते स्थानीय निवासियों के लिए रोजमर्रा की खरीददारी आसान हो जाती है. आपसी सौहार्द और एक्त्त्व का परिचय देते हुए रेलवे कॉलोनी वार्ड में श्री राम मंदिर, मंदिर मां अम्बे, मां अष्टभुजी मंदिर, शिव मंदिर के साथ साथ दरगाह हजरत सायदाना गुलाब शाह, मस्जिद रेलवे स्टेशन, मस्जिद घोसियाना आदि धार्मिक केंद्रों की मौजूदगी देखी जा सकती है.
बात यदि वार्ड की प्रमुख समस्याओं के बारे में की जाये तो स्थानीय पार्षद कमलेश कुमार सोलंकी के अनुसार उनके क्षेत्र में अतिक्रमण की सबसे बड़ी समस्या है. क्षेत्र में एक काफी पुरानी बस्ती है, जहां 8 फुट चौड़ी सड़कें हुआ करती थी परन्तु लोगों के अतिक्रमण के कारण आज वह सड़क मात्र 4 फुट चौड़ी रह गयी है.
वार्ड में पेयजल को लेकर भी बहुत समस्याएं हैं, अटल अमृत
योजना के तहत रेलवे कॉलोनी में पानी की लाइन बिछाई जानी थी, किन्तु स्थानीय
निवासियों के प्रयासों के बाद भी पाइपलाइन डालने का कार्य अटका हुआ है, जिसके चलते
स्थानीय निवासियों को पेयजल के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
इसके अतिरिक्त आवारा पशुओं की भी वार्ड में काफी समस्या है. पार्षद का कहना है कि क्षेत्र में घोसियाना मोहल्ला है, जहां पर लोग
पशुओं को मात्र अपने स्वार्थपूर्ति के लिए पालते हैं, उसके पश्चात
उन्हें खुला सड़कों पर छोड़ दिया जाता है. जिसके कारण उन जानवरों को भी हानि होती है, साथ ही लोगों को
भी आवारा घूमते पशुओं से डर कर रहना पड़ता है.
इसके अलावा रेलवे कॉलोनी वार्ड के पास रेलवे क्वाटर्स बने
हुए हैं, जिनमें कोई भी रेलवे अधिकारी नही रहता बल्कि कुछ असामजिक
तत्वों ने वहां रहना आरम्भ कर दिया है. इसकी सूचना रेलवे अधिकारियों को भी की गयी
है परन्तु अभी तक इस समस्या पर कोई भी कार्यवाही नही हुई.
References:
http://nagarnigamayodhya.in/pages/hi/topmenu-hi/hi-about-us/hi-ward-mohallas