अयोध्या नगरी भारतवासियों के हृदय में विशेष स्थान रखता है
और यह देश का प्रमुख धार्मिक-सांस्कृतिक शहर होने के साथ साथ हिन्दुओं की
तीर्थस्थली के तौर पर भी विख्यात है. यह देश की मोक्षदायिनी मानी जाने वाली
सप्तपुरी नगरियों में से एक नगरी मानी जाती है, जिसका इतिहास सदियों
पूर्व प्राचीन माना जाता है. पवित्र ग्रंथ “रामायण” के अनुसार अयोध्या की
स्थापना स्वयं मनु ने सरयू नदी के किनारे की थी, जिसे भगवान राम की
जन्मस्थली के रूप में भी महता प्राप्त है.
तो बात करते हैं अयोध्या के पुलिस लाइन वार्ड की यह वार्ड नवनिर्मित अयोध्या नगर निगम द्वारा संचालित वार्ड है, जहाँ से पार्षद के रूप में समाजवादी पार्टी से श्रीमती उर्मिला कार्यरत हैं
तथा उनके पुत्र परीक्षित देवेश सिंह वर्ष 2017 से पार्षद प्रतिनिधि के तौर पर स्थानीय विकास क्रम में सम्मिलित हैं. उनके अनुसार
इस वार्ड की जनसंख्या लगभग 6 से 6,500 है और मतदाता लिस्ट के आंकड़ों के हिसाब से वार्ड में वोटरों की संख्या 4 से 4,500 है.
वार्ड की आबादी की बात की
जाए तो यहां मिश्रित आबादी का निवासस्थान है. वार्ड का परिसीमन देखे तो यह उत्तर
में आयुक्त आवास से होते हुए मुख्य मार्ग से गीता ट्रेक्टर से हनुमानगढ़ी तक पुलिस
लाइन बाउंड्री के पास होते हुए गुरुद्वारा से रेनू मेमोरियल जी.आई.सी गेट तक, दक्षिण में दीक्षा स्कूल से भाजपा कार्यालय होते हुए मजार तक, पूर्व में जी.आई.सी गेट से ओवर ब्रिज से मजार तक और पश्चिम में आयुक्त महोदय के
आवास से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आवास से होते हुए मेनगेट सुरसर कॉलोनी के पास तक
विस्तृत है.
वार्ड के प्रमुख मोहल्लों
में सिविल लाइन आंशिक, हाता बसंत,
पुलिस लाइन, खिड़की अली बेग आंशिक और जेल कैंपस इत्यादि प्रमुख हैं.
यदि बात की जाए वार्ड के
शिक्षा स्तर की तो यहां काफी संख्या में स्कूल उपलब्ध है और उनमें बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जाती है. स्कूलों की स्थिति भी अच्छी है. मलिन
बस्तियों में कुछ घरों के अलावा बाकी सभी के लिए भी प्राइमरी, माध्यमिक व उनकी सुविधा के हिसाब से स्कूल वार्ड में है.
वार्ड में स्वास्थ्य
सुविधाओं के लिए भी छोटे-छोटे क्लिनिक्स की सुविधा है साथ ही वार्ड से सटे हुए भी
काफी अच्छे-अच्छे हॉस्पिटल है. इसके अतिरिक्त पुलिस लाइन वार्ड में आमजन की
सुविधाओं हेतु महात्मा गांधी पार्क व कुछ मार्केट्स भी उपलब्ध है.
यदि वार्ड की प्रमुख
समस्याओं पर गौर किया जाए तो परीक्षित देवेश के अनुसार क्षेत्र में कुछ मौहल्लों
में बिजली व खम्भों से संबंधित समस्या है. साथ ही नालियां भी कुछ इलाकों में नही
बनी हुई. इन समस्याओं को समझते हुए उन्होंने अब तक सबसे ज्यादा कार्य इन समस्याओं
पर ही किया है.