धार्मिक दृष्टिकोण से
देखा जाए तो देवभूमि प्रयागराज हिन्दुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थल है. इसे प्राचीन समय से ही विद्या और ज्ञान का गढ़ कहा जाता रहा है साथ ही देश का
राजनीतिक व अध्यात्मिक रूप से सर्वाधिक जागरूक शहर प्रयागराज को ही माना जाता है.
ऐसा इसलिए क्योंकि इसी शहर से बड़ी संख्या में देश को स्वतंत्रता सेनानी व प्रधान
मंत्री प्रदान किए हैं.
प्राचीन ग्रंथों के
अनुसार पृथ्वी की रक्षा करने के लिए सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने यहां पर
बहुत बड़ा यज्ञ किया था. जिसमें पुरोहित, भगवान विष्णु ने
यजमान की भूमिका निभाई और भगवान शिव उस यज्ञ के देवता बने. साथ ही यज्ञ के अंत में
तीनों देवताओं ने अपनी शक्ति पुंज के द्वारा पृथ्वी से पाप का बोझ हल्का करने के लिए एक 'वृक्ष' को उत्पन्न किया. जो बरगद का वृक्ष था, जिसे आज
अक्षयवट के नाम से जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह वृक्ष आज भी प्रयागराज
में विद्यमान है.
आरंभ से ही इसे प्रयाग के
नाम से जाना जाता था, परन्तु मुस्लिम शासक
अकबर ने इसका नाम 1583 में बदलकर इलाहाबाद रख दिया और इसे अल्लाह के शहर की संज्ञा
दी जाने लगी. परन्तु वर्तमान समय में सरकार द्वारा इसे पुनः प्राचीन नाम प्रयागराज
के नाम में परिवर्तित कर दिया गया है.
तो आज बात करते हैं, देवभूमि प्रयागराज के पुरा मनोहरदास वार्ड-70 की, जो वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम का हिस्सा है. स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में लगभग 16,000 की आबादी है और यहां मतदाताओं की संख्या भी 7-8,000 के आसपास है. कम आबादी वाले इस क्षेत्र में पढ़े-लिखे लोगों की संख्या ज्यादा नही है.
पुरा मनोहरदास वार्ड में स्थानीय पार्षद के तौर पर समाजवादी पार्टी से अतहर रज़ा कार्य कर रहे हैं और क्षेत्रीय विकास कार्यों में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. मिश्रित आबादी वाला यह वार्ड बहुत ज्यादा व्यापक क्षेत्र में नही फैला हुआ है, यहां के प्रमुख इलाकों में अकबरपुर व निहालपुर इत्यादि शामिल हैं. यह इलाकें बेहद मशहूर भी कहे जा सकते है, ऐसा इसलिए क्योंकि इस स्थान में काफी संख्या में ऐसे लोगों का रहवास रहा है, जिन्होंने देश को स्वतंत्र कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और अपने देश की लिए अपने प्राणों की आहुति दी.
वार्ड में यदि शिक्षा सुविधा की बात की जाए तो यहां सरकारी स्कूल की सुविधा नही है, परन्तु हाई स्कूल यहां मौजूद है. जिसमें काफी संख्या में बच्चे पढ़ने आते हैं. इसके अतिरिक्त वार्ड में प्राइवेट स्कूल भी हैं. स्थानीय पार्षद के अनुसार शिक्षा का स्तर यहां ठीक-ठाक कहा जा सकता है.
वार्ड में स्वास्थ्य सुविधा के लिए कोई सरकारी व प्राइवेट अस्पताल नही है. वार्ड से सटे कुछ हॉस्पिटल हैं, जिनमें लोगों को इलाज के लिए जाना पड़ता है. इसके अतिरिक्त कुछ प्राइवेट क्लिनिक्स वार्ड में हैं.
अतहर रज़ा के अनुसार क्षेत्र
में काफी संकरी गलियां हैं, जिनके कारण वहां आए दिन ट्रैफिक जाम की समस्या
बनी रहती है. इन सड़कों का चौड़ीकरण कराने हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. साथ ही
वह लिखित तौर पर भी वार्ड की समस्याओं की जानकारी संबंधित अधिकारियों को देते रहते
हैं, फिर भी अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है.
References :
http://allahabadmc.gov.in/documentslist/Mohalla-ward-list.pdf