18वीं सदी में जन्में
सिद्ध संत व महापुरुष संत परमहंस बाबा राम मंगल दास जी, जिन्हें सभी संत व महंत आज भी पूजते हैं. उनके बारे में
कहा गया है कि उन्हें साक्षात भगवान हनुमान जी के दर्शन होते थे. परमहंस राम मंगल
दास बाबा जी को लोग पीर-फ़क़ीर व भगवान के काफी समीप मानते थे. वह बाल कृष्ण के
अनन्य भक्त थे. उन्होंने अभी तक काफी सारी किताबें लिखी हैं. जिनमें पीर-फ़क़ीर व
सूफी संतों के बारे में भी पुस्तक उनके द्वारा लिखी गयी है.
मोक्षदायिनी अयोध्या नगरी
पौराणिक समय में कौशल राज्य की राजधानी एवं प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण की पृष्ठभूमि
का केंद्र थी और आज भी प्रभु श्री राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को
हिन्दुओं की प्रमुख तीर्थस्थली एवं सप्तपुरियों में से एक माना जाता है. धार्मिक
एवं ऐतिहासिक नगरी अयोध्या सरयू नदी के दक्षिणी तट पर बसी है तथा इस जनपद का नगरीय
क्षेत्र अयोध्या नगर निगम के अंतर्गत समाहित है. प्राचीन समय में साकेत, कौशल देश अथवा कौशलपुरी के नाम से जानी जाने
वाली अयोध्या को प्रभु श्री राम की पावन जन्मस्थली के रूप में देखा जाता है और यह
हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है.
तो चलिए आज बात करते हैं,
इसी अयोध्या नगरी के एक वार्ड, परमहंस राममंगल दास वार्ड की...जो वर्ष 2017 से पहले फैजाबाद
जिले के अंतर्गत आता था, लेकिन योगी सरकार
के प्रदेश में आने के बाद फैजाबाद और अयोध्या नगर पालिका को जोड़कर अयोध्या नगर
निगम का निर्माण किया गया, जिसमें तकरीबन
तीन लाख की आबादी वाले 50 वार्ड को 60 नए वार्ड में विभाजित का दिया गया. इस तरह कभी
फैजाबाद नगर परिषद् के 29 वार्ड में से एक
कंधारी बाज़ार वार्ड भी अयोध्या नगर निगम का हिस्सा बन गया.
लगभग 5000 वाली आबादी वाले परमहंस राममंगल दास वार्ड में स्थानीय पार्षद हाजी असद अहमद के अनुसार वर्ष 2017 में मतदाताओं की संख्या 2500 के आसपास थी. मिश्रित जनाबादी वाले इस इलाके में रामकोट आंशिक, कजियाना आंशिक, वशिष्ठकुंज आंशिक, दुराही कुआँ आंशिक, ब्रह्मकुंड, टेढ़ीबाज़ार आंशिक, बरवारी टोला, बहेलिया टोला, प्रह्लाद घाट और चक्रतीर्थ आंशिक इत्यादि मौहल्ले शामिल हैं.
इस वार्ड में ब्रह्म कुंड व प्रह्लाद घाट जैसे धार्मिक स्थल भी मौजूद हैं. जिसमें ब्रह्मकुंड की विशेषता के बारे में कहा गया है कि यहां पर ब्रह्मा जी ने भगवान श्री राम की आज्ञा से पांच वर्ष घोर तपस्या की थी और विगत वर्षो में यहां स्थित प्राचीन मंदिर सरयू की पावन धारा में विलीन हो गया था. इसके अतिरिक्त यहां बहुत सारे प्राचीन मंदिर भी मौजूद है.
बात की जाए वार्ड की शिक्षा व्यवस्था की तो क्षेत्र में प्राइमरी स्कूल के साथ-साथ प्राइवेट स्कूल भी मौजूद हैं. साथ ही यहां सरकारी स्कूल भी है, जिससे कहा जा सकता है कि क्षेत्र में शिक्षा का स्तर काफी बेहतर है.
स्वास्थ्य सुविधा के रूप में यहां पर वार्ड से सटा हुआ जिला अस्पताल है. जहां पर मरीजों को मुफ्त दवाइयां व बेहतर चिकित्सा मुहैया कराई जाती है. साथ ही वार्ड में काफी सारे प्राइवेट हॉस्पिटल व क्लिनिक भी मौजूद है, जिनमें सीताराम अस्पताल जैसे अच्छे अस्पताल शामिल हैं.
वार्ड के प्रमुख समस्याओं पर स्थानीय पार्षद हाजी असद का मानना है कि उनका वार्ड अयोध्या के काफी पिछड़े वार्डों में आता है, जिसके चलते यहां मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़कों, नालियों, स्वच्छता इत्यादि का अभाव देखा जा सकता है.
References:
1. http://nagarnigamayodhya.in/pages/hi/topmenu-hi/hi-about-us/hi-ward-mohallas