वाराणसी, जिसे भारत की धार्मिक राजधानी की संज्ञा दी गयी है. इससे पूर्व इसे बनारस के नाम से जाना जाता था. हिंदु धर्म में यह स्थान बेहद लोकप्रिय है. पवित्र नगरी वाराणसी में दो नदियों अथार्त वरुणा और असी का संगम होता है, यानि वह स्थान जहां ये दोनों नदियां आकर मिलती है. इसी पवित्र वरुणा नदी के किनारे बसा है प्रॉपर सारनाथ वार्ड. वाराणसी के वरुणापार जोन में स्थित सारनाथ मंडल के अंतर्गत आने वाला प्रॉपर सारनाथ वार्ड तकरीबन 5 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है.
मिश्रित आबादी वाले इस
वार्ड में स्थानीय पार्षद के अनुसार लगभग 16,000 की आबादी का निवासस्थान है. इस वार्ड में आने वाले प्रमुख
आवासीय क्षेत्रों में बुद्धा सिटी, ब्रह्म पुरी,
शक्ति पीठ,
सारंगनाथ
कॉलोनी, सारनाथ कॉलोनी, सत्संग नगर, बैंक कॉलोनी,
बरालपुर, खजूरी, गंज गांव, हवेलिया गांव, नवापुरा, तिसरिया पुरा, परशुरामपुर, बेनेपुर इत्यादि आते हैं. साथ ही
यहां जवाहर नगर, सिंहपुर और परशुरामपुर जैसे
मलिन बस्ती क्षेत्र भी शामिल है.
इस वार्ड में पार्षद के
तौर पर मीरा देवी कार्यरत हैं तथा वह वर्ष 2017 से जनप्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों में
संलग्न हैं. सोसाइटी क्षेत्र, सामान्य
कॉलोनियां और मलिन बस्ती क्षेत्र होने के कारण वार्ड में जीविका के साधन भी मिश्रित
ही हैं. अथार्त यहां व्यापारी वर्ग, छोटे लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, व्यापार में संलग्न लोगों के साथ साथ मजदूरों और नौकरीपेशा
जनता का भी निवास स्थान है, जिसमें प्राइवेट व
सरकारी दोनों ही सेक्टर से जुड़े लोग शामिल हैं.
जनता की मौलिक सुविधाओं
के लिहाज से देखा जाये तो इस वार्ड में शिक्षा सुविधा के रूप में परशुराम पुर
प्राइवेट स्कूल, महाबोधी इंटर कॉलेज व बीटीसी
सारनाथ जैसे स्कूल व कॉलेज मौजूद हैं.
स्वास्थ्य सुविधाओं के रूप में यहां वैसे तो कुछ छोटे प्राइवेट क्लीनिक हैं परन्तु
यदि हॉस्पिटल सुविधा की बात की जाये तो यहाँ कोई सरकारी अस्पताल की सुविधा नही है.
जिसके कारण आमजनों को चिकित्सा सुविधा के लिए वार्ड से दूर अस्पतालों में जाना
पड़ता है.
इसके अतिरिक्त यदि धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो वार्ड में बुद्ध मंदिर, शिव मंदिर व सारंगनाथ मंदिर जैसे कुछ मंदिर मौजूद है, जो जनता की धार्मिक भावनाओं के लिए अच्छे विकल्प के रूप में माने जाते हैं.