पुराने कानपुर के नाम से
सर्वविख्यात नवाबगंज आज भी उतना ही मशहूर है, जितना पुराने समय में था, कहा जाता है कि इसी क्षेत्र से कानपुर की बुनियाद रखी गयी.
इसे सर्वप्रथम मुगलों ने बसाया था, तदुपरांत यहां
अंग्रेजों व जमींदारों ने भी शासन किया. इसके बाद समय दर समय यहां काफी परिवर्तन
हुए जैसे जैसे समय बदला वैसे ही सरकार बदलती गयी. उसके बाद नवाबगंज में के.डी.ए व
नगर निगम के अंतर्गत कार्य होने लगा.
वार्ड 43, नवाबगंज कानपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक मिश्रित आबादी वाला परिक्षेत्र है. जिसमें पार्षद के तौर पर वर्ष 2017 से सपा से नेहा यादव कार्यरत हैं. इसके साथ ही उनके पति राजकिशोर यादव पार्षद प्रतिनिधि के तौर पर स्थानीय विकास कार्यों में उनका सहयोग कर रहें हैं. लगभग 20-30000 आबादी वाले इस वार्ड में हर वर्ग समुदाय के लोगों का रहवास है. यह घनी आबादी वाला वार्ड काफी पिछड़ा हुआ वार्ड था क्योंकि यहां मूलभूत समस्याओं का काफी अभाव रहा है.
क्षेत्र में यदि जीविका
के साधनों की बात की जाए तो यहां कुछ नौकरीपेशा लोग हैं, तो कुछ एक दुकानदारी करते हैं या छोटे मोटे व्यापार करने
वालों की जनसंख्या भी है. नवाबगंज वार्ड में यदि शिक्षा सुविधाओं की बात की जाए तो यहां सरकारी व प्राइवेट
दोनों तरह के विद्यालय मौजूद हैं. साथ ही वार्ड में डिग्री कॉलेज भी है, यानि शिक्षा सुविधा नवाबगंज वार्ड में अच्छी
कही जा सकती है.
यदि स्वास्थ्य सुविधाओं
की बात की जाए, तो वार्ड में कुछ
प्राइवेट नर्सिंग होम व प्राइवेट क्लीनिक है, जो प्रारम्भिक सुविधा के लिए बेहतर विकल्प के तौर पर माने
जा सकते हैं. इसके अतिरिक्त नगरीय स्वास्थ्य केंद्र भी वार्ड में मौजूद है. जहां
जरुरतमंदों को मुफ्त दवाइयां उपलब्ध करायी जाती हैं.
नवाबगंज क्षेत्र में बस स्टेशन भी मौजूद है, यह क्षेत्र से काफी नजदीक है, जो परिवहन सुविधा के रूप में वार्डवासियों के आवागमन को आसान बनाता है. इसके साथ ही वार्ड में काफी लोकप्रिय मार्केट प्लेस हैं, जिनमें ज्वैलरी मार्केट और किराना मार्केट आदि शामिल हैं. साथ ही यहाँ मंदिरों की तादाद भी काफी है. यहाँ के जाने माने मंदिरों में दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर इत्यादि आते हैं. इसके अतिरिक्त वार्ड में काफी सारे पार्क भी मौजूद हैं.
वार्ड के प्रमुख समस्याओं की बात करें तो पार्षद प्रतिनिधि के अनुसार वार्ड में कुछ समय पूर्व काफी समस्याएं रही हैं, जिनमें बदतर हालत में सड़के, सीवर का अभाव, लाइट का अभाव, पेयजल की उचित व्यवस्था न होना इत्यादि प्रमुख रूप में शामिल रही हैं. परन्तु पार्षद के प्रयासों से काफी हद तक इन समस्याओं से स्थानीय निवासियों को निजात मिल चुका है और आगे भी राजकिशोर यादव विकास कार्यों के लिए अनवरत रूप से प्रयास कर रहे हैं.