वाराणसी, जिसे भारत की
धार्मिक राजधानी भी कहा जाता है. वाराणसी को इससे पहले बनारस के नाम से भी जाना
जाता था. हिंदु धर्म में यह स्थान बेहद लोकप्रिय है. पवित्र नगरी वाराणसी में दो नदियों
अथार्त वरुणा और असी का संगम होता है, यानि वह स्थान जहां ये दोनों नदियां आकर मिलती है. इसी पवित्र वरुणा नदी के किनारे बसा है, मवैया वार्ड.
वाराणसी के वरुणापार जोन में स्थित सारनाथ मंडल के अंतर्गत आने वाला यह वार्ड काफी
लोकप्रिय है.
मिश्रित आबादी वाले इस
वार्ड में जनगणना के अनुसार लगभग 19,768 की आबादी का
निवास स्थान है. इस वार्ड में आने वाले प्रमुख आवासीय क्षेत्रों में वैष्णों नगर, शिव नगर, तुलसी नगर, अवधपुरी, अमनपुरी, शिव
विहार, त्रिदेव नगर, मिथलेश नगर, सिचाल नगर, नाटुली गांव, केलवा बाबा, दुर्गा नगर जैसे
बहुत से क्षेत्र सम्मिलित हैं. साथ ही इस वार्ड में मवैया बस्ती और मुशहर बस्ती जैसी
मलिन बस्तियां भी मौजूद है.
इस वार्ड में पार्षद के
तौर बहुजन समाज पार्टी से राजेंद्र जी कार्यरत हैं तथा वह वर्ष 2017 से जनप्रतिनिधि के रूप में स्थानीय विकास
कार्यों में संलग्न हैं. वार्ड में सामान्य
कॉलोनियां, सोसाइटी क्षेत्र व मलिन बस्तियां भी मौजूद हैं इसीलिए वार्ड में जीविका
के साधन भी मिश्रित ही हैं. इसीलिए यहां व्यापारी वर्ग, छोटे लघु-कुटीर उद्योगों से जुड़ी जनता, व्यापार में संलग्न लोगों के साथ-साथ नौकरीपेशा
जनता का भी निवास स्थान है. जिनमें प्राइवेट
व सरकारी नौकरियों वाली जनता भी शामिल है.
जनता की मौलिक सुविधाओं
के दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस वार्ड में शिक्षा सुविधा के रूप में जीवन ज्योति
स्कूल, तिब्बती यूनिवर्सिटी, प्राइमरी स्कूल, प्राइमरी स्कूल पगम्बरपुर व प्राइमरी स्कूल रामरेपुर जैसे
स्कूल मौजूद हैं. साथ ही वार्ड में सरकारी विद्यालय व इंटर कॉलेज की भी सुविधा है.
लिहाज़ा शिक्षा का स्तर वार्ड में बेहतर है. स्वास्थ्य सुविधाओं के रूप में यहां छोटे
प्राइवेट क्लीनिक के साथ-साथ कुछ प्राइवेट नर्सिंग होम और सरकारी अस्पताल भी मौजूद
हैं.
इसके अतिरिक्त यदि
धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो वार्ड में कुछ मंदिर भी मौजूद है, जिनमें शिव मंदिर और विंध्यवासिनी मंदिर इत्यादि मौजूद है, जो जनता की धार्मिक भावनाओं के लिए अच्छे विकल्प के रूप
में माने जाते हैं.