तीर्थराज अथार्त
प्रयागराज, जिसे तीर्थों में सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है. यदि ऐतिहासिक दृष्टिकोण
से देखा जाए तो यह शहर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का
साक्षी रहा है. सन 1885 में भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस के उभरने में प्रयागराज को जाना जाता है साथ ही 1920 के दशक
में महात्मा गांधी ने अहिंसा आंदोलन की शुरुआत भी यही से की थी.
इसके अतिरिक्त यदि इस शहर को धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो प्रयागराज को आरंभ से ही प्रयाग के नाम से जाना जाता था, जिसमें प्र अथार्त बहुत विशाल और याग यानि यज्ञ जिसका पूर्ण अर्थ प्रयाग है. ग्रंथो अनुसार पूरे ब्रह्माण्ड में भगवान ब्रह्मा जी ने इसी स्थल को यज्ञ के लिए चुना था.
तो प्रयागराज के धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण को जानने के बात रुख करते है, प्रयागराज के मेहदौरी वार्ड का, जो अब प्रयागराज नगर निगम का हिस्सा है. स्थानीय पार्षद के अनुसार वार्ड में मिश्रित आबादी निवास-स्थान है. बात की जाए क्षेत्र के लोगों के जीवनयापन के साधनों की तो यहां आय के साधनों में नौकरीपेशा लोग व व्यावसायिक वर्ग के साथ-साथ विभिन्न कार्यों में संलग्न आबादी रहती हैं.
मेहदौरी वार्ड में
स्थानीय पार्षद के तौर पर कांग्रेस पार्टी से मुकुंद तिवारी कार्य कर रहे हैं और क्षेत्रीय
विकास कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.
वार्ड में यदि शिक्षा सुविधा की बात की जाए तो यहां प्राइवेट स्कूल के साथ-साथ दो प्राथमिक विद्यालय भी हैं. इसके साथ ही इंटर कॉलेज की भी सुविधा वार्ड में है, तो यह कहा जा सकता है कि यह वार्ड शिक्षा के क्षेत्र में काफी बेहतर है.
वार्ड में स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोग आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. कुछ प्राइवेट क्लिनिक वार्ड में है. साथ ही वार्ड से सटे हॉस्पिटल है. परन्तु वार्ड में चिकित्सा का स्तर अच्छा नही हैं.
यदि मेहदौरी वार्ड में मौलिक सुविधाओं की बात की जाए तो बैंक व एटीएम की सुविधा के साथ-साथ वार्ड में दो बड़े व छः छोटे पार्क है परन्तु सभी की हालत बदतर है. उनके सौन्दर्यकरण के लिए कोई कार्य नही किया गया.
पार्षद के अनुसार यदि वार्ड की प्रमुख समस्याओं पर गौर किया जाए तो मुकुंद तिवारी के अनुसार वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण स्वच्छता का अभाव क्षेत्र में रहता है.
Reference :
http://allahabadmc.gov.in/documentslist/Mohalla-ward-list.pdf