वाराणसी, जिसे भारत की
धार्मिक राजधानी भी कहा जाता है. वाराणसी को इससे पहले बनारस के नाम से भी जाना
जाता था. हिंदु धर्म में यह स्थान बेहद लोकप्रिय है. पवित्र नगरी वाराणसी में दो नदियों
अथार्त वरुणा और असी का संगम होता है, यानि वह स्थान जहां ये दोनों नदियां आकर मिलती है. इसी पवित्र वरुणा नदी के किनारे बसा है नवापुर वार्ड.
वाराणसी के आदमपुर जोन में स्थित आदमपुर मंडल के अंतर्गत आने वाला नवापुर वार्ड
तकरीबन 2 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है.
मिश्रित आबादी वाले इस वार्ड में स्थानीय पार्षद के अनुसार लगभग 17,635 की आबादी का निवास स्थान है. इस वार्ड में आने वाले प्रमुख आवासीय क्षेत्रों में गोला, तेलियाना फाटक, फुलवारिया, गोलगद्दा, सप्लाई ऑफिस, हनुमान फाटक इत्यादि आते हैं. इस वार्ड में नरकटिया गढ़ी, गोलगद्दा जी.टी रोड़ और अन्साराबाद जैसी मलिन बस्तियां भी मौजूद है.
इस वार्ड में पार्षद के तौर भारतीय जनता पार्टी से रोहित जैसवाल जी कार्यरत हैं तथा वह वर्ष 2017 से जनप्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास कार्यों में संलग्न हैं. वार्ड में सामान्य कॉलोनियां, सोसाइटी क्षेत्र व मलिन बस्तियां भी मौजूद हैं इसीलिए वार्ड में जीविका के साधन भी मिश्रित ही हैं. इसीलिए यहां व्यापारी वर्ग, छोटे लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, व्यापार में संलग्न लोगों के साथ-साथ नौकरीपेशा जनता का भी निवास स्थान है. जिनमें प्राइवेट व सरकारी नौकरियों वाली जनता भी शामिल है.
जनता की मौलिक सुविधाओं
के दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस वार्ड में शिक्षा सुविधा के रूप में दबिस्ता स्कूल
अन्सराबाद, डोलगद्दा जी.टी रोड़ स्कूल, श्वेता कान्वेंट
स्कूल, राजगंगा इंग्लिश स्कूल तेलियाना, फैटमैन पब्लिक स्कूल, तेलियाना जैसे
स्कूल मौजूद हैं. साथ ही वार्ड में सरकारी विद्यालय व इंटर कॉलेज की भी सुविधा है.
लिहाज़ा शिक्षा का स्तर वार्ड में बेहतर है. स्वास्थ्य सुविधाओं के रूप में यहां छोटे
प्राइवेट क्लीनिक के साथ-साथ कुछ प्राइवेट नर्सिंग होम और सरकारी अस्पताल भी मौजूद
हैं.
इसके अतिरिक्त यदि
धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो वार्ड में कुछ मंदिर भी मौजूद है, जो जनता की धार्मिक भावनाओं के लिए अच्छे विकल्प के रूप
में माने जाते हैं.